कितने तरह की होती है सड़कें, नेशनल हाईवे से लेकर स्टेट हाईवे में क्या हैं अंतर; यहां जानें पूरी डिटेल
भारत की सड़कें सिर्फ कंक्रीट और डामर का जाल नहीं, बल्कि देश की प्रगति का रास्ता हैं. चाहे वो बॉलीवुड की रोमांटिक सड़कें हों या गांव की कच्ची सड़कें, हर सड़क की अपनी कहानी है. ये सड़कें लोगों को जोड़ती हैं, सामान पहुंचाती हैं और देश को एक साथ बांधती हैं.

बॉलीवुड की फिल्मों में हीरो-हीरोइन गाड़ी में बैठकर लंबी सड़कों पर सफर करते हैं, प्यार भरे गाने गाते हैं और खूबसूरत नजारे दिखाई देते हैं. सड़के लोगों के साथ-साथ उनके सपने को भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाता है. भारत में सड़कों का जाल 58.9 लाख किलोमीटर से ज्यादा फैला हुआ है, जो इसे दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क बनाता है. ये सड़कें शहरों, कस्बों और गांवों को जोड़ती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में सड़कों के कई प्रकार हैं? आइए, इसे विस्तार से जानते है.
सड़कों के प्रकार
भारत में सड़कों को कई तरीकों से बांटा जाता है. इन्हें सामग्री, जगह, भू-आकृति, ट्रैफिक, लागत और मजबूती के आधार पर समझा जा सकता है.
सामग्री के आधार पर
सड़कें बनाने के लिए अलग-अलग सामग्री का इस्तेमाल होता है. कुछ सड़कें कंकड़-पत्थर (ग्रेवल) से बनती हैं, जो सस्ती होती हैं. कुछ डामर (बिटुमिनस) से बनती हैं, जो चिकनी होती हैं. वहीं, कंक्रीट की सड़कें मजबूत और टिकाऊ होती हैं. ये इस बात पर निर्भर करता है कि सड़क पर कितना ट्रैफिक होगा और उसका उद्देश्य क्या है.
जगह के आधार पर
सबसे आम तरीका है सड़कों को उनके स्थान के आधार पर बांटना. भारत में सड़कें चार मुख्य प्रकार की हैं:
- राष्ट्रीय राजमार्ग (नेशनल हाईवे): ये बड़े शहरों और राज्यों की राजधानियों को जोड़ते हैं. इन्हें “NH” के साथ नंबर से जाना जाता है, जैसे NH-1 या NH-10.
- राज्य राजमार्ग (स्टेट हाईवे): ये एक राज्य के अंदर बड़े शहरों को जोड़ते हैं और राष्ट्रीय राजमार्गों से भी जुड़ते हैं. इन्हें “SH” कहते हैं.
- जिला सड़कें: ये शहरों के अंदर ऑफिस, बाजार, स्कूल और अस्पतालों को जोड़ती हैं.
- गांव की सड़कें: ये गांवों में होती हैं और खेतों, बाजारों या घरों तक जाने में मदद करती हैं.
भू-आकृति के आधार पर
भारत में मैदानी और पहाड़ी इलाके हैं, इसलिए सड़कें भी अलग-अलग होती हैं. मैदानी इलाकों की सड़कें सीधी और सपाट होती हैं, जिन पर गाड़ी चलाना आसान है. लेकिन पहाड़ी सड़कें घुमावदार और सर्पिल होती हैं, क्योंकि वहां का रास्ता ऊबड़-खाबड़ होता है. इन सड़कों को बार-बार ठीक करना पड़ता है, क्योंकि मौसम की मार ज्यादा पड़ती है.
भारतीय सड़क कांग्रेस (IRC) के अनुसार सड़कों का वर्गीकरण
भारतीय सड़क कांग्रेस (IRC) 1934 में बनी एक संस्था है, जो सड़कों के विकास पर नजर रखती है. इसके अनुसार सड़कें चार प्रकार की हैं:
- राष्ट्रीय राजमार्ग: ये देश के बड़े शहरों, राजधानियों और कुछ पड़ोसी देशों को जोड़ते हैं. ये सिंगल-लेन, डबल-लेन, चार-लेन, छह-लेन या आठ-लेन के हो सकते हैं. इन्हें NHAI और NHIDCL जैसी संस्थाएं संभालती हैं.
- राज्य राजमार्ग: ये एक राज्य के अंदर शहरों को जोड़ते हैं. इनका रखरखाव राज्य सरकार करती है.
- जिला सड़कें: ये शहरों के अंदर या जिलों को जोड़ती हैं. ये मेजर (बड़े) और माइनर (छोटे) हो सकते हैं.
- गांव की सड़कें: ये गांवों में होती हैं और किसानों को बाजार तक पहुंचाने में मदद करती हैं.
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