2026 में सोना ₹1.5 लाख और चांदी ₹3 लाख पहुंचेगी, टेक्निकल चार्ट दे रहे हैं मजबूत संकेत, निवेशक रहें तैयार
कीमती धातुओं के बाजार में लंबी अवधि को लेकर चर्चा तेज हो गई है. तकनीकी संकेत, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग ने निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ा दी है. आने वाले समय में सोना और चांदी किस दिशा में जा सकते हैं, इस पर बाजार की नजरें टिकी हुई हैं और रणनीति बनाने का वक्त अहम माना जा रहा है.
Gold and Silver Outlook: साल के शुरुआत से सोने की जो रैली शुरू हुई तब से सोना और चांदी की चमक फीकी नहीं पड़ी. उल्टा, कीमती धातुओं के बाजार में तेजी का रुख और मजबूत होता दिख रहा है. वैश्विक अनिश्चितताओं, ब्याज दरों को लेकर बदली सोच और कमजोर डॉलर के बीच गोल्ड और सिल्वर दोनों को सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जा रहा है. इसी माहौल में 2026 को लेकर बाजार में बड़े लक्ष्य की बातें शुरू हो गई हैं, जहां सोना 5,000 डॉलर और चांदी 100 डॉलर प्रति औंस की ओर बढ़ती नजर आ रही है, अगर इस आंकड़ें को भारतीय बाजार के तौर पर देखें तो, रिपोर्ट के मुताबिक, सोना 2026 में 1,50,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है. चांदी की कीमत 300000 रुपये तक जाएगी.
गोल्ड और सिल्वर में क्यों बनी है मजबूत तेजी
2025 में सोने की कीमतों में आई तेज उछाल के पीछे कई बड़े कारण रहे. दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ा है. अमेरिका की अगुवाई में वेनेजुएला से जुड़े तेल टैंकरों पर कार्रवाई, नाइजीरिया में नया सैन्य अभियान और वैश्विक अस्थिरता की आशंका ने निवेशकों को सुरक्षित विकल्पों की ओर मोड़ा है.
इसके साथ ही अमेरिका में मौद्रिक नीति को लेकर भी धारणा बदली है. ब्याज दरों में आगे कटौती की उम्मीद और डॉलर की कमजोरी ने सोना-चांदी दोनों को सपोर्ट दिया है. यही वजह है कि स्पॉट सिल्वर 70 डॉलर प्रति औंस के ऊपर कारोबार कर रही है और साल-दर-साल आधार पर चांदी करीब 150 फीसदी चढ़ चुकी है.
गोल्ड का टेक्निकल आउटलुक
टेक्निकल चार्ट पर सोने की स्थिति काफी मजबूत नजर आ रही है. FXEMPIRE की रिपोर्ट के मुताबिक, डेली चार्ट में सोने की कीमत एक अहम रेजिस्टेंस को तोड़कर ऊपर निकल चुकी है और अब नया बुलिश स्ट्रक्चर बनता दिख रहा है. हाल ही में सोने ने 4,380 डॉलर का ऑल-टाइम हाई पार किया, जो यह संकेत देता है कि अगला बड़ा लक्ष्य 5,000 डॉलर हो सकता है.

हालांकि, शॉर्ट टर्म में RSI ओवरबॉट जोन में है. इसका मतलब है कि थोड़ी बहुत मुनाफावसूली या हल्का करेक्शन आ सकता है. लेकिन बाजार जानकारों का मानना है कि अगर ऐसा होता है, तो यह गिरावट खरीदारी का मौका बन सकती है.
शॉर्ट टर्म में गोल्ड के लिए क्या स्तर अहम
रिपोर्ट के मुताबिक, 4-घंटे के चार्ट पर देखा जाए तो सोना 4,380 डॉलर के आसपास बने पैटर्न से ऊपर निकल चुका है और अब 4,500 डॉलर के पास कंसोलिडेट कर रहा है. क्रिसमस के आसपास बने रिकॉर्ड स्तरों के करीब ही कीमत ठहरी हुई है. ऐसे में अगर सोना वापस 4,380 डॉलर तक आता है, तो निवेशकों के लिए यह मजबूत सपोर्ट माना जा रहा है.

सिल्वर में तेजी क्यों ज्यादा तेज
चांदी की कहानी और भी दिलचस्प है. डेली चार्ट पर कई मजबूत बुलिश पैटर्न बने हैं, जिनसे साफ है कि लंबी अवधि का ट्रेंड ऊपर की ओर है. 54.50 डॉलर के ऊपर ब्रेकआउट के बाद चांदी ने तेज रफ्तार पकड़ी और सीधे 70 डॉलर तक पहुंच गई.
यह उछाल चांदी को ओवरबॉट जोन में जरूर ले गया है, लेकिन बाजार की गति अभी भी मजबूत बनी हुई है. स्ट्रक्चर यही इशारा करता है कि आने वाले समय में चांदी और ऊपर जा सकती है.

शॉर्ट टर्म में चांदी के लिए 85 से 90 डॉलर का स्तर अगला अहम लक्ष्य माना जा रहा है. अगर तेजी इसी तरह बनी रहती है, तो समय के साथ यह लक्ष्य और ऊपर भी जा सकता है. जनवरी 2026 तक चांदी का रुख बुलिश रहने की संभावना जताई जा रही है.

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डॉलर इंडेक्स का रोल
सोना-चांदी की तेजी के पीछे अमेरिकी डॉलर की कमजोरी भी एक बड़ी वजह है. डॉलर इंडेक्स 100.50 के नीचे बना हुआ है और 97.50 के आसपास सपोर्ट तलाश रहा है. अगर यह सपोर्ट टूटता है, तो इंडेक्स 96.50 या इससे नीचे भी जा सकता है. कमजोर डॉलर आमतौर पर कीमती धातुओं के लिए सकारात्मक माना जाता है.
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