क्या 100000 रुपए पहुंचने वाला है सोना, ग्रोथ और हिस्ट्री बता रहे हैं आ गया समय
सोने की कीमतें बीते कई महीनों से लगातार सुर्खियों में हैं. हाल ही में 84,300 रुपये तक पहुंच चुके सोने की अगली मंजिल 1 लाख रुपये हो सकती है. लेकिन क्या यह संभव है? ट्रंप की नीतियों, महंगाई और डॉलर सोने को आने वाले वक्त में कैसे प्रभावित करेगा.

Will Gold Hit 1 Lakh: वर्ष 2015 में सोने की कीमत महज 25,000 रुपये प्रति 10 ग्राम थी. आम जनता अपनी रफ्तार से सोने कि खरीद-फरोख्त कर रही थी इस बात से अनजान कि एक दशक के भीतर सोना अपनी चमक बढ़ाएंगा और कीमत दोगुना हो जाएगी. सोने की कीमत मौजूदा वक्त में 84,300 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच चुका है. 2015 में 25,000 रुपये का आंकड़ा छूने वाला सोना 2020 में 50,000 रुपये और फिर सितंबर 2024 में 75,000 रुपये के स्तर पर आ गया. अब सवाल यह है कि क्या सोने की कीमत 2025 में 1 लाख रुपये तक के आंकड़े तक पहुंच जाएगा?
तेज रफ्तार में लग रहा टॉप गियर, क्या 1 लाख रुपये संभव?
अगर सोने को 1 लाख रुपये तक पहुंचना है तो इसे मौजूदा स्तर से सिर्फ 13.5 फीसदी का उछाल चाहिए. यह उछाल इतना मुश्किल भी नहीं दिखता, क्योंकि वैश्विक परिस्थितियां फिलहाल ऐसी हैं जो सोने के पक्ष में जा रही हैं. अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के बाद उनकी टैरिफ नीतियां महंगाई को बढ़ा सकती हैं. इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जारी अस्थिरता भी सोने की कीमतों को समर्थन दे सकती है.
डॉलर और सोने का रिश्ता
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर हैं. इस समय एक औंस सोने की कीमत 2,858 डॉलर के आसपास है, जो 10 ग्राम के हिसाब से करीब 1,027 डॉलर होती है. अगर डॉलर का विनिमय दर 87 रुपये है तो यह लगभग 89,400 रुपये बैठता है. यह भारत में सोने की मौजूदा कीमत के करीब है.
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या सोना 3,000 डॉलर प्रति औंस के स्तर को छू सकता है?
अमेरिकी फेडरल रिजर्व और ब्याज दरों का असर
अमेरिका के केंद्रीय बैंक (फेडरल रिजर्व) ने हाल ही में ब्याज दरों में 1 फीसदी की कटौती की थी लेकिन अब उसने दरों को स्थिर रखा है. अगर अमेरिकी महंगाई बढ़ती है तो फेड ब्याज दरें और बढ़ा सकता है. ब्याज दरों में बढ़ोतरी डॉलर को मजबूत करती है जिससे सोने की कीमतों पर दबाव आ सकता है. वहीं, ट्रंप की टैरिफ नीतियों से डॉलर और मजबूत हो सकता है जिससे सोने की कीमतों में गिरावट की संभावना बढ़ जाती है.
इस मामले पर विश्लेषकों का कहना है कि सोने ने हाल के वर्षों में इक्विटी बाजार को पीछे छोड़ दिया है. MCX Gold और CNX 500 का अनुपात इस समय 4 के ऊपर है, जबकि अतीत में यह 7 तक भी जा चुका है. अगर इस बार भी ऐसा होता है तो सोने में और तेजी देखने को मिल सकती है. कामा ज्वैलरी के एमडी कॉलिन शाह के अनुसार, “सोने की कीमतें पिछले सप्ताह लगातार बढ़ीं. इसकी मुख्य वजह वैश्विक अस्थिरता, डॉलर इंडेक्स में कमजोरी और अमेरिका के कमजोर आर्थिक आंकड़े हैं. अमेरिका के सर्विस सेक्टर की गतिविधियां दो साल के निचले स्तर पर हैं जिससे सोने को मजबूती मिली है.”
उन्होंने आगे कहा, “अंतरराष्ट्रीय अस्थिरता के चलते सोने की कीमतों में मजबूती बनी रह सकती है. हालांकि, शॉर्ट टर्म के लिए मुनाफावसूली देखने को मिल सकती है, लेकिन मध्यम और लॉन्ग टर्म नजरिए से सोने में तेजी जारी रह सकती है. हमें उम्मीद है कि आने वाले महीनों में सोने की कीमतें 3,000 डॉलर प्रति औंस के स्तर तक जा सकती हैं.”
बीते सप्ताह कैसी रही सोने की कीमत?
तारीख | सोना 999 (10 ग्राम) | सोना 995 (10 ग्राम) | सोना 916 (10 ग्राम) |
---|---|---|---|
28-फरवरी-25 | 85,056 | 84,715 | 77,911 |
27-फरवरी-25 | 85,593 | 85,250 | 78,403 |
26-फरवरी-25 | बाजार अवकाश | बाजार अवकाश | बाजार अवकाश |
25-फरवरी-25 | 86,647 | 86,300 | 79,369 |
24-फरवरी-25 | 86,400 | 86,054 | 79,142 |
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सोने की चमक बनी रहेगी?
सोने की कीमतें पिछले एक दशक में जिस तेजी से बढ़ी हैं, वह इस ओर इशारा करती हैं कि यह आगे भी मजबूत रह सकता है. हालांकि, डॉलर की मजबूती और ब्याज दरों में बढ़ोतरी सोने पर दबाव बना सकती है लेकिन वैश्विक अनिश्चितताओं और महंगाई के चलते यह दबाव ज्यादा असरदार साबित नहीं होगा. ऐसे में 2025 में सोने के 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
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