ये हैं पाकिस्तान के सबसे अमीर शहर, मुंबई-दिल्ली के आगे लगते हैं गांव
भारत ने एक बार फिर साबित किया है कि वह दुनिया में इतना पावरफुल क्यों है. ताजा रैकिंग में भारतीय इकोनॉमी ने जापान को पीछे छोड़ दिया है. और जीडीपी के आधार पर वह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश बन गया है. जबकि पाकिस्तान की इस रैकिंग में कोई हैसियत नही है.

Pakistan Richest City: भारत और पाकिस्तान इन दिनों आमने सामने है. भारत सरकार पाक की नापाक हरकतों पर लगातार कार्रवाई कर रही है. वैसे तो पाकिस्तान की इकॉनमी बदहाल ही है. वहां खाने पीने की चीजों की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में भारत की तरफ से पाकिस्तान को बॉयकॉट करने से उसकी हालत और भी खस्ती हो गई है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लंबे समय से कमजोर है, ऐसे हालात में पाकिस्तान के 5 ऐसे शहर हैं जो वहां की इकोनॉमी के लिए रीढ़ साबित हो रहे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं पाकिस्तान के टॉप 5 सबसे अमीर शहरों के बारे में…
कराची
कराची पाकिस्तान का सबसे बड़ा और सबसे अमीर शहर है. यह देश की जीडीपी में 75 बिलियन डॉलर जोड़ता है. यह देश का वित्तीय और व्यापारिक केंद्र है. कराची का बंदरगाह देश के ज्यादातर आयात-निर्यात को संभालता है. कपड़ा, शिपिंग और वित्त क्षेत्र यहां मजबूत हैं. कराची का स्टॉक एक्सचेंज भी देश का सबसे बड़ा है.
लाहौर
पंजाब की राजधानी लाहौर पाकिस्तान के सबसे अमीर शहरों में से एक है. यह देश की जीडीपी में करीब 40 बिलियन डॉलर का योगदान देता है. लाहौर कपड़ा, स्टील, दवाइयां और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिए जाना जाता है. भारत के करीब होने के कारण यह व्यापार का बड़ा केंद्र है. लाहौर को “बागों का शहर” भी कहते हैं. यहां शालिमार गार्डन और मीनार-ए-पाकिस्तान जैसे ऐतिहासिक स्थल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं.
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फैसलाबाद
फैसलाबाद को “पाकिस्तान का मैनचेस्टर” कहते हैं. यह शहर जीडीपी में 21 बिलियन डॉलर का योगदान देता है. यह कपड़ा उद्योग का बड़ा केंद्र है. गेहूं, गन्ना जैसे कृषि उत्पादों के लिए भी जाना जाता है. इसका रेल और सड़क नेटवर्क व्यापार को बढ़ावा देता है. जिन्ना गार्डन और घंटाघर यहां के प्रमुख आकर्षण हैं.
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सियालकोट
सियालकोट जीडीपी में 13 बिलियन डॉलर जोड़ता है. यह खेल सामान, सर्जिकल उपकरण और चमड़े के उत्पादों के लिए विश्व प्रसिद्ध है. यहां बने फुटबॉल FIFA वर्ल्ड कप में इस्तेमाल होते हैं. इकबाल मंजिल और सियालकोट फोर्ट यहां के ऐतिहासिक स्थल हैं.
मुल्तान
मुल्तान “संतों का शहर” जीडीपी में 12 बिलियन डॉलर का योगदान देता है. यह आम, कपास और गेहूं जैसे कृषि प्रोडक्ट के लिए जाना जाता है.
फिर भी भारत के आगे फिसड्डी
पाकिस्तान के लिए भले ही ये शहर अमीर शहर के रूप में अपनी पहचान रखते हैं कि लेकिन दिल्ली मुंबई के सामने ये गांव लगते है. इसे आप इन आकड़ों से आसानी से समझ सकते हैं. अकेले की मुंबई जीडीपी 310 बिलियन डॉलर है. जोभारत का सबसे बड़ा आर्थिक केंद्र है. इसी तरह दिल्ली की जीडीपी 293.6 बिलियन डॉलर है. साफ है कि भारत के शहरों के आगे पाकिस्तान के शहर बच्चे लगते हैं.
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