सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की फीस में कितना अंतर, जानें टॉप 10 कॉलेज में पढ़ाई का खर्चा
भारत में मेडिकल की पढ़ाई की ओर युवाओं का रुझान तेजी से बढ़ा है. आंकड़ों के मुताबिक, 2023-24 में 20 लाख से अधिक छात्रों ने NEET-UG परीक्षा के लिए आवेदन किया था. मेडिकल सीटें सीमित होने के कारण कई छात्र प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन लेते हैं, लेकिन प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की फीस गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेजों की तुलना में कई गुना अधिक होती है.

पिछले कुछ वर्षों में मेडिकल एजुकेशन की ओर छात्रों का रुझान तेजी से बढ़ा है. लेकिन प्राइवेट और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सीमित सीटों के कारण कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलती है. 2023-24 में, 20 लाख से अधिक छात्रों ने NEET-UG परीक्षा के लिए आवेदन किया था, वहीं 1.7 लाख से अधिक उम्मीदवार NEET-PG में शामिल हुए. भारी कंपटीशन और कड़े मुकाबले के बावजूद, कई छात्र सरकारी कॉलेजों की सीटें न मिलने पर प्राइवेट कॉलेजों का रुख करते हैं. हालांकि, प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की सबसे बड़ी चुनौती उनकी ऊंची फीस होती है.
प्राइवेट मेडिकल कॉलेज बनाम गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज
प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की फीस, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेजों की तुलना में काफी अधिक होती है. एमडी, एमएस और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की फीस और भी ज्यादा हो सकती है, कुछ संस्थान इन कोर्सेज के लिए 1 करोड़ रुपये तक चार्ज करते हैं. इतनी ऊंची फीस भरना कई छात्रों के लिए बिना लोन या छात्रवृत्ति के बेहद मुश्किल होता है.
वहीं एम्स दिल्ली भारत के नंबर वन मेडिकल कॉलेज में से एक है. दिल्ली एम्स में एमबीबीएस कोर्स की एक साल की फीस करीब 1,648 रुपये है. वहीं अगर पांच साल का देखें तो 8,240 रुपये बनता है. यानी 9 हजार रुपये से भी कम.
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प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की फीस
TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, अलग-अलग कॉलेजों की फीस अलग-अलग है.
मेडिकल कॉलेज का नाम | जगह | अनुमानित एनुअल फीस (UG) | अनुमानित एनुअल फीस (PG) |
क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज | वेल्लोर, तमिलनाडु | 50,000-1 लाख रुपये | 1.25 लाख रुपये-2 लाख रुपये |
कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज | मणिपाल, कर्नाटक | 14 लाख रुपये-16 लाख रुपये | 20-25 लाख रुपये |
एसआरएम मेडिकल कॉलेज अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर | चेन्नई, तमिलनाडु | 22-24 लाख रुपये | 25-28 लाख रुपये |
इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज | कोच्चि, केरल | 18-20 लाख रुपये | 20-22 लाख रुपये |
भारती विद्यापीठ मेडिकल कॉलेज | पुणे, महाराष्ट्र | 21-23 लाख रुपये | 23-26 लाख रुपये |
असम मेडिकल कॉलेज | डिब्रूगढ़, असम | 7-8 लाख रुपये | 10-12 लाख रुपये |
सिक्किम मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज | गंगटोक, सिक्किम | 16-18 लाख रुपये | 18-20 लाख रुपये |
संतोष मेडिकल कॉलेज | गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश | 20-22 लाख रुपये | 22-24 लाख रुपये |
डीवाई पाटिल मेडिकल कॉलेज | मुंबई, महाराष्ट्र | 24-26 लाख रुपये | 26-28 लाख रुपये |
कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज | भुवनेश्वर, ओडिशा | 18-20 लाख रुपये | 20-22 लाख रुपये |
प्राइवेट कॉलेजों की फीस अधिक क्यों होती है
प्राइवेट कॉलेज की ऊंची फीस के पीछे कई कारण हैं. एक तरफ सरकारी मेडिकल कॉलेज को सरकार अनुदान देती है जिसकी वजह से इनकी फीस कम होती है वहीं प्राइवेट कॉलेज को इंफ्रास्ट्रक्चर, आधुनिक लैब और अन्य सुविधाओं के निर्माण पर भारी खर्च करना पड़ता है. साथ ही शिक्षकों के लिए भी प्राइवेट कॉलेज को खर्चा करना पड़ता है. इसके अलावा गवर्नेंट कॉलेज में सीट कम होने के कारण प्राइवेट कॉलेज की मांग बढ़ जाती है जिससे इनके फीस में बहुत ज्यादा होते हैं.
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