2026 में 94000 तक जाएगा सेंसेक्स, HSBC का दावा, कम वैल्यूएशन और अर्निंग रिकवरी से ताकत मिलेगी
HSBC ने भारतीय शेयर बाजार पर बुलिश आउटलुक जारी किया है. HSBC के मुताबिक 2026 के आखिर तक सेंसेक्स 94000 तक बढ़ सकता है. सेंसेक्स की तेजी के पीछे सेक्टोरल रिकवरी से मार्केट में मजबूती की उम्मीद है. इसके साथ ही ब्रोकरेज को लगता है कि 2026 में भारत एक बार फिर उभरते बाजारों में निवेशकों का पसंदीदा डेस्टिनेशन बनेगा.
भारतीय शेयर बाजार के बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स को लेकर ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस HSBC ने बड़ी दावा किया है. ब्रोकरेज का दावा है कि 2026 के अंत तक सेंसेक्स 94 हजार का लेवल पार कर सकता है. रॉयटर्स के मुताबिक ब्रोकरेज रिपोर्ट में बताया गया है कि सेंसेक्स में अगले एक साल में 10 फीसदी से ज्यादा का उछाल आ सकता है, इस तरह यह मौजूदा लेवल से बढ़कर 94,000 के लेवल पर पहुंच सकता है. ब्रोकरेज का मानना है कि चीन की तुलना में भारतीय बाजार बेहतर वैल्यू और मजबूत अर्निंग का ट्रेंड दिखा रहा है. इसके साथ ही उम्मीद जताई है कि यह ट्रेंड अगले वर्ष जारी रह सकता है.
अर्निंग रिकवरी से बढ़ी उम्मीदें
इस साल इंडियन मार्केट ने एशिया और इमर्जिंग मार्केट पीयर्स की तुलना में कमजोर प्रदर्शन किया. कमजोर कॉरपोरेट रिजल्ट, ऊंचे वैल्यूएशन और FPI की भारी बिकवाली ने सेंटीमेंट दबाया. 2025 में अब तक विदेशी निवेशकों ने 16.8 बिलियन डॉलर की बिकवाली की है, जो रिकॉर्ड आउटफ्लो की ओर इशारा करता है. हालांकि, अक्टूबर के बाद से अर्निंग सुधरी हैं और सेलिंग प्रेशर कम हुआ है.
HSBC की रिपोर्ट कहती है कि अर्निंग ग्रोथ की वापसी, कूलिंग वैल्यूएशन और सेक्टर्स में सुधार से बाजार अब फिर से आकर्षक दिख रहा है. बैंकिंग सेक्टर में मार्जिन सुधरने की उम्मीद है, जबकि ऑटो और कंज्यूमर स्टॉक्स को GST कटौती और सस्ती ब्याज दरों का फायदा मिलेगा.
भारत फिर बनेगा आकर्षण का केंद्र
रिपोर्ट के मुताबिक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर फोकस से हटकर जब एशियाई मार्केट में नए ग्रोथ स्टोरीज़ की तलाश होगी, तब भारत एक मजबूत विकल्प बनकर उभरेगा. फिस्कल और मॉनेटरी पॉलिसी दोनों 2026 की शुरुआत में ग्रोथ को सपोर्ट करेंगी. HSBC को उम्मीद है कि भारत में इमर्जिंग मार्केट इनफ्लो फिर से बढ़ेंगे.
किस पर बुलिश, किस पर बेयरिश?
HSBC ने भारत के साथ-साथ चीन, हांगकांग और इंडोनेशिया को भी ओवरवेट कैटेगरी में रखा है. वहीं ताइवान, दक्षिण कोरिया, जापान, सिंगापुर और थाईलैंड पर इसका अंडरवेट व्यू जारी है. सितंबर में ही HSBC ने भारतीय इक्विटीज को ‘न्यूट्रल’ से अपग्रेड कर ‘ओवरवेट’ किया था, जिससे वह शुरुआती बुलिश ब्रोकरेज में शामिल हो गया.
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