IOC Q2 Results: मुनाफे में 4128% का धमाका! 2.02 लाख करोड़ रेवेन्यू; LPG सब्सिडी ने बदल दी पूरी कहानी

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने FY26 की दूसरी तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं. इस दौरान कंपनी के प्रॉफिट में 4128% का धमाकेदार इजाफा हुआ है. इसके अलावा कंपनी ने 2.02 लाख करोड़ रुपये का रेवेन्यू रिपोर्ट किया है. GRM में मजबूत और LPG सब्सिडी को मुनाफे की सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है.

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन Image Credit: Sheldon Cooper/SOPA Images/LightRocket via Getty Images

देश की सबसे बड़ी PSU में शामिल इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) ने सितंबर तिमाही में तगड़ा प्रदर्शन दिखाते हुए मुनाफे में रिकॉर्ड बढ़त दर्ज की है. कंपनी का Q2 FY26 स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट 4,128% उछलकर 7,610.45 करोड़ रुपये पहुंच गया है. जबकि, पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी ने मात्र 180 करोड़ रुपये का प्रॉफिट रिपोर्ट किया था.लो बेस इफेक्ट, बेहतर रिफाइनिंग मार्जिन और कंट्रोल्ड खर्चों ने इस बार तिमाही को मजबूत बढ़त दी है.

रेवेन्यू में 4% की बढ़त

कंपनी का रेवेन्यू भी 4% की बढ़त के साथ 2,02,992.34 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो पिछले साल के 1,95,148.9 करोड़ रुपये रहा था. टॉपलाइन ग्रोथ भले सीमित दिखाई दी, लेकिन बॉटमलाइन में सुधार यह संकेत देता है कि कंपनी की ऑपरेशनल स्थिति तिमाही-दर-तिमाही आधार पर बेहतर हो रही है.

ऑपरेटिंग मार्जिन बड़ा सुधार

Q2 FY25 में जहां IOC का ऑपरेटिंग मार्जिन सिर्फ 0.03% था, वहीं FY26 Q2 में यह बढ़कर 5.28% पर पहुंच गया. वहीं, Q1 FY26 में यह 4.01% रहा था. इस तरह यह एक मजबूत ग्रोथ का संकेत है. इससे पता चलता है कि कंपनी के मार्जिन साइकल में मजबूती दिख रही है.

LPG सब्सिडी से बड़ी राहत

LPG बफर अकाउंट में जमा घाटे पर सरकार ने IOC और अन्य OMCs को राहत देते हुए 14,486 करोड़ की सब्सिडी मंजूर की है. कंपनी के मुताबिक बफर अकाउंट में 25,768.77 करोड़ का नुकसान दर्ज किया था, जिसका एक बड़ा हिस्सा अब धीरे-धीरे रिकवर होगा. यह भुगतान नवंबर 2025 से 12 महीनों में मिलेगा, जिसे कंपनी मासिक रूप से रेवेन्यू में बुक करेगी.

क्या होगा कंपनी को फायदा?

सब्सिडी की रकम से कंपनी के कैश फ्लो में सुधार आएगा. इसके अलावा वर्किंग कैपिटल पर दबाव कम होगा. वहीं, LPG बिजनेस में बैलेंस शीट में स्थिरता देखने को मिलेगी.

GRM ने दिया सपोर्ट

FY26 की पहली छमाही में IOC का औसत ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन (GRM) 6.32 डॉलर प्रति बैरल रहा, जो पिछले साल 4.08 डॉलर प्रति बैरल था. इसके अलावा कोर GRM बढ़कर 7.89 डॉलर प्रति बैरल रहा. मजबूत GRM का सीधा असर कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी पर पड़ा है और कंपनी को तिमाही में बड़ा आराम मिला है.

दूसरी OMC के लिए क्या संकेत?

कंपनी के नंबर बताते हैं कि LPG घाटा सीमित होने जा रहा है. इससे मार्जिन साइकल मजबूत हो रहा है और GRM सपोर्टिव ट्रेंड में है. इन फैक्टर का असर दूसरी ऑयल मार्केटिंग कंपनीज (OMC) के नतीजों में भी देखने को मिल सकता है. आने वाले क्वार्टर्स में फ्यूल डिमांड, क्रूड प्राइस और सब्सिडी फ्लो स्टॉक ट्रेंड तय करेंगे. वहीं, IOC के लिए Q2 FY26 एक टर्नअराउंड तिमाही साबित हुई. लो बेस की मदद जरूर थी, लेकिन ऑपरेटिंग लेवल पर ग्रोथ, बेहतर GRM, कंट्रोल्ड कॉस्ट और LPG सब्सिडी ने कंपनी की फाइनेंशियल रिकवरी को भरोसेमंद आधार दिया है.

एक दिन में 3% चढ़ा शेयर

नजीतों के ऐलान से पहले ही सोमवार को IOC के शेयर में जोरदार बायिंग देखने को मिली है. कंपनी का शेयर प्राइस 3.23 फीसदी तेजी के साथ 155.23 रुपये पर पहुंच गया है.

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