ट्रंप के 30 दिन… 65 फैसले दुनिया पर भारी, इन 10 देशों पर सबसे ज्यादा रिस्क, लिस्ट में भारत भी
30 Days of Donald Trump: अपने पहले महीने में उन्होंने देश के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों पर टैरिफ लगाकर ग्लोबल ट्रेड की तस्वीर बदल दिया है. सिर्फ 27 दिनों में ट्रंप ने कई मुद्दों पर 65 कार्यकारी आदेश जारी किए हैं.

30 Days of Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप (Donald) का राजनीतिक पुनरुत्थान और अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में उनकी वापसी नाटकीय थी, लेकिन पद पर उनके पहले कुछ सप्ताह असाधारण रहे हैं. मजबूत जनादेश, व्हाइट हाउस, सीनेट और हाउस यानी तीनों पर कंट्रोल के साथ उनका रिपब्लिकन पार्टी पर भी प्रभाव चरम पर है. अपने पहले महीने में उन्होंने देश के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों पर टैरिफ लगाकर ग्लोबल ट्रेड की तस्वीर बदल दी है. अवैध अप्रवासियों डिपोर्ट करने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा अन्य देशों पर कब्जा करने की कोशिश की और नौकरशाही पर भी हमले किए हैं, जिससे हजारों फेडरल कर्मचारियों में भय पनपा है. इतना ही नहीं, ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की तरफ भी चौंकाने वाली पहल की है और जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों को असफल करने के अपने प्रयासों से यूरोपीय सहयोगियों को अस्थिर भी कर दिया है.
फैसलों की झड़ी
अमेरिका के इतिहास में किसी भी अन्य राष्ट्रपति ने इतने कार्यकारी आदेश जारी नहीं किए हैं, जितने ट्रंप ने अपने कार्यकाल के पहले 100 दिनों में जारी किए हैं. सिर्फ 27 दिनों में ट्रंप ने कई मुद्दों पर 65 कार्यकारी आदेश जारी किए हैं, जैसे कि पेरिस जलवायु समझौते और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से अमेरिका को बाहर निकालना, जन्मसिद्ध नागरिकता को समाप्त करना, जलवायु आपातकाल की घोषणा करना, विदेशी सहायता को रोकना और ट्रेड टैरिफ लगाना. ये आदेश कुछ मामलों में राष्ट्रपति की शक्तियों की सीमाओं का परीक्षण कर रहे हैं, जिससे न्यायपालिका के साथ टकराव की आशंका भी बन रही है. उदाहरण के लिए, जन्मसिद्ध नागरिकता के आदेश पर अदालतों ने रोक लगा दी है.
ट्रंप का टैरिफ शौक
ट्रंप का टैरिफ लगाने का शौक जगजाहिर है. अपने दूसरे कार्यकाल में वे इसे बिल्कुल नए स्तर पर ले जाने में जुटे हैं. उन्होंने कनाडा और मैक्सिको से होने वाले सभी इंपोर्ट पर 25 फीसदी टैरिफ लगा दिया. कनाडा और मैक्सिको के सीमा सुरक्षा बढ़ाने का वादा करने के बाद उन्होंने इसे स्थगित करने का फैसला किया. उन्होंने चीन से होने वाले सभी आयातों पर 10 फीसदी टैरिफ और सभी स्टील और एल्यूमीनियम इंपोर्ट पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया है. उन्होंने फार्मास्यूटिकल्स, ऑटो और चिप इंपोर्ट पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी दी है.
पारस्परिक टैरिफ
पारस्परिक टैरिफ की भी घोषणा की गई और खासतौर पर यह उनके लिए है, जो अमेरिका के साथ ट्रेड में सरप्लस हैं. अप्रैल में इन टैरिफ के लागू होने के बाद वर्ल्ड ट्रेड उथल-पुथल मच सकती है.
