Dream 11, MPL और जूपी से ऑनलाइन गेम हटना शुरू, अगर पैसा फंसा है तो ऐसे निकालें

संसद में ऑनलाइन गेमिंग विधेयक 2025 पारित होने के बाद बड़ी गेमिंग कंपनियों ने पैसे वाले गेम्स पर रोक लगा दी है. सबसे पहले एमपीएल ने सभी धन-आधारित खेल निलंबित किए है. इसके बाद ड्रीम11 और जूपी ने भी रियल-मनी गेम्स बंद कर दिए है. सरकार ने ऐसे गेम्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा बताया है और इन्हें गेमिंग डिसऑर्डर से जोड़ा है.

Dream 11, MPL और जूपी

Online Gaming Bill 2025: ड्रीम11, एमपीएल और जूपी जैसे बड़े ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स इन दिनों सुर्खियों में हैं. संसद से ऑनलाइन गेमिंग (प्रमोशन और रेगुलेशन) बिल, 2025 पास होते ही इन कंपनियों ने अपने पैसे वाले गेम्स को बंद करना शुरू कर दिया है. सबसे पहले मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL) ने भारत में सभी रियल-मनी गेम्स पर रोक लगाई, इसके तुरंत बाद ड्रीम11 की पैरेंट कंपनी ड्रीम स्पोर्ट्स ने भी 20 अगस्त को कर्मचारियों के साथ एक आंतरिक बैठक में घोषणा की कि वह देश में अपने सभी पैसे वाले गेम्स बंद कर रही है. इसी कड़ी में जूपी (Zupee) ने भी बड़ा कदम उठाते हुए सभी पेड गेम्स बंद करने का ऐलान किया है. हालांकि कंपनी के फ्री गेम्स जैसे लूडो सुप्रीम, लूडो टर्बो और स्नेक्स एंड लैडर्स पहले की तरह चलते रहेंगे.

इस बड़े बदलाव के बाद अब सबसे अहम सवाल यह है कि जिन लाखों यूजर्स का पैसा इन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर अटका हुआ है, वे इसे कैसे निकाल पाएंगे. कंपनियों का दावा है कि वे अपने सभी यूजर्स को बैलेंस वापस दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी हैं.

Dream11 से फंसा हुआ पैसा कैसे निकालें

फिलहाल मौजूदा समय में Dream11 ने अपने फंसे हुए पैसों की निकासी पर कोई ऑफिशियल जानकारी जारी नहीं की है. हालांकि, सामान्य तौर पर Dream11 से पैसा निकालने का तरीका इस प्रकार है.

स्टेप-बाय-स्टेप प्रोसेस

  1. लॉग इन करें – सबसे पहले अपने Dream11 अकाउंट में लॉग इन करें.
  2. My Balance पर जाएं – होम स्क्रीन से My Balance सेक्शन खोलें.
  3. Winnings चुनें – यहां Winnings का विकल्प मिलेगा, उस पर क्लिक करें.
  4. Withdraw पर क्लिक करें – अब Withdraw बटन दबाएं.
  5. राशि दर्ज करें – जितना पैसा निकालना चाहते हैं (200 रुपये से 2,00,000 रुपये तक) वह दर्ज करें.
  6. रिक्वेस्ट सबमिट करें – आखिर में Submit पर क्लिक करके अपनी विदड्रॉ रिक्वेस्ट पूरी करें.

इसे भी ध्यान रखें

  • आपके अकाउंट का वेरिफाइड होना जरूरी है.
  • विदड्रॉ करने के लिए विनिंग बैलेंस 200 रुपये से अधिक होना चाहिए.
  • दिन में अधिकतम 3 बार विदड्रॉ किया जा सकता है.
  • पैसा आपके लिंक्ड बैंक अकाउंट में IMPS या NEFT के जरिए ट्रांसफर होगा.

MPL से फंसा हुआ पैसा कैसे निकालें?

एमपीएल से पैसा निकालने के लिए आपको कुछ स्टेप्स को फॉलो करना होगा. इसके तहत सबसे पहले आपको,

  • केवाईसी (KYC) पूरा करें
  • सबसे पहले आपका अकाउंट KYC वेरिफाइड होना चाहिए. यह सिर्फ एक बार किया जाता है.
  • बैंक अकाउंट लिंक करें
  • MPL ऐप में वॉलेट पेज पर जाएं और अपना बैंक अकाउंट लिंक करें.
  • पैसे निकालना शुरू करें
  • वॉलेट पेज पर Withdraw बटन दबाएं.
  • अकाउंट और अमाउंट चुनें
  • अपना लिंक किया हुआ बैंक अकाउंट सेलेक्ट करें और जितनी रकम निकालनी है वह डालें.
  • कन्फर्म करें
  • एक बार फिर Withdraw दबाकर ट्रांजैक्शन कन्फर्म करें.

अगर पैसे फंस जाएं तो क्या करें?

अगर आपका पैसा फंस गया है, तो उसके लिए सबसे पहले आप,

  • ट्रांजैक्शन हिस्ट्री चेक करें
  • वॉलेट पेज पर Transaction History में जाकर