25 देशों के 80% बच्चे हो रहे साइबरबुलिंग के शिकार, इन टिप्स को फॉलो करके रहें सेफ, यहां करें शिकायत

साइबर बुलिंग आज एक वैश्विक समस्या बन चुकी है. यूनिसेफ के अनुसार, 30 देशों में हर तीसरा बच्चा इसका शिकार है, जबकि WHO के आंकड़े बताते हैं कि 44 देशों में हर छठा बच्चा प्रभावित है. ऑनलाइन पढ़ाई ने बच्चों को डिजिटल दुनिया की आजादी तो दी, पर इसके गलत इस्तेमाल से साइबर बुलिंग, यौन शोषण और मानसिक तनाव जैसे खतरे बढ़ गए हैं.

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Cyberbullying: ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से बच्चों को मोबाइल और कंप्यूटर्स पर छूट तो मिल गई, लेकिन अब यह छूट धीरे-धीरे लत में बदल गई है. बच्चों को यह लगता है कि वर्चुअल दुनिया में वह कुछ भी करेंगे तो उन्हें रोकने टोकने वाला कोई नहीं है. उन्हें पूरी आजादी है. आपत्तिजनक कमेंट्स या फोटोग्राफ पोस्ट करने के बाद भी उन्हें लगता है कि वह बचकर निकल सकते हैं, जबकि यह नहीं जानते कि इस तर की हरकतें साइबर बुलिंग है.

25 देशों के 80% बच्चे हो रहें शिकार

यूनिसेफ के इन आंकड़ों पर गौर करें 25 देशों में लगभग 80 फीसदी बच्चे ऑनलाइन यौन शोषण या शोषण के खतरे को महसूस करते हैं. 30 देशों में हर तीन में से एक बच्चा साइबर बुलिंग से पीड़ित है और पांच में से एक ने इसके कारण स्कूल ही छोड़ दिया. यह आंकड़ा गृह मंत्रालय की वेबसाइट साइबर दोस्त ने दिया है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार दुनिया के 44 देशों में हर छठा बच्चा साइबर बुलिंग का शिकार है, तो यानी यह भारत में ही नहीं विश्व भर में हो रहा है क्योंकि साइबर की दुनिया की सीमाएं नहीं होती. दुनिया के किसी भी कोने में बैठे अपराधी की आपके बच्चों तक पहुंच संभव है. ये आपके जानने वाले भी हो सकते हैं और अनजान लोग से भी खतरा बहुत बढ़ गया है.

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कैसे रहें सेफ?

अपनी ऑनलाइन गतिविधियों को प्राइवेट रखें

  • सोशल मीडिया अकाउंट्स को प्राइवेट सेट करें.
  • अनजान लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट या मैसेज स्वीकार ना करें.
  • पर्सनल जानकारी (जैसे पता, फोन नंबर, स्कूल/कॉलेज का नाम) ऑनलाइन शेयर ना करें.

बुलिंग वाले मैसेज/कमेंट्स को इग्नोर या ब्लॉक करें

  • बुली (धमकाने वाले) को तुरंत ब्लॉक कर दें.
  • उसके मैसेज या कमेंट्स का जवाब ना दें.
  • अगर वह अलग-अलग अकाउंट्स से परेशान करे, तो रिपोर्ट करें.

सबूत सुरक्षित रखें

  • मैसेज, स्क्रीनशॉट या वीडियो को सेव करके रखें.
  • सबूत डिलीट ना करें, क्योंकि ये सबूत पुलिस या प्लेटफॉर्म को शिकायत करने में मदद करेंगे.

किसी भरोसेमंद व्यक्ति को बताएं

  • माता-पिता, शिक्षक या किसी भरोसेमंद दोस्त को इस बारे में बताएं.
  • अकेले डर या शर्म महसूस ना करें. यह आपकी गलती नहीं है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर रिपोर्ट करें

  • फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप, ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म्स पर बुलिंग अकाउंट को रिपोर्ट करें.
  • गंभीर मामलों में साइबर सेल (https://cybercrime.gov.in/) पर शिकायत दर्ज करें.

मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें

  • साइबर बुलिंग से तनाव हो सकता है, इसलिए काउंसलिंग लेने में संकोच ना करें.
  • हेल्पलाइन नंबर (जैसे CHILDLINE – 1098) पर संपर्क करें.

बदला ना लें, बल्कि स्मार्ट बनें

  • खुद भी बदले में गलत भाषा या धमकी ना दें, इससे स्थिति बिगड़ सकती है.
  • शांत रहें और कानूनी तरीके से समाधान ढूंढें.

दो तरह से करें शिकायत

अगर आप ऑनलाइन ठगी या साइबर अपराध के शिकार हुए हैं, तो नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के जरिए दो मुख्य तरीकों से शिकायत दर्ज कर सकते हैं. आप हेल्पलाइन नंबर 1930 पर सीधे कॉल करके साइबर धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कर सकते हैं. आप cybercrime.gov.in पर जाकर भी ठगी को रिपोर्ट कर सकते हैं.