पारस्परिक टैरिफ से अमेरिका के साथ व्यापार करने वाली और अमेरिका के साथ हाई डेफिसिट वाली ज्यादातर अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान पहुंचने की आशंका है. ट्रंप अमेरिका के व्यापार घाटे को ठीक करने का प्रयास कर रहा हैं. अमेरिका का ट्रेड डेफिसिट टॉप 10 ट्रेड पार्टनर देशों के साथ एक ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है.

अमेरिका का मेक्सिको के साथ व्यापार घाटा लगभग 172 अरब डॉलर से अधिक हो गया है. 2016 से चीन का घाटा कम हुआ है, लेकिन अभी भी अमेरिका के मुकाबले उसका घाटा 295 अरब डॉलर है. कनाडा, वियतनाम, ताइवान, जापान और भारत के साथ भी उसका ट्रेड डेफिसिट बड़े स्तर पर है.
अवैध अप्रवासियों से निपटना
पहले कार्यकारी आदेशों में से एक अधिक इमिग्रेशन से निपटना था. तब से यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इंफोर्समेंट (ICE) के अधिकारी अवैध अप्रवासियों को देश से बाहर करने में व्यस्त हैं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 3 फरवरी तक 8,768 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उनमें से 5,690 को निकाला गया है. मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि ट्रंप इन संख्याओं से नाखुश हैं. वह एक साल में 10 लाख से अधिक लोगों को डिपोर्ट करना चाहते हैं.
यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की पहल
ट्रंप ने वादा किया था कि अगर वे चुनाव जीतते हैं तो यूक्रेन युद्ध को एक दिन में खत्म कर देंगे. बहुतों को उम्मीद नहीं थी कि वे ऐसा करेंगे, लेकिन युद्ध को खत्म करने के उनके तरीके ने वैश्विक नेताओं को चौंका दिया है. वे यूक्रेन और यूरोपीय देशों को दरकिनार करते हुए सीधे रूसी सरकार से बात कर रहे हैं. उनके अधिकारियों के बयानों ने यूक्रेन के साथ गलत व्यवहार किए जाने की चिंता जताई है.
मस्क पर लालफीताशाही को कम करने का जिम्मा
चुनावों से पहले ही ट्रंप ने लालफीताशाही को कम करने, सरकार का आकार घटाने और लागत में कटौती के लिए सरकारी एफिशिएंसी (DOGE) की योजना की घोषणा की थी. उन्होंने इस काम के लिए सबसे सफल और सबसे अमीर व्यवसायियों में से एक एलन मस्क को चुना.
पिछले कुछ हफ्तों में, DOGE ने अन्य चीजों के अलावा, कई सरकारी एजेंसियों को बंद किया, फेडरल कर्मचारियों को पैकिंग कर भेजा और कई फंडिंग पर सवाल भी उठाए हैं, जिसमें भारत में मतदान को बढ़ावा देने के लिए 21 मिलियन डॉलर भी शामिल है. ट्रंप अमेरिका को तेल और गैस में आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं और कीमतें कम करना चाहते हैं. जबकि इससे वैश्विक तेल और गैस की कीमतें कम रहने की उम्मीद है.
पीएम मोदी और ट्रंप की मुलाकात
पिछले हफ्ते जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्रंप से मिलने के लिए अमेरिका रवाना हुए, तो कई लोगों ने सोचा कि क्या ट्रंप की ‘अमेरिका फ़र्स्ट’ नीतियों का भारत पर कोई असर होगा. दोनों देशों के बीच संबंध मज़बूत हुए हैं और दोनों देशों ने 2030 तक 500 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार का लक्ष्य तय किया है. जल्द ही व्यापार समझौते पर बातचीत होगी. भारत ने एनर्जी और डिफेंस ट्रेड को बढ़ाने का वादा किया है. फिर भी, यह स्पष्ट नहीं है कि क्या ये उपाय भारत को ट्रंप द्वारा घोषित पारस्परिक शुल्क से बचने में मदद करेंगे.
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