Amazon में 3 साल बाद फिर होगी सबसे बड़ी छंटनी! 30000 कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा, इस तारीख से शुरू होगी प्रक्रिया
ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन जल्द ही बड़े पैमाने पर छंटनी करेगी. जिससे 30000 कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा मंडराने लगा है. जानकारों के मुताबिक छंटनी का एक बड़ा कारण एआई का पैर पसारना भी है. तो क्या है कारण और कब से शुरू हो सकती है ये प्रक्रिया जानें डिटेल.
Amazon layoffs: ई-कॉमर्स दिग्गज Amazon एक बार फिर बड़ी छंटनी की तैयारी में है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी मंगलवार, 28 अक्टूबर से करीब 30,000 कॉरपोरेट कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है. यह कदम Amazon के इतिहास की सबसे बड़ी छंटनियों में से एक है. इससे पहले साल 2022 में बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरियां गई थी. इसके बाद से यानी लगभग 3 साल बाद ये अब तक की सबसे बड़ी छंटनी होगी.
छंटनी की वजह
कंपनी ने यह फैसला अपने खर्चों में कटौती और ऑपरेशनल एफिशिएंसी बढ़ाने की रणनीति के तहत लिया है. कोरोना महामारी के दौरान जब ऑनलाइन शॉपिंग में उछाल आया था, तब Amazon ने बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की भर्ती की थी. लेकिन अब उपभोक्ता मांग धीमी पड़ने और आर्थिक हालात सख्त होने के चलते कंपनी दोबारा अपनी कार्यसंरचना को बेहतर करने में जुट गई है, जिसके चलते बड़े पैमाने पर छंटनी की जाएगी.
इन कर्मचारियों पर संकट
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुातबिक Amazon करीब तीस हजार कर्मचारियों को हटा सकता है. उसके कुल 1.55 मिलियन कर्मचारियों में से करीब 3.5 लाख कॉरपोरेट स्टाफ हैं, जिनमें से लगभग 10% कर्मचारियों की नौकरी पर तलवार लटक रही है. इस छंटनी की सबसे ज्यादा मार कंपनी के HR डिविजन (PXT यानी पीपल एक्सपीरियंस टेक्नोलॉजी) पर पड़ने की आशंका है. Fortune की रिपोर्ट के मुताबिक HR में करीब 15% तक की कटौती की जा सकती है, जबकि अन्य डिविज़न भी इससे अछूते नहीं रहेंगे. हालांकि कंपनी की ओर से अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है.
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AI बना सबसे बड़ा रोड़ा
कंपनी के CEO Andy Jassy के समय पहले भी 2022-23 में करीब 27,000 कर्मचारियों की नौकरी गई थी, अब दोबारा कर्मचारियों पर छंटनी के बादल मंडा रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम के पीछे एक और बड़ा कारण है AI टेक्नोलॉजी का बढ़ता प्रभाव. अब कंपनियां धीरे-धीरे साधारण से लेकर जटिल कामों में भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का इस्तेमाल बढ़ा रही हैं, जिससे मानव संसाधनों पर निर्भरता कम हो रही है. जिसके चलते लोगों की नौकरी पर खतरा बढ़ गया है.