भारत के ईंधन निर्यात में गिरावट, अक्टूबर में 21% की कमी, जानें कैसे त्योहार और बैन ने बदला ईंधन बाजार का गणित

भारत का ईंधन निर्यात अक्टूबर में सितंबर के मुकाबले 21 फीसदी गिरकर 1.25 मिलियन बीपीडी रहा. त्योहारी सीजन में घरेलू मांग पूरी करने को प्राथमिकता दी गई. एचपीसीएल की रिफाइनरी में ऑपरेशनल समस्या और नायारा एनर्जी पर प्रतिबंधों ने भी निर्यात को प्रभावित किया. डीजल निर्यात में 12.5 फीसदी की गिरावट सबसे अहम रही, जो कुल निर्यात का आधा हिस्सा है. नवंबर-दिसंबर में निर्यात बढ़ने की उम्मीद है.

ईंधन निर्यात में गिरावट Image Credit: Canva/ Money9

भारत में ईंधन का निर्यात अक्टूबर में पिछले महीने से 21 फीसदी कम हो गया. रिफाइनरों ने त्योहार के समय घरेलू डिमांड को पहले रखा. उन्होंने हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) की रिफाइनरी में समस्या के कारण सप्लाई को घरेलू बाजार में भेजा. नायारा एनर्जी पर प्रतिबंधों के कारण निर्यात सीमित रहा. ईंधन की शिपमेंट अक्टूबर में 1.25 मिलियन बैरल प्रति दिन (BPD) पर आ गई. सितंबर में यह 1.58 मिलियन बीपीडी थी. पेट्रोल, डीजल और एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) के निर्यात सब कम हुए. डीजल भारत के कुल ईंधन निर्यात का 50 फीसदी हिस्सा है. पिछले महीने की तुलना में यह 12.5 फीसदी कम होकर 665,000 बीपीडी पर आ गया.

निर्यात में गिरावट की वजह

केपलर के लीड रिसर्च एनालिस्ट सुमित रितोलिया ने ET को बताया कि यह गिरावट घरेलू मांग मजबूत होने, उत्पादन का ज्यादा हिस्सा लोकल बाजार में जाने और ऑपरेशनल समस्याओं से हुई. जैसे एचपीसीएल की मुंबई रिफाइनरी में समस्या और अन्य साइटों पर मेंटेनेंस. नवंबर और दिसंबर में निर्यात बढ़ सकता है, क्योंकि रिफाइनर उत्पादन को बैलेंस करेंगे और घरेलू मांग थोड़ी कम होगी. एचपीसीएल को हिंदुस्तान ऑयल एक्सप्लोरेशन कंपनी से दूषित कच्चा तेल (contaminated crude oil) मिला, जिससे एक प्रोसेसिंग यूनिट बंद करनी पड़ी. इससे ईंधन सप्लाई में कमी आई, जिसे प्राइवेट रिफाइनरों ने पूरा किया.

नायरा एनर्जी पर बैन का दिखा असर

रिलायंस इंडस्ट्रीज और रोसनेफ्ट समर्थित नायरा एनर्जी के निर्यात में सबसे ज्यादा गिरावट आई. नायरा पर प्रतिबंधों के कारण निर्यात बाजारों तक पहुंच नहीं है. इसलिए उसने घरेलू बाजार पर फोकस किया. अक्टूबर में 90,000 बीपीडी लोकल सप्लाई की, जो सितंबर से 50 फीसदी ज्यादा है और जनवरी के बाद सबसे ज्यादा. सरकार ने मदद की, जैसे ईंधन ट्रांसपोर्ट के लिए ट्रेन कैपेसिटी दोगुनी की.

घरेलू ईंधन खपत में अक्टूबर में मिला-जुला रुझान दिखा. पेट्रोल की बिक्री पिछले साल से 7 फीसदी बढ़ी, क्योंकि त्योहार पर यात्रा और गाड़ियों की खरीद बढ़ी है. डीजल की बिक्री 0.5 फीसदी कम हुई, जबकि सितंबर में 6 फीसदी बढ़ी थी. एटीएफ की बिक्री 1.6 फीसदी बढ़ी, जबकि एलपीजी की बिक्री 5.4 फीसदी बढ़ी. प्राइवेट रिफाइनरों की बिक्री सरकारी कंपनियों से ज्यादा तेज रही.

यह भी पढ़ें: स्टारलिंक की बड़ी कामयाबी, महाराष्ट्र सरकार के साथ हुआ MoU; गांव-गांव पहुंचेगा मस्क का सैटेलाइट ब्रॉडबैंड