पाकिस्तान में जल विद्रोह, सड़कों पर लोग, मंत्री का फूंक दिया घर, सिंधु नदी बनी टेंशन

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में Cholistan Canal Project के खिलाफ लोगों का गुस्सा हिंसा में बदल गया. प्रदर्शनकारियों ने गृह राज्यमंत्री का घर जला दिया, गाड़ियां फूंकी और पुलिस पर हमला किया. उन्हें डर है कि ये प्रोजेक्ट सिंधु नदी का पानी पंजाब की ओर मोड़ देगा, जिससे सिंध में सूखा और खेती का संकट पैदा होगा.

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में Cholistan Canal Project के खिलाफ लोगों का गुस्सा हिंसा में बदल गया. Image Credit: TV9 Bharatvarsh

Cholistan Canal Project: भारत के सिंधु जल संधि को स्थगित करने और कई नदियों की पानी रोकने का असर अब पाकिस्तान में दिखने लगा है. सिंधु के पानी के लिए पाकिस्तान के सिंध प्रांत में संग्राम मचा हुआ है. दरअसल सिंध नदी से निकलने वाले चोलिस्तान नहर प्रोजेक्ट के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया है. गुस्साए लोगों ने सिंध के गृह राज्यमंत्री जियाउल हसन लांजार के घर पर हमला कर दिया, कमरों को आग के हवाले कर दिया और फर्नीचर तक फूंक डाले. जब हालात बिगड़े तो मंत्री की सुरक्षा ने हवाई फायरिंग कर भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की. प्रदर्शनकारियों ने हाईवे ब्लॉक कर ट्रकों को लूटा, ऑयल टैंकर और गाड़ियां जला दीं. वहीं कुछ लोग लूटे सामान के साथ भागते देखे गए. इस हिंसा में दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई और तीन पुलिसकर्मी घायल हुए.

क्यों भड़का विरोध?

इस पूरे बवाल की जड़ है, चोलिस्तान नहर प्रोजेक्ट, जिसके तहत सिंधु नदी का पानी पंजाब के चोलिस्तान रेगिस्तान तक ले जाने की योजना बनाई गई है. सिंध के लोगों को डर है कि इससे उनके जल स्रोत खत्म हो जाएंगे, खेती उजड़ जाएगी और उनका जीवन संकट में आ जाएगा. स्थानीय किसानों के साथ राजनीतिक दल, वकील, धार्मिक संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता भी इस विरोध में शामिल हैं.

सरकार पर भरोसा नहीं

हालांकि पाकिस्तान की काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स ने बीते महीने इस प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया था, लेकिन प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्हें लिखित आश्वासन चाहिए. यही भरोसे की कमी गुस्से की वजह बनी और प्रदर्शन हिंसा में बदल गया. सिंध के लोगों का आरोप है कि सरकार सिर्फ पंजाब प्रांत में ही विकास कर रही है और सिंध की अनदेखी कर रही है. पाकिस्तान के दूसरे प्रांतों बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनवा के लोग भी यही आरोप लगाते हैं. बता दें कि पाकिस्तान की राजनीति हो या सेना, पंजाबियों का दबदबा हर जगह देखने को मिलता है.

आजादी की मांग तक पहुंचा आंदोलन

सिर्फ पानी नहीं, अब सिंध में आजादी की मांग भी उठ रही है. जय सिंध फ्रीडम मूवमेंट (JSFM) ने 17 मई को बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए, जिसमें पाकिस्तान की सेना के खिलाफ नारे लगे और सिंध की आजादी की आवाजें उठीं. बलूचिस्तान के बाद अब सिंध भी अलगाव की राह पर दिखाई दे रहा है. भारत के खिलाफ कश्मीर के लोगों को भड़काने वाला पाकिस्तान अब अपने ही घर में घिरता दिख रहा है और अगर ऐसा ही हालात बना रहता है तो सेना के लिए स्थिति संभालना मुश्किल हो जाएगा.