करोड़पति से अरबपति बनने का सबसे तेज रास्ता है भारत! रिपोर्ट में खुलासा,पैसा बचाने का ट्रेंड बदला

भारत में अमीरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, खासकर अरबपतियों की. वर्ल्ड वेल्थ रिपोर्ट 2025 के अनुसार भारत में करोड़पति से ज्यादा तेजी से अरबपति बन रहे हैं. युवा निवेशक अब विदेशों में निवेश, डिजिटल वेल्थ मैनेजमेंट और पर्सनलाइज्ड सेवाओं को प्राथमिकता दे रहे हैं.

भारत में अमीरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. Image Credit: FREE PIK

Billionaires in India: भारत की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ देश में अरबपतियों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. अब स्थिति यह है कि अरबपति बनने की रफ्तार करोड़पति बनने से भी ज्यादा हो गई है. देश में तेज आर्थिक प्रगति के चलते बिजनेस के लिए एक सकारात्मक माहौल बन रहा है, जिससे हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल्स (HNWI) की संख्या और उनकी संपत्ति लगातार बढ़ रही है. अगर अरबपतियों की बात करें तो भले ही भारत संख्या के लिहाज से चीन, अमेरिका और जापान से पीछे हो, लेकिन इन देशों की तुलना में भारत में अरबपति बनने की रफ्तार कहीं अधिक है.

अरबपति बनाने में सबसे आगे भारत

फाइनेंस एक्सपर्ट अक्षत श्रीवास्तव के अनुसार भारत में लगभग 250 अरबपति हैं, जबकि चीन में करीब 520 और अमेरिका में इससे ज्यादा. लेकिन भारत में करोड़पति बनने की रफ्तार अरबपति बनने की तुलना में कम है. उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति नौकरी से करोड़पति बन सकता है, लेकिन अरबपति बनने के लिए बिजनेस ही रास्ता है.

2024 में बढ़ी दौलत

कैपजेमिनी वर्ल्ड वेल्थ रिपोर्ट 2025 के मुताबिक भारत में 2024 में HNWI की संख्या में 5.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. इनकी कुल संपत्ति 8.8 फीसदी बढ़कर 1.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गई. भारत के 378810 मिलियनेयर के पास औसतन 1 से 5 मिलियन डॉलर की संपत्ति है, जिनकी कुल वैल्यू लगभग 628.93 बिलियन डॉलर है.

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युवाओं का निवेश में नया नजरिया

भारत के 85 फीसदी युवा अमीर अगले दो सालों में अपनी वेल्थ मैनेजमेंट कंपनियां बदलना चाहते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह डिजिटल सेवाओं की कमी है. 70 प्रतिशत मिलेनियल्स पर्सनलाइज्ड सेवाएं चाहते हैं, जबकि जेन जेड और जेन एक्स की भी इसमें रुचि बढ़ रही है.

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बढ़ रही है विदेशों में संपत्ति ट्रेंड

2030 तक भारत के 98 प्रतिशत अमीर युवा अपनी विदेशों में निवेशित संपत्ति 10 फीसदी से अधिक बढ़ाना चाहते हैं. बेहतर टैक्स और निवेश विकल्प, मजबूत बाजार और राजनीतिक स्थिरता इसकी वजहें हैं. 59 प्रतिशत जेन जेड अमीरों ने इनहेरिटेंस टैक्स प्लानिंग के लिए टैक्स रेजीडेंसी बदल ली है.