FTA का दिखने लगा असर, कम हुआ व्यापार घाटा, मई में 21.88 अरब डॉलर रहा
भारत सरकार की तरफ से दुनिया के तमाम देशों के साथ किए जा रहे द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौतों का असर दिखने लगा है. भारत का व्यापार घाटा काबू में आने लगा है. पिछले साल नवंबर में 37.84 अरब डॉलर के ऑल टाइम हाई से घटकर मई 2025 में यह 21.88 अरब डॉलर पर आ गया है.
India Trade Deficit May 2025: भारत का व्यापार घाटा पिछले 6 महीने से लगातार एक दायरे में बना हुआ है. खासतौर पर पिछले वर्ष नवंबर में 37.84 अरब डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुंचने के बाद घटते हुए 21.47 अरब डॉलर के औसत पर बना हुआ है. व्यापार घाटे में कमी के पीछे भारत के द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौतों यानी FTA की अहम भागीदारी है.
केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक मई में भारत का वस्तु व्यापार घाटा 21.88 अरब डॉलर रहा, सरकार का कहना है मोटे तौर पर यह FTA के लिए किए जा रहे प्रयासों का नतीजा है. इससे पहले अप्रैल में व्यापार घाटा 26.42 अरब डॉलर था. वहीं, सालाना आधार पर भी व्यापार घाटे में कमी आई है. मई 2024 के 22.09 अरब डॉलर की तुलना में इस बार व्यापार घाटा 21.88 अरब डॉलर रहा है.
कितना हुआ आयात-निर्यात?
उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मई 2025 में वस्तुओं का निर्यात 2.17 फीसदी घटकर 38.73 अरब डॉलर रहा, जो मई 2024 में 39.59 अरब डॉलर था. वहीं, आयात 2024 के 61.68 अरब डॉलर के मुकाबले 1.7 फीसदी घटकर 60.61 अरब डॉलर रह गया. आंकड़ों से यह भी पता चला कि अप्रैल-मई की अवधि में निर्यात बढ़कर 77.19 अरब डॉलर हो गया, जबकि आयात बढ़कर 125.52 अरब डॉलर हो गया.
सरकार ने क्या कहा?
PTI की एक रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को आयात-निर्यात के आंकड़ों पर बात करते हुए व्यापार सचिव सुनील बर्थवाल ने बताया कि मई में सेवाओं के व्यापार में अनुमानित 14.65 अरब डॉलर का सरप्लस रहा, जबकि सेवाओं का निर्यात 32.39 अरब डॉलर रहा, वहीं आयात 17.14 अरब डॉलर रहा. इसके साथ ही बर्थवाल ने कहा कि व्यापार के संबंध में वैश्विक स्तर पर नीतिगत अनिश्चितता के बावजूद, भारत ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने समग्र निर्यात को प्रभावित किया है.
इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्यात 54 फीसदी बढ़ा
उत्पाद श्रेणियों में मोबाइल फोन सहित इलेक्ट्रॉनिक सामानों के निर्यात में मई में सालाना आधार पर 54 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसके अलावा केमिकल निर्यात में सालाना आधार पर 16 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है, जबकि पेट्रोकेमिकल निर्यात 7.38 फीसदी बढ़ा है.
अमेरिका के साथ कैसा रहा कारोबार?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से टैरिफ प्लान के ऐलान के बाद भारत और अमेरिका एक ट्रेड समझौते पर बात कर रहे हैं. फिलहाल, दोनों देशों के बीच कोई समझौता नहीं हुआ है. हालांकि, उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही कोई समझौता हो सकता है. बहरहाल, इस समझौते की बतचीत के दौरान अप्रैल-मई में भारत का अमेरिका को निर्यात बढ़कर 17.25 अरब डॉलर हो गया, जो एक साल पहले 14.17 अरब डॉलर था. यह वृद्धि दर्शाती है कि अप्रैल की शुरुआत में अमेरिका की तरफ से किए गए टैरिफ प्लान के ऐलान का भारत के निर्यात पर खास असर नहीं पड़ा है.
जुलाई में हो सकता है समझौता
उद्योग मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक भारत और अमेरिका के बीच अगले महीने 9 जुलाई तक टैरिफ को लेकर समझौता हो सकता है. फिलहाल, भारत के कारोबारी टैरिफ को लेकर काफी सचेत हैं. वहीं, वहीं, रॉयटर की तरफ से अर्थशास्त्रियों के सर्वेक्षण में सामने अनुमान लगाया गया था कि मई 2025 में भारत का व्यापार घाटा करीब 25 अरब डॉलर रहेगा. लेकिन, यह अनुमान की तुलना में कम रहा है.
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