नोएडा में सामने आया डेटिंग ऐप ठगी का बड़ा मामला, 2 साल तक चला LOVE गेम, 66 लाख रुपये हुए गायब

देश में ऑनलाइन डेटिंग के बढ़ते चलन के साथ साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. डेटिंग ऐप पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर दोस्ती और प्यार का भरोसा दिलाया जाता है, फिर बीमारी या संकट का बहाना बनाकर पीड़ितों से लाखों रुपये ऐंठ लिए जाते हैं. हाल ही में नोएडा में एक इंजीनियर से 66 लाख रुपये की ऐसी ही ठगी सामने आई है.

Dating APP Cyber Fraud: Image Credit: Canva/ Money9

Dating APP Cyber Fraud: देश में ऑनलाइन डेटिंग का चलन तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ ही साइबर ठग भी सक्रिय हो गए हैं. डेटिंग ऐप पर मैच बनाकर पहले दोस्ती और फिर प्यार का भरोसा दिलाया जाता है. कुछ दिनों की मीठी-मीठी बातों के बाद ये फर्जी प्रेमी/प्रेमिकाएं भावनात्मक दबाव बनाकर पैसे उधार मांगने लगते हैं. कभी अचानक बीमारी का बहाना, कभी किसी दुर्घटना की कहानी, तो कभी विदेश में फंसे होने की झूठी दास्तां. कई मामले ऐसे सामने आए हैं जिनमें पीड़ितों ने लाखों रुपये गंवा दिए और बाद में ठग अचानक गायब हो गए.

हाल ही में नोएडा सेक्टर 62 में रहने वाले इंजीनियर के साथ ये धोखाधड़ी हुई. इंजीनियर टिंडर ऐप चलाते थे. साल 2023 में उनके पास शुभांगी मौटी नाम की आईडी से एक महिला की रिक्वेस्ट आई. इंजीनियर ने महिला की रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली. इसके बाद दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई. पैसे ट्रांसफर करने का सिलसिला 2 साल तक चला. जून 2023 से लेकर फरवरी 2025 तक ठग उससे पैसे ऐंठते रहे. गर्लफ्रेंड ने 294 बार में करीब 66 लाख 22 हजार रुपये ऐंठे. अब पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

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ठगी होती कैसे है?

डेटिंग ऐप पर ठग आकर्षक फोटो और नकली पहचान बनाकर प्रोफाइल तैयार करते हैं. वे लगातार चैट कर भरोसा जीतते हैं और कुछ ही दिनों में भावनात्मक रिश्ता बना लेते हैं. इसके बाद वे अचानक किसी बीमारी, दुर्घटना या आर्थिक संकट की मनगढ़ंत कहानी सुना कर पैसे भेजने का दबाव बनाते हैं. अक्सर ये लोग वीडियो कॉल से बचते हैं, प्रूफ मांगने पर बहाने बनाते हैं और जैसे ही पैसे मिल जाते हैं, तुरंत नंबर, चैट और प्रोफाइल डिलीट कर गायब हो जाते हैं.

बचाव के तरीके

ऐसी ठगी से बचने के लिए सबसे पहले किसी भी ऑनलाइन परिचित पर जल्दी भरोसा न करें और बिना जांच-पड़ताल के पैसे न भेजें. प्रोफाइल की सत्यता रिवर्स इमेज सर्च या सोशल मीडिया पर क्रॉस-चेक कर वेरिफाइ करें. व्यक्तिगत जानकारी जैसे पता, बैंक डिटेल, OTP आदि बिल्कुल साझा न करें. कोशिश करें कि व्यक्ति से वीडियो कॉल पर बात करें और यदि वह बार-बार बचने लगे तो तुरंत सतर्क हो जाएं. किसी संदिग्ध प्रोफाइल को ऐप में उपलब्ध रिपोर्ट और ब्लॉक विकल्प के जरिए चिन्हित करना भी सुरक्षा के लिए जरूरी है.