55,000 की स्‍कूटर और नंबर प्‍लेट 15 लाख रुपये की, इस राज्‍य में मनचाहे नंबर के लिए लाखों लुटा रहे लोग

चंडीगढ़ प्रशासन की रजिस्टरिंग और लाइसेंसिंग अथॉरिटी (RLA) के रिकॉर्ड बताते हैं कि जनवरी 2020 से जुलाई 2025 तक 12 सिंगल-डिजिट "फैंसी" नंबरों की नीलामी हुई. इन नंबरों के लिए लोग इतना पैसा दे रहे हैं कि गाड़ी की कीमत इसके सामने कुछ भी नहीं लगती.

नंबर प्लेट Image Credit: Tv9

Number Plate: चंडीगढ़ के रईस इलाकों में अब गाड़ी की कीमत या मॉडल से उसका रुतबा नहीं तय होता, बल्कि उसकी नंबर प्लेट के अंक तय करते हैं. लोग अपनी गाड़ियों के लिए खास नंबर प्लेट लेने के लिए लाखों रुपये खर्च कर रहे हैं, कभी-कभी तो गाड़ी की कीमत से 20 गुना ज्यादा. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चंडीगढ़ प्रशासन की रजिस्टरिंग और लाइसेंसिंग अथॉरिटी (RLA) के रिकॉर्ड बताते हैं कि जनवरी 2020 से जुलाई 2025 तक 12 सिंगल-डिजिट “फैंसी” नंबरों की नीलामी हुई. इन नंबरों के लिए लोग इतना पैसा दे रहे हैं कि गाड़ी की कीमत इसके सामने कुछ भी नहीं लगती.

कार की कीमत से लगभग 28 गुना ज्यादा देने को तैयार

उदाहरण के लिए, अप्रैल 2022 में एक व्यक्ति ने 55,585 रुपये की स्कूटर के लिए 15.44 लाख रुपये की नंबर प्लेट खरीदी. यानी नंबर प्लेट की कीमत स्कूटर से लगभग 28 गुना ज्यादा थी! ऐसा सिर्फ एक बार नहीं हुआ. जून 2024 में एक 59,336 रुपये की स्कूटर के लिए 4.95 लाख रुपये की नंबर प्लेट खरीदी गई. अगस्त 2023 में 64,024 रुपये की गाड़ी के लिए 5.75 लाख रुपये की नंबर प्लेट ली गई. यह सनक सिर्फ स्कूटर तक सीमित नहीं है.

कारों के लिए भी लोग ऐसा कर रहे हैं, हालांकि कारों में यह अंतर थोड़ा कम है. तीन सेडान कारों के मालिकों ने अपनी गाड़ियों की कीमत से ज्यादा की नंबर प्लेट खरीदी. इन कारों की कीमत 9.56 लाख से 13.22 लाख रुपये के बीच थी, लेकिन उनके लिए नंबर प्लेट 12.21 लाख से लेकर 24.40 लाख रुपये तक की खरीदी गई.

लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं?

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, कुछ लोग भविष्य में अपनी महंगी कार के लिए खास नंबर सुरक्षित करने के लिए पहले स्कूटर पर वह नंबर ले लेते हैं. एक खरीदार ने बताया, “मैं अपनी भविष्य की कार के लिए एक खास नंबर चाहता था, इसलिए पहले इसे स्कूटर के लिए रजिस्टर किया और बाद में कार में ट्रांसफर कर लिया.”

कुछ लोग नंबर प्लेट इसलिए खरीद लेते हैं क्योंकि उनकी कार अभी डिलीवर नहीं हुई होती और वे नीलामी में वह नंबर छूटने नहीं देना चाहते. यह ट्रेंड सिर्फ आम लोगों तक सीमित नहीं है. इन 12 महंगी नंबर प्लेटों में से पांच को कंपनियों या फर्मों ने खरीदा, जो दिखाता है कि इन कम अंकों वाली नंबर प्लेटों की समाज में और कारोबार में कितनी अहमियत है.

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