SBI, PNB जैसे PSU बैंकों में जमकर आएगा विदेशी पैसा! FDI लिमिट 49% करने की तैयारी, बड़े रिफॉर्म की ओर सरकार
केंद्र सरकार बैंकिंग सेक्टर में बड़ा सुधार करने की तैयारी में है. सरकार जल्द ही सरकारी बैंकों में फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) की सीमा को मौजूदा 20 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी तक कर सकती है. यह कदम लागू होने पर एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा समेत सभी सरकारी बैंकों में विदेशी पूंजी के नए रास्ते खुल जाएंगे.
Government Bank FDI Limit 49%: केंद्र सरकार बैंकिंग सेक्टर में बड़ा सुधार करने की तैयारी में है. दरअसल सरकार की योजना है कि सरकारी बैंकों में फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) की सीमा को मौजूदा 20 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी किया जाए. यह फैसला अगर लागू होता है तो इंडियन बैंकिंग सेक्टर में विदेशी निवेश के नए दरवाजे खुल जाएंगे. यह योजना आगे चलकर अगर लागू हो जाती है तब एसबीआई से लेकर बैंक ऑफ बड़ौदा और सभी दूसरे सरकारी बैंक में बड़ा विदेशी निवेश आ सकेगा. वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के बीच पिछले कुछ महीनों से इस प्रस्ताव पर बातचीत का सिलसिला लगातार चल रहा है.
विदेशी निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी
रायटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह प्रस्ताव अभी अंतिम चरण में नहीं पहुंचा है, लेकिन इसे लेकर गंभीर चर्चा हो रही है. पिछले कुछ समय में विदेशी निवेशकों की भारतीय बैंकों में दिलचस्पी तेजी से बढ़ी है. हाल ही में दुबई की एमिरेट्स एनबीडी (Emirates NBD) ने लगभग 3 अरब डॉलर में RBL बैंक का 60 फीसदी हिस्सा खरीदा है. वहीं जापान की सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (SMBC) ने Yes Bank में 20 फीसदी हिस्सेदारी 1.6 अरब डॉलर में खरीदी थी, जिसे बाद में और बढ़ाकर 24.99 फीसदी कर दिया. रिपोर्ट के मुताबिक, अगर सरकारी बैंकों में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाई जाती है, तो यह बैंकों को अतिरिक्त पूंजी जुटाने में मदद करेगा, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति मजबूत होगी.
अंतर कम करने की कोशिश
मौजूदा समय में प्राइवेट बैंकों में विदेशी निवेश की सीमा 74 फीसदी तक है, जबकि सरकारी बैंकों के लिए यह सिर्फ 20 फीसदी है. प्रस्तावित बदलाव से यह अंतर कम होगा. सरकार इस योजना के तहत भी अपनी न्यूनतम 51 फीसदी हिस्सेदारी बनाए रखेगी, ताकि बैंकों पर नियंत्रण उसके पास ही रहे.
12 सरकारी बैंक और 171 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति
भारत में वर्तमान में 12 सरकारी बैंक हैं, जिनकी कुल संपत्ति मार्च 2025 तक 171 लाख करोड़ रुपये (करीब 1.95 ट्रिलियन डॉलर) रही है. ये बैंक देश के बैंकिंग क्षेत्र में लगभग 55 फीसदी हिस्सेदारी रखते हैं. हालांकि इन बैंकों में फिलहाल विदेशी हिस्सेदारी बहुत कम है. उदाहरण के तौर पर केनरा बैंक में करीब 12 फीसदी विदेशी निवेश है, जबकि यूको बैंक में लगभग शून्य.
आर्थिक विकास और बढ़ती क्रेडिट की मांग
भारत की अर्थव्यवस्था पिछले तीन सालों में औसतन 8 फीसदी की दर से बढ़ी है. तेज आर्थिक विकास के साथ ही लोन की मांग भी बढ़ी है, जिससे बैंकिंग सेक्टर निवेशकों के लिए और फोकस में बन गया है. जनवरी से सितंबर तक भारत के वित्तीय क्षेत्र में 127 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 8 अरब डॉलर के सौदे हुए हैं. विदेशी निवेश बढ़ाने के बावजूद एकल निवेशक के लिए 10 फीसदी से अधिक वोटिंग राइट्स की अनुमति नहीं होगी. यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि किसी एक विदेशी निवेशक का अनुचित नियंत्रण न हो सके.
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