स्विस बैंकों में भारतीयों ने जमा किए 3675 करोड़, एक साल में 11 फीसदी बढ़ा, सबसे ज्यादा ब्रिटेन का पैसा
स्विस बैंकों में भारतीय जमा रकम तीन गुना बढ़कर 37,600 करोड़ रुपये हो गई. ये उछाल बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के जरिए आई बड़ी रकम की वजह से हुआ है. भारत अब 48वें स्थान पर है. ब्रिटेन सबसे ऊपर है, जबकि पाकिस्तान की रकम घट गई है.

Indian Money In Swiss Banks: स्विस बैंकों में जमा भारतीय पैसा 2024 में तीन गुना से ज्यादा बढ़ गया है. स्विट्जरलैंड के सेंट्रल बैंक (Swiss National Bank – SNB) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, यह राशि 3.5 बिलियन स्विस फ्रैंक (करीब 37,600 करोड़ रुपये) तक पहुंच गई है. यह उछाल मुख्य रूप से भारतीय बैंकों और दूसरी वित्तीय संस्थाओं के जरिए जमा की गई बड़ी रकम के कारण आया है. जबकि सीधे कस्टमर अकाउंट में जमा राशि में मामूली बढ़ोतरी हुई है. यह बढ़त ऐसे समय में हुई है जब साल 2023 में 70 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी.
कस्टमर्स अकाउंट में हुआ मामूली बढ़ोतरी
हालांकि, भारतीय ग्राहकों के पर्सनल खातों में जमा राशि केवल 11 प्रतिशत बढ़ी है. यह राशि 346 मिलियन स्विस फ्रैंक (लगभग 3,675 करोड़ रुपये) रही. यानी कुल जमा धनराशि का सिर्फ एक-दसवां हिस्सा ही सीधा ग्राहकों के खातों में है. खास बात ये है कि सबसे बड़ा इजाफा भारतीय धनराशि के उस हिस्से में हुआ है जो स्विस बैंकों में भारतीय बैंकों या दूसरी वित्तीय संस्थाओं के जरिए जमा है. यह रकम 427 मिलियन से बढ़कर 3.02 बिलियन स्विस फ्रैंक तक पहुंच गई है. इसके अलावा, ट्रस्ट और फिड्यूशरी खातों में 41 मिलियन स्विस फ्रैंक और बॉन्ड, सिक्योरिटीज आदि में 135 मिलियन स्विस फ्रैंक शामिल हैं.
2023 में हुई थी भारी गिरावट
साल 2023 में भारतीय बैंकों के स्विस बैंकों में जमा रकम में 70 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई थी और यह चार साल के न्यूनतम स्तर 1.04 बिलियन फ्रैंक पर आ गई थी. 2024 में यह फिर से तेजी से बढ़कर 3.5 बिलियन फ्रैंक हो गई है, जो 2021 के बाद का सबसे हाई लेवल पर है.
ब्लैक मनी नहीं, आधिकारिक आंकड़े
बता दें स्विस सेंट्रल बैंक के ये आंकड़े केवल बैंकों द्वारा रिपोर्ट की गई कुल देनदारियों को दिखाते हैं. यानी ये आंकड़े यह नहीं बताते कि इनमें कितना काला धन है. साथ ही, वे खाते जो किसी तीसरे देश की संस्था या व्यक्ति के नाम पर खोले गए हैं, उनमें भारतीय धन शामिल हो सकता है, लेकिन उसे इन आंकड़ों में नहीं जोड़ा गया है.
BIS के आंकड़ों में केवल 650 करोड़ रुपये
स्विट्जरलैंड और भारत दोनों की सरकारें Bank for International Settlements (BIS) के आंकड़ों को अधिक विश्वसनीय मानती हैं. BIS के मुताबिक 2024 में भारतीय व्यक्तियों की जमाएं 6 प्रतिशत बढ़कर 74.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 650 करोड़ रुपये) हो गईं. BIS डेटा के अनुसार, स्विस बैंकों में भारतीय ( बैंक, फॉइनेंशियल इंस्टिट्यूशन और पर्सनल अकाउंट) की जमाएं 2007 में अपने हाई लेवल यानी 2.3 बिलियन डॉलर (9,000 करोड़ से अधिक) पर थीं. तब से इसमें उतार-चढ़ाव आता रहा है.
भारत को मिल रही नियमित जानकारी
साल 2018 से भारत और स्विट्जरलैंड के बीच ऑटोमैटिक टैक्स जानकारी साझा करने की व्यवस्था लागू है. इसके तहत 2019 से हर साल भारतीय खाताधारकों की जानकारी भारत सरकार को भेजी जा रही है. इसके अलावा, अगर भारत सरकार किसी व्यक्ति के खिलाफ कर चोरी या गड़बड़ी का प्राथमिक साक्ष्य देती है, तो स्विट्ज़रलैंड सरकार विशेष तौर पर खाता जानकारी साझा कर रही है. ऐसे सैकड़ों मामलों में जानकारी पहले ही साझा की जा चुकी है.
दूसरे देशों का हाल
स्विट्जरलैंड में विदेशी ग्राहकों के कुल फंड 2024 में घटकर 977 बिलियन स्विस फ्रैंक रह गए हैं, जो 2023 में 983 बिलियन थे. भारत का स्थान 67वें से बढ़कर 48वें स्थान पर आ गया है, लेकिन 2022 के 46वें स्थान से नीचे है. अगर सबसे ज्यादा फंड की बात की जाए तो ब्रिटेन टॉप पर है. यूनाइटेड किंगडम का कुल 222 बिलियन स्विस फ्रैंक एसएनबी में जमा हैं. वहीं दूसरे नंबर पर अमेरिका है, जिसका 89 बिलियन फ्रैंक और फिर वेस्ट इंडीज के 68 बिलियन डॉलर इस बैंक में रखे हुए हैं. जब कि पाकिस्तान के फंड घटकर 272 मिलियन स्विस फ्रैंक रह गए हैं.
इसे भी पढ़ें-एयर इंडिया प्लेन क्रैश से बरामद हुए 70 तोले सोने और 80 हजार रुपये का क्या होगा, किसका रहेगा हक; कौन कर सकता है दावा
Latest Stories

पाकिस्तान ने माना सच, भारत के हमले से डर कर किया सीजफायर, सऊदी प्रिंस की भूमिका पर भी बड़ा दावा

क्या है ईरान का फतह, जिसने भेद दिया इजरायल का सुरक्षा कवच; युद्ध का पलट देगा पासा !

इजरायल का ईरान पर साइबर अटैक, क्रिप्टो एक्सचेंज नोबिटेक्स से लूटे 750 करोड़, दिया तगड़ा झटका
