रिटर्न देने में सबके बाप हैं ये 5 Gold & Silver ETFs, एक साल में 2 लाख रुपये को बना दिया 3 लाख पार

भारत में SEBI-रेगुलेटेड एसेट मैनेजमेंट कंपनियां गोल्ड और सिल्वर ETFs ऑफर करती हैं, जो कीमती धातुओं के इंटरनेशनल रेट को फॉलो करते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं पिछले एक, तीन और पांच सालों में किस ETF ने कितनी बढ़त दी है.

गोल्ड सिल्वर ईटीएफ

पिछले एक साल में सोना और चांदी दोनों की कीमतों में जोरदार बढ़त देखने को मिली है. कीमतों में इस तेजी का सीधा असर गोल्ड और सिल्वर ETFs पर भी पड़ा है. बड़ी संख्या में निवेशक अब फिजिकल गोल्ड खरीदने की बजाय गोल्ड और सिल्वर ETFs की ओर रुख कर रहे हैं, क्योंकि इन्हें स्टॉक एक्सचेंज पर आसानी से खरीदा-बेचा जा सकता है और इनकी कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुरूप बदलती रहती हैं.

भारत में SEBI-रेगुलेटेड एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (AMCs) गोल्ड और सिल्वर ETFs ऑफर करती हैं, जो कीमती धातुओं के इंटरनेशनल रेट को फॉलो करते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं पिछले एक, तीन और पांच सालों में किस ETF ने कितनी बढ़त दी है.

1,3 और 5 साल में गोल्ड ईटीएफ के रिटर्न

ETFAUM (Cr.)1 Year3 Years5 Years
HDFC Gold ETF14,05360.31%31.06%18.36%
Kotak Gold ETF9,73658.13%32.66%18.04%
Nippon India Gold BeES29,32355.01%32.33%123.35%
ग्रो वेबसाइट के मुताबिक

ऐसे में अगर आपने 2 लाख रुपये HDFC Gold ETF में लगाया है तो 60.31% फीसदी के रिटर्न के साथ आपको एक साल में 3,20,620 रुपये आपको मिलेगा.

1,3 और 5 साल में सिल्वर ईटीएफ के रिटर्न

ETFAUM (Cr.)1 Year3 Years5 Years
ICICI Pru Silver ETF9,48168.09%36.01%131%
Nippon India Silver ETF15,28467.00%35.8%144%
ग्रो वेबसाइट के मुताबिक

फिजिकल गोल्ड व सिल्वर की कीमतों का रिटर्न

Metal1 Year3 Years
फिजिकल गोल्ड52.12%34.12%
फिजिकल सिल्वर49.59%29.11%
सोर्स-एमके वेल्थ मैनेजमेंट की रिपोर्ट

ETF का रिटर्न फिजिकल गोल्ड–सिल्वर से अलग क्यों होता है?

ETF की कीमत कई कारणों से फिजिकल धातुओं से अलग रहती है, इनमें

1) LBMA Prices को फॉलो करते हैं

Gold और Silver ETFs की कीमतें London Bullion Market Association (LBMA) पर आधारित होती हैं, न कि भारतीय घरेलू स्पॉट प्राइस पर. इसलिए ETF और फिजिकल गोल्ड/सिल्वर में अंतर स्वाभाविक है.

2) AMC का Premium/Discount

कभी-कभी AMCs ETF की यूनिट कीमत पर छोटा-सा premium या discount लगाती हैं, जिसका असर NAV पर पड़ता है.

3) Tracking Error

ETF फिजिकल धातु की कीमतों को 100% सटीकता से कॉपी नहीं कर पाते. इससे थोड़ा अंतर बना रहता है.

4) Expense Ratio

फंड मैनेजमेंट की लागत (expense ratio) भी ETF रिटर्न को प्रभावित करती है.

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