पुलवामा हमले में नाम जोड़कर ₹9 लाख की ठगी, आतंकवाद जांच के बहाने अपराधियों ने बनाया शिकार
दिल्ली के करोल बाग में एक 32 वर्षीय व्यक्ति से साइबर ठगों ने 9.67 लाख रुपये की ठगी की. आरोपियों ने खुद को सरकारी अधिकारी बताकर उसे पुलवामा हमले की जांच में शामिल बताया और “डिजिटल गिरफ्तारी” के नाम पर पैसे ट्रांसफर करवा लिए. ठगों ने एंटी टेररिज्म स्क्वाड अधिकारी बनकर उसे डराया और आरबीआई खाते में रकम भेजने को कहा. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
Cyber Fraud: दिल्ली में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहां साइबर अपराधियों ने खुद को सरकारी अधिकारी बताकर एक युवक से 9.67 लाख रुपये की ठगी कर ली. ठगों ने पीड़ित को यह कहकर डराया कि वह पुलवामा आतंकी हमले की जांच के दायरे में है और उसके नाम से कश्मीर में एक बैंक खाता खोला गया है जिसमें 50 लाख रुपये जमा हैं. डर और धमकी के बीच युवक ने लाखों रुपये ट्रांसफर कर दिए.
पुलवामा हमले में नाम जोड़कर डराया
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 32 वर्षीय पीड़ित को अगस्त में अज्ञात नंबरों से चार कॉल आईं. ठगों ने उसे पुलवामा हमले में शामिल बताया और कहा कि उसके नाम से कश्मीर में खाता खोला गया है. उन्होंने चेतावनी दी कि मामला बेहद गोपनीय है और किसी को न बताए. आरोपी ने उसे कैमरा ऑन करने और कमरे में खुद को लॉक करने का निर्देश दिया.
अधिकारी बनकर की बात
ठगों ने पीड़ित को उसके बैंक खातों और वित्तीय जानकारियों के बारे में पूछताछ की. इसके बाद उसे एक व्यक्ति से जोड़ा गया जिसने खुद को एंटी टेररिज्म स्क्वाड का प्रमुख बताया. उन्होंने कहा कि जांच के लिए लखनऊ आना होगा और पैसे को वैध करने के लिए आरबीआई खाते में जमा कराना होगा.
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डर के चलते भेज दिए लाखों रुपये
डर के माहौल में पीड़ित ने अपने दो खातों से कुल 9.67 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए. बाद में ठगों ने 4 लाख रुपये और मांगे जिन्हें न देने पर उन्होंने कॉल काट दी और मोबाइल बंद कर लिया. जब पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ तो वह मानसिक रूप से बेहद परेशान हो गया.
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पुलिस ने दर्ज किया मामला
इस पूरे मामले में करोल बाग थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस के अनुसार ठगों की पहचान और पैसे की रिकवरी के प्रयास जारी हैं. अधिकारी लोगों से अपील कर रहे हैं कि ऐसे कॉल या वीडियो चैट पर कभी भरोसा न करें और तुरंत पुलिस को सूचना दें.
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