अमेरिकी सरकार बनी इंटेल कंपनी में हिस्सेदार, 8.9 अरब डॉलर में की सरप्राइज डील; शेयरों में 5 फीसदी की तेजी

अमेरिकी सरकार ने इंटेल में 9.9 फीसदी हिस्सेदारी खरीदकर डोमेस्टिक चिप प्रोडक्ट को बढ़ावा दिया है. इसके तहत सरकार ने 433.3 मिलियन शेयर लिए और लगभग 8.9 अरब डॉलर का निवेश किया. यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और सप्लाई चेन को मजबूत करने की दिशा में अहम माना जा रहा है. इस डील के बाद इंटेल के शेयर 5.5 फीसदी चढ़ गए.

अमेरिकी सरकार ने इंटेल में 9.9 फीसदी हिस्सेदारी खरीदा है. Image Credit: CANVA

Intel US Government: अमेरिका ने डोमेस्टिक लेवल पर चिप प्रोडक्शन को मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने इंटेल में लगभग 10 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली है. इस सौदे के तहत सरकार को 433.3 मिलियन शेयर मिले हैं जो कंपनी की कुल हिस्सेदारी का 9.9 फीसदी है. इसके लिए 8.9 अरब डॉलर का निवेश किया गया है. यह फैसला अमेरिकी सप्लाई चेन को सुरक्षित करने और देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है.

सरकार ने लिया 9.9 फीसदी हिस्सा

अमेरिकी सरकार ने इंटेल में लगभग 10 फीसदी हिस्सेदारी लेकर सभी को चौंका दिया है. आमतौर पर सरकारें निजी कंपनियों में सीधे हिस्सेदारी नहीं लेती हैं. हालांकि इस सौदे में सरकार को बोर्ड की सीट या कोई विशेष अधिकार नहीं मिलेगा और वह एक साधारण हिस्सेदार बनी रहेगी.

चिप्स एंड साइंस एक्ट का असर

यह निवेश चिप्स एंड साइंस एक्ट और सिक्योर एन्क्लेव प्रोग्राम के तहत किया गया है. इंटेल को इससे पहले 2.2 अरब डॉलर की मदद मिल चुकी थी. अब कुल निवेश 11.1 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. सरकार का मानना है कि इससे अमेरिकी तकनीकी आधार और भी मजबूत होगा.

इंटेल के शेयरों में तेजी

डील की घोषणा के बाद इंटेल के शेयरों में जोरदार उछाल आया. कंपनी के शेयर 5.5 फीसदी चढ़कर 24.80 डॉलर तक पहुंच गए. हालांकि बाजार बंद होने के बाद इसमें थोड़ी गिरावट भी देखी गई. यह साफ है कि निवेशकों ने इस सौदे का स्वागत किया है.

राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा कदम

व्हाइट हाउस ने इस सौदे को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा कदम बताया है. अमेरिका नहीं चाहता कि भविष्य में चिप की कमी से देश की सप्लाई चेन प्रभावित हो. इंटेल अमेरिका की उन चुनिंदा कंपनियों में से है जो बड़े स्तर पर घरेलू उत्पादन करने की क्षमता रखती हैं.

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ट्रंप का नया मॉडल

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस डील को अमेरिका के लिए शानदार सौदा बताया है. उनका कहना है कि इंटेल जैसी कंपनी में निवेश से देश को सीधा फायदा मिलेगा. ट्रंप की नीति है कि सरकारी फंडिंग सीधे अमेरिकी अर्थव्यवस्था और लोगों को लाभ पहुंचाए. हालांकि कई जानकारों का मानना है कि इंटेल के लिए केवल वित्तीय मदद काफी नहीं है. कंपनी लंबे समय से तकनीकी बढ़त खो रही है और कंपटीशन में पिछड़ रही है.