विंडफॉल टैक्स पर आया बड़ा अपडेट, सरकार जल्द ले सकती है ये फैसला
केंद्रीय वित्त मंत्रालय स्थानीय कच्चे तेल उत्पादन पर विंडफॉल टैक्स को खत्म करने पर विचार कर रहा है. ऐसे में पेट्रोलियम मंत्रालय ने इसे हटाये जाने का प्रस्ताव पहले ही वित्त मंत्रालय को भेज दी है.

कच्चे तेल की कीमतों पर लगने वाले विंडफॉल टैक्स पर बड़ा अपडेट आया है. सरकार इसे हटाने पर विचार कर रही है. जल्द ही सरकार इसका ऐलान कर सकती है. यह जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय के सलाहकार तरुण कपूर ने 23 अक्टूबर यानी बुधवार को दी.
उन्होंने बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय स्थानीय कच्चे तेल उत्पादन पर विंडफॉल टैक्स को खत्म करने पर विचार कर रहा है. चूंकि अब कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि वैश्विक तेल की कीमतें 2022 की तुलना में तेजी से कम हो गई हैं. ऐसे में पेट्रोलियम मंत्रालय ने इसे हटाये जाने का प्रस्ताव पहले ही वित्त मंत्रालय को भेज दी है, जिस पर विचार किया जाएगा.
इन दिग्गजों को मिलेगी राहत
कच्चे तेल पर लगाए जाने वाले विंडफॉल टैक्स को हटाए जाने के फैसले से तेल की दिग्गज कंपनियों रिलायंस और ONGC को काफी राहत मिलेगी. यह इसलिए फायदेमंद होगा क्योंकि उन्होंने हाल ही में एक तेल क्षेत्र एक्सप्लोरेशन लाइसेंस के लिए बोली लगाने के लिए सहयोग किया है. यह बदलती आर्थिक स्थितियों के बीच एक रणनीतिक कदम की ओर इशारा करता है.
क्यों लगाया था विंडफॉल टैक्स?
भारत ने जुलाई 2022 से कच्चे तेल उत्पादकों पर विंडफॉल टैक्स लागू किया और बाद में इसे गैसोलीन, डीजल और विमानन ईंधन के निर्यात तक बढ़ा दिया. दरअसल निजी रिफाइनर घरेलू स्तर पर ईंधन बेचने के बजाय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत रिफाइनिंग मार्जिन को भुनाने की कोशिश कर रहे थे जिस पर नियंत्रण लगाने के लिए सरकार ने यह टैक्स लगाया था, इससे घरेलू स्तर पर तेल की कीमतें नियंत्रित रहती हैं. इससे पहले सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को 11.9 प्रतिशत घटाकर 1,850 रुपये प्रति टन कर दिया था, जो 31 अगस्त से प्रभावी था. वहीं डीजल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स को शून्य पर बरकरार रखा.
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