यह कुछ तेल और सिरके के मिलने जैसा है, पुतिन और जेलेंस्की की बातचीत पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का बयान
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत को चुनौतीपूर्ण बताया और दोनों नेताओं के रिश्तों को तेल और सिरके जैसा करार दिया. उन्होंने कहा कि जैसे तेल और सिरका आसानी से एक-दूसरे में नहीं मिलते, वैसे ही पुतिन और जेलेंस्की को एक साथ लाना बेहद कठिन है.

Russia-Ukraine War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शांति वार्ता को लेकर बड़ा बयान दिया है. ट्रंप ने रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत को चुनौतीपूर्ण बताया और दोनों नेताओं के रिश्तों को तेल और सिरके जैसा करार दिया. उन्होंने कहा कि जैसे तेल और सिरका आसानी से एक-दूसरे में नहीं मिलते, वैसे ही पुतिन और जेलेंस्की को एक साथ लाना बेहद कठिन है.
रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने की कोशिशें
Mint की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने उम्मीद जताई कि दोनों नेता बातचीत करके युद्ध को खत्म करने का रास्ता निकाल सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस संघर्ष में हर हफ्ते करीब 7,000 लोग मारे जा रहे हैं, जिनमें ज्यादातर सैनिक हैं. ट्रंप ने कहा, “वे लगातार लड़ रहे हैं और लोगों को मार रहे हैं. यह बहुत मूर्खता है क्योंकि वे हर हफ्ते 7,000 लोगों को खो रहे हैं. पहले मैं कहता था 5,000, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 7,000 हो गई है. सोचिए, औसतन 7,000 लोगों की जान जा रही है, जिनमें ज्यादातर सैनिक हैं.”
ट्रंप का दावा- सात युद्ध रोके
ट्रंप ने यह भी दावा किया कि उन्होंने अब तक सात युद्धों को रोका है. उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध अब तक का सबसे कठिन साबित हो रहा है. ट्रंप बोले, “हम देखना चाहते हैं कि क्या इसे रोका जा सकता है. मैंने सात युद्ध रोके हैं, मैंने सोचा था कि यह मध्यम स्तर की कठिनाई वाला होगा, लेकिन यह सबसे मुश्किल बन गया है.”
अलास्का में अमेरिका-रूस वार्ता
ट्रंप और पुतिन की मुलाकात 15 अगस्त को अलास्का के एंकोरेज में हुई. इस बैठक का मकसद यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए समझौता करना था. हालांकि, इस बैठक से कोई ठोस सीजफायर समझौता नहीं निकल सका. खास बात यह रही कि इस बैठक में यूक्रेन को आमंत्रित नहीं किया गया था.
वॉशिंगटन में ट्रंप-जेलेंस्की मुलाकात
इसके बाद 18 अगस्त को जेलेंस्की ने व्हाइट हाउस में ट्रंप से मुलाकात की. इस दौरान कई यूरोपीय नेता भी मौजूद थे ताकि रूस के खिलाफ एकजुटता दिखाई जा सके. बैठक के बाद जेलेंस्की ने कहा कि वे पुतिन से सीधे मुलाकात करने के लिए तैयार हैं. हालांकि, रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस की शर्तें यूक्रेन के लिए मानना आसान नहीं होंगी. रूस ने कहा है कि वह कब्जा किए गए कुछ छोटे इलाकों को छोड़ देगा, लेकिन यूक्रेन को अपने पूर्वी क्षेत्र का बड़ा हिस्सा रूस को सौंपने के लिए तैयार होना पड़ेगा.
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