सीमेंट, पेंट और वॉलपेपर पर 22 सितंबर से कितना लगेगा GST, घर बनवाना सस्ता होगा या महंगा? जान लें हकीकत

22 सितंबर से सीमेंट, पेंट और वॉलपेपर पर GST रेट घटा दिया गया है. GST काउंसिल के इस फैसले से घर बनाने और सजाने की लागत कम होगी. सीमेंट को 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी स्लैब में रखा गया है, जिससे 50 किलो बैग पर 30-35 रुपये तक की बचत संभव है. पेंट और वॉलपेपर पर भी 10 फीसदी GST कटौती की गई है.

सिमेंट पर कितना लगेगा GST Image Credit: money9live.com

Cement GST rate: नया घर बनवाना सबका सपना होता है. हालांकि घर बनवाने में एक बड़ा खर्चा, सीमेंट, पेंट और वॉलपेपर जैसी चीजों पर होता है. ऐसे में GST काउंसिल ने इस महीने की शुरुआत में देशवासियों को बड़ी खुशखबरी देते हुए कई चीजों पर GST रेट कम कर दिया था. इसमें सीमेंट, पेंट और वॉलपेपर जैसी चीजें भी शामिल हैं. तो चलिए आपको बताते हैं कि इन पर 22 सितंबर से कितना GST लगने वाला है.

सीमेंटपर कितना लगेगा GST

GST काउंसिल ने सीमेंट पर GST रेट को कम करते हुए 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी वाले स्लैब में डाल दिया है. इसमें सुपर सल्फेट सिमेंट, स्लैग सिमेंट, एल्युमिनस सिमेंट और पोर्टलैंड सिमेंट अब 18 फीसदी वाले स्लैब में आ गए हैं. यानी इन पर GST रेट 10 फीसदी कम कर दिया गया है.

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (Ind-Ra) के मुताबिक, GST रेट कट से सिमेंट के 50 किलोग्राम वाले बैग पर 30-35 रुपये का डिस्काउंट मिल सकता है. हालांकि Ind-Ra ने सीमेंट की डिमांड में सालाना आधार पर 5-7 फीसदी का अनुमान बरकरार रखा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी सेक्टर में मांग में तेजी तुरंत नहीं आ सकती है, इसमें थोड़ा वक्त लग सकता है.

पेंट पर कितना कम हुआ GST

GST काउंसिल की 28वीं बैठक में पेंट्स पर GST की रेट 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दी गई है, जो सीधे तौर पर 10 फीसदी की कटौती है. ऐसे में त्योहारों के मौसम में पेंट की डिमांड बढ़ने की संभावना है. आम तौर पर दिवाली और दुर्गा पूजा के समय लोग अपने घरों की रंगाई-पुताई करते हैं. इस परिस्थिति में इसकी डिमांड में इजाफा होने की उम्मीद है.

वॉलपेपर पर घटा GST

सरकार ने वॉलपेपर पर GST रेट को 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दिया है. इस निर्णय से आवास और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. कम रेट से वॉलपेपर की लागत घटेगी, जिससे इसकी मांग बढ़ेगी और ग्राहकों को सस्ते में बेहतर सजावट के विकल्प मिलेंगे.

इसके साथ ही, इस कदम से ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ जैसे मिशनों को गति मिलेगी और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा. यह निर्णय उपभोक्ताओं के साथ-साथ निर्माताओं के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है.

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