ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के नाम पर फर्जीवाड़ा, जानें ठगी का Modus Operandi और ऐसे रहें सेफ

साइबर धोखाधड़ी आज के डिजिटल युग में एक गंभीर खतरा बन गई है. भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने हाल ही में वाहन और ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़ी धोखाधड़ियों के प्रति चेतावनी जारी की है. साइबर अपराधी नकली लाइसेंस बनाने के नाम पर लोगों को लालच देकर ठग रहे हैं, जिससे सतर्कता और जागरूकता बेहद जरूरी हो गई है.

Cyber fraud under the pretext of a fake driving licence Image Credit: Canva/ Money9

Cyber fraud under the pretext of a fake driving licence: साइबर धोखाधड़ी के बढ़ते खतरे ने आज के डिजिटल युग में हर किसी को सतर्क रहने की जरूरत पैदा कर दी है. हाल ही में, भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक चेतावनी जारी की, जिसमें वाहन और ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित सेवाओं में होने वाली धोखाधड़ी के प्रति लोगों को आगाह किया गया. साइबर अपराधी लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस बानाने के नाम पर ठगते हैं. चालक भी बिना किसी अससमेंट लाइसेंस पाने की लालच में ठग के झांसे में आ जाते हैं.

नकली ड्राइविंग लाइसेंस का क्या है Modus Operandi?

बाजार में Dark Web या फर्जी ID-printing वेबसाइटें चलती हैं जो बड़ी संख्या में यूजर्स से आधार, पैन, वाहन डेटा, फोटो आदि की जानकारी वसूलती हैं. बाद में इसी डेटा से फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बनाकर SMS/WhatsApp पर भेज दिए जाते हैं. जब QR कोड या Truecaller पर जांचा जाता है, तब वास्तविक लगता है. वाहन चालकों को अक्सर वास्तविक URLs, RTO लोंगो और वैध नंबर दिखाकर WhatsApp या SMS पर बकाया E‑challan या ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यू का लिंक भेजा जाता है. जब व्यक्ति APK डाउनलोड करता है, तब मोबाइल के सभी Banking Apps, मेसेजेस और OTP तक जालसाजों की पहुंच हो जाती है. इसके अलावा अपराधी नकली वेबसाइट्स और ऐप्स बनाते हैं, जो parivahan.gov.in या Nextgen mParivahan की नकल करते हैं. वे फिशिंग ईमेल और मैसेज भेजकर यूजरनेम, पासवर्ड और बैंक डिटेल्स चुराते हैं. फिर इस जानकारी का दुरुपयोग करते हैं. TOI की एक रिपोर्ट अनुसार हाल ही में महाराष्ट्र के मोरबी में नकली ड्राइबिंग लाइसेंस के नाम पर 2.25 लाख रुपये के धोखाधड़ी हुई है.

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ऐसे रहें सेफ

ठगी के बाद यहां करें रिपोर्ट

किसी भी प्रकार के साइबर फ्रॉड का अंदेशा होने पर उसे तुरंत 1930 नेशनल हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके रिपोर्ट करें या फिर cybercrime.gov.in पर शिकायत कर सकते हैं.

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