तुर्की एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज पर बड़ा आतंकवादी हमला, 3 लोगों की मौत, 14 घायल
गृह मंत्री अली येरलिकाया ने बताया कि घटना में कम से कम दो हमलावर मारे गए, जबकि 14 लोग घायल हो गए. यह हमला रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र की दिग्गज कंपनी के परिसर को निशाना बनाकर किया गया, हालांकि अभी और जानकारी आनी बाकी है. हमलावरों की पहचान अभी भी स्पष्ट नहीं है.
बुधवार को तुर्की में तुर्की एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (टीएआई) पर आतंकवादियों के हमले में तीन लोगों की मौत हो गई और 14 अन्य घायल हो गए. वाशिंगटन पोस्ट ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि हमलावरों ने तुर्की की सरकारी एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी TUSAS के परिसर में विस्फोटक से विस्फोट किया और गोलीबारी की, जिसमें तीन व्यक्तियों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए.
गृह मंत्री अली येरलिकाया ने बताया कि घटना में कम से कम दो हमलावर मारे गए, जबकि 14 लोग घायल हो गए. यह हमला रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र की दिग्गज कंपनी के परिसर को निशाना बनाकर किया गया, हालांकि अभी और जानकारी आनी बाकी है. हमलावरों की पहचान अभी भी स्पष्ट नहीं है. तुर्की को पहले भी चरमपंथियों के हमलों का सामना करना पड़ा है.
कैसे हुआ हमला
शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि हमलावरों का एक समूह सुरक्षा कर्मियों की शिफ्ट बदलने के दौरान एक टैक्सी में पहुंचा. एक हमलावर ने कथित तौर पर एक बम विस्फोट किया, जबकि अन्य ने परिसर में घुसपैठ की. तुर्की ब्रॉडकास्टर के मुताबिक, कुछ कर्मचारियों को बंधक बनाया जा सकता है. टेलीविजन पर दिख रहे फुटेज में सादे कपड़ों में एक व्यक्ति को बैग और असॉल्ट राइफल लेकर चलते हुए दिखाया गया है. तस्वीरों से यह भी पता चला कि एक महिला हमलावर भी असॉल्ट राइफल लिए हुए थी. इस दौरान घटनास्थल पर सुरक्षा बलों, एम्बुलेंस और अग्निशमन कर्मियों को भेजा गया है.
TUSAS क्या करती है
TUSAS तुर्की की प्रमुख रक्षा और एयरोनॉटिक्स फर्मों में से एक है, जो अन्य प्रोजेक्ट्स के अलावा देश के पहले राष्ट्रीय लड़ाकू विमान KAAN के उत्पादन के लिए जानी जाती है. TAI की वेबसाइट के अनुसार, अंकारा के कहरामनकाज़ान में 43 मिलियन वर्ग फीट में फैला यह केंद्र विमानों, हेलीकॉप्टरों, ड्रोन और उपग्रहों के निर्माण का काम करता है.
Latest Stories
टैरिफ वॉर की आशंका हुई दूर, अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता में तनाव कम; ट्रम्प-जिनपिंग के मुलाकात की जमीन तैयार
एक पहाड़ के लिए भिड़ गए अमेरिका और चीन, छुपा है 62 अरब डॉलर का खजाना, कहलाता है पवित्र स्थल
एशियाई देशों में क्यों दिलचस्पी दिखा रहे हैं ट्रंप, जापान- साउथ कोरिया और मलेशिया दौरे के पीछे क्या है प्लान?
