इन 3 सेक्टर्स में अडानी ग्रुप खर्च करेगा 8.5 लाख करोड़, नए प्रोजेक्ट्स, फंडिंग; जानें अगले 6 साल का मेगा प्लान

Adani Group अगले 6 सालों में 100 अरब डॉलर (लगभग 8.5 लाख करोड़ रुपये) का निवेश करने जा रहा है, जो अब तक का सबसे बड़ा कैपेक्स प्लान है. यह निवेश नए प्रोजेक्ट्स में किया जाएगा, जिसमें अधिग्रहण शामिल नहीं होगा. निवेश मुख्य रूप से तीन क्षेत्रों में होगा.

अडानी खर्च करेंगे 100 अरब डॉलर Image Credit: Money9live/Canva

Adani Group: गौतम अडानी का अडानी ग्रुप आने वाले 6 साल के लिए इंवेस्टमेंट प्लान पर काम कर रहा है. अडानी ग्रुप कम से कम 100 अरब डॉलर यानी करीब 8.5 लाख करोड़ रुपये आने वाले 6 सालों में खर्च करेगा. कंपनी के मुताबिक ये अब तक का सबसे बड़ा कैपेक्स प्लान है. वहीं ये सारा निवेश नए प्रोजेक्ट्स में किया जाएगा, अधिग्रहण वगैरह जैसी बात इसमें शायद नहीं होगी.

एनडीटीवी प्रॉफिट की रिपोर्ट के मुताबिक, अडानी ग्रुप के अधिकारी ने दावा किया कि देश के किसी भी निजी समूह द्वारा की गई अब तक की सबसे बड़ा कैपेक्स प्लान है. उनका लक्ष्य हर साल करीब 1.5 से 1.6 लाख करोड़ रुपये लगाने का है. पिछले साल यह आंकड़ा 1.1 से 1.2 लाख करोड़ रुपये के बीच था. मतलब ग्रुप अब पहले से कहीं ज्यादा तेजी से विस्तार करने जा रहा है.

किन सेक्टर्स में होगा निवेश

रिपोर्ट के मुताबिक, यह निवेश मुख्य रूप से तीन क्षेत्रों में किया जाएगा. इसमें सबसे ज्यादा हिस्सा, लगभग 83 से 85 प्रतिशत, ऊर्जा सेक्टर को मिलेगा. इसके बाद करीब 10 प्रतिशत निर्माण सामग्री और 6 से 7 प्रतिशत हिस्सा खनन और धातु से जुड़े प्रोजेक्ट्स के लिए होगा.

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ऊर्जा सेक्टर में कंपनी का फोकस रिन्यूएबल एनर्जी पर ही रहेगा. ग्रुप की योजना है कि उनकी रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता और स्टोरेज को 7 गुना तक बढ़ाया जाए. पहले से जो बिजली उत्पादन हो रही है उसकी क्षमता भी दोगुनी की जाएगी. मार्च 2025 तक, अडानी ग्रीन एनर्जी की ऑपरेशनल क्षमता 14.2 गीगावाट रही, जबकि अडानी पावर की क्षमता 16.54 गीगावाट थी.

निवेश के लिए कहां से आएगा पैसा

रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल इस बड़ी योजना के लिए जो पैसे जुटाए जाएंगे, उनमें से लगभग 80,000 करोड़ रुपये ग्रुप अपने ही मुनाफे से लगाएगा. 15,000 करोड़ रुपये सेटलमेंट्स से आएंगे और 12 से 14 हजार करोड़ रुपये EPC यानी इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, कंस्ट्रक्शन से होने वाली कमाई से आएंगे.

कर्ज लेगी कंपनी?

बाकी करीब 40,000 से 50,000 करोड़ रुपये की जरूरत बाहरी फंडिंग से पूरी होगी. रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रुप हर साल औसतन 24,000 करोड़ रुपये का कर्ज चुका रहा है, इसलिए नेट लेवल पर करीब 25,000 करोड़ रुपये का ही नया कर्ज जुड़ता है. फंडिंग के मामले में, 40 प्रतिशत कर्ज घरेलू बैंकों से, 40 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से और 20 प्रतिशत घरेलू पूंजी बाजारों से उठाया जाएगा. नेट डेब्ट और एबिटडा (EBITDA) की बात करें तो यह 2.5 से 3 के बीच रहेगा, जो कि निवेश के अलग-अलग चरणों में बदलता रहेगा.

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बाकी का प्लान

जो प्रोजेक्ट्स इस साल और अगले साल तैयार होंगे, वे 2028 के बाद ग्रुप को नया कैश फ्लो देना शुरू करेंगे, जिससे आगे की योजना फंड की जाएगी. इस पूरी निवेश योजना से ग्रुप को करीब 16 अरब डॉलर की पूंजी पर रिटर्न की उम्मीद है.
इस योजना के जरिए अडानी ग्रुप तीन बड़ी चीजें हासिल करना चाहता है. संगठन की क्षमता को मजबूत करना, टेक्नोलॉजी को बेहतर बनाना और सप्लाई चेन के पूरे सिस्टम को विकसित करना.