Google Search के जरिए हो रही ठगी, सरकार ने जारी किया अलर्ट, यह है ठगी का ‘Modus Operandi’
गूगल सर्च आज हमारी पहली जरूरत बन गया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही आपकी सबसे बड़ी कमजोरी भी बन सकता है? साइबर ठग अब गूगल के सर्च रिजल्ट्स में फर्जी नंबर और वेबसाइट्स डालकर आम लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. आइए जानते हैं इस नई ठगी की पूरी कहानी और बचाव के उपाय.

Cyber Fraud by Google Search: इंटरनेट की दुनिया में गूगल हमारी पहली पसंद बन गया है. किसी कंपनी का customer care नंबर हो, बैंक की शिकायत दर्ज करनी हो या सरकारी योजना की जानकारी लेनी हो, हम सीधे गूगल पर सर्च करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी इसी आदत का फायदा साइबर ठग उठा रहे हैं? एक नई और चालाक तरह की ठगी (Google Scam) तेजी से फैल रही है, जहां ठग गूगल के सर्च रिजल्ट्स को ही अपना जाल बना रहे हैं. गृह मंत्रालय की वेबसाइट साइबर दोस्त ने इंटरनेट यूजर्स को Google Scam से बचने के लिए आगाह किया है.
कैसे होती है यह ठगी? (The Modus Operandi)
फर्जी वेबसाइट्स और नंबर बनाना – सबसे पहले ठग लोकप्रिय बैंकों, ई-कॉमर्स कंपनियों (जैसे अमेजन, फ्लिपकार्ट), टेक कंपनियों (जैसे माइक्रोसॉफ्ट), या यहां तक कि सरकारी विभागों की नकली वेबसाइटें और हेल्पलाइन नंबर बनाते हैं.
गूगल पर टॉप रैंक हासिल करना – ठग Paid Ads (जिन पर ‘Ad’ लिखा होता है) और Black-Hat SEO तकनीकों का इस्तेमाल करके इन फर्जी नंबरों वाली साइट्स को गूगल सर्च के पहले पेज पर, अक्सर टॉप पर ले आते हैं. आम उपयोगकर्ता यह समझते हैं कि जो लिंक या नंबर गूगल के पहले पेज पर है, वह विश्वसनीय ही होगा.
शिकार को फंसाना – जब कोई उपयोगकर्ता किसी समस्या (जैसे ‘Amazon Customer Care Number’, ‘SBI Bank Fraud Helpline’) के साथ गूगल सर्च करता है और इन फर्जी नंबरों पर कॉल करता है, तो उसे एक पेशेवर अंदाज में पेश होने वाला ठग मिलता है.
जानकारी हासिल करना और ठगी – इसके बाद ठग उपयोगकर्ता का विश्वास हासिल करते हैं और समस्या का हल बताने के बहाने उससे संवेदनशील जानकारियां जैसे डेबिट/क्रेडिट कार्ड का नंबर, CVV, OTP, नेट बैंकिंग लॉगिन आईडी और पासवर्ड मांगते हैं. OTP मिलते ही ठग तुरंत उसके खाते से पैसे निकाल लेते हैं या उसके कार्ड का गलत इस्तेमाल करते हैं.
गूगल सर्च ठगी से कैसे बचें?
- कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट का इस्तेमाल करें – किसी भी कंपनी का कस्टमर केयर नंबर हासिल करने का सबसे सुरक्षित तरीका है कि आप सीधे उसकी ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं और ‘Contact Us’ सेक्शन में दिए गए नंबर का इस्तेमाल करें. गूगल सर्च रिजल्ट पर विश्वास ना करें.
- ‘Ad’ लेबल वाले लिंक पर रहें सावधान – याद रखें, कोई भी Ads (जिन पर ‘Ad’ लिखा होता है) Pay करके टॉप पर पहुंचाए जाते हैं. ठग इनका खूब इस्तेमाल करते हैं. इन पर क्लिक करने या इनके नंबर डायल करने से पहले दो बार सोचें.
- OTP, CVV, पासवर्ड किसी से शेयर ना करें – यह सुनहरा नियम याद रखें. कोई भी वैध कंपनी या बैंक आपसे कभी भी आपका OTP, कार्ड का CVV, या नेट बैंकिंग का पासवर्ड फोन पर या ईमेल पर नहीं मांगती. OTP आपकी निजी चाबी है, इसे किसी के साथ शेयर ना करें.
- कॉलर की पहचान ऐप्स का Use करें – Truecaller जैसे ऐप्स आपको यह पहचानने में मदद कर सकते हैं कि कॉल किसी स्कैम नंबर से तो नहीं आ रही. हालांकि, ये पूरी तरह भरोसेमंद नहीं हैं, लेकिन एक अतिरिक्त सुरक्षा परत जरूरत करते हैं.
- सीधे ऐप से संपर्क करें – अगर आप किसी ऐप या वेबसाइट का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो ज्यादातर ऐप्स और वेबसाइट्स के अंदर ही ‘Help’ या ‘Support’ का विकल्प होता है. वहां से सीधे संपर्क करना सबसे सुरक्षित है.
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