क्या है अमेरिका का गोल्डन डोम, जिसके आगे S-400 भी कुछ नहीं, 15 लाख करोड़ में USA बन जाएगा अभेद्य किला
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 175 अरब डॉलर की लागत वाला ‘गोल्डन डोम’ मिसाइल डिफेंस सिस्टम पेश किया है, जो रूस और चीन से आने वाले बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइल जैसे खतरों को जल, थल और नभ से रोक सकेगा.

Golden Dome: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक महत्वाकांक्षी मिसाइल डिफेंस सिस्टम ‘गोल्डन डोम’ का ऐलान किया है. यह सिस्टम रूस और चीन से आने वाले संभावित खतरों को बेअसर करने के लिए तैयार किया जा रहा है. ट्रंप ने कहा कि यह सिस्टम उनके मौजूदा कार्यकाल के अंत तक तैयार होगा और अमेरिका की सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभाएगा. इसकी अनुमानित लागत 175 अरब डॉलर बताई गई है. यह डिफेंस सिस्टम अंतरिक्ष से होने वाले हमले को रोकने में भी सक्षम होगा.
गोल्डन डोम क्या है
गोल्डन डोम एक फ्यूचरिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम है, जिसे अमेरिका की जमीन, समुद्र और अंतरिक्ष में फैलाया जाएगा. यह सिस्टम बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइल जैसे एडवांस्ड हवाई हमलों को रोकने में सक्षम होगा. ट्रंप के अनुसार, यह योजना अमेरिका की सुरक्षा को अगले लेवल पर ले जाएगी. यह सिस्टम इजरायल की ‘Iron Dome’ से प्रेरित है, जो 2011 से मिसाइल हमलों को रोकने में उपयोग हो रही है.
कौन संभालेगा जिम्मेदारी
इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी अमेरिकी स्पेस फोर्स के जनरल माइकल गुएटलाइन को सौंपी गई है. वहीं, SpaceX, Palantir और Anduril जैसी कंपनियां इसके प्रमुख टेक्नोलॉजी पार्टनर हो सकती हैं. हालांकि, डेमोक्रेटिक पार्टी ने एलन मस्क की कंपनी SpaceX की भूमिका पर चिंता जताई है.
कनाडा भी जुड़ सकता है इस प्रोजेक्ट से
ट्रंप ने बताया कि कनाडा ने भी इस प्रोजेक्ट में दिलचस्पी दिखाई है. कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के कार्यालय के अनुसार, अमेरिका के साथ नई सुरक्षा और आर्थिक साझेदारी पर चर्चा जारी है, जिसमें NORAD और गोल्डन डोम जैसी पहलें शामिल हैं.
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क्या S-400 से डर गया है अमेरिका
इस समय रूस का एयर डिफेंस सिस्टम S-400 दुनिया का सबसे अच्छा एयर डिफेंस सिस्टम माना जाता है. रूस दावा करता है कि यह डिफेंस सिस्टम अमेरिका के स्टील्थ फाइटर जेट्स F-35 को भी मार सकता है. इसीलिए अमेरिका रूस के इस एयर डिफेंस सिस्टम को खरीदने वाले देशों पर बैन लगाने की धमकी देता है.
अभी तक यह माना जाता है कि अमेरिका रूस से अच्छा फाइटर जेट्स तो बना लिया है लेकिन एयर डिफेंस की रेस में अमेरिका रूस से पीछे रह गया है और अगर ट्रंप के दावे के अनुसार यह डिफेंस सिस्टम बन जाता है तो अमेरिका इस रेस में रूस को पीछे छोड़ सकता है.
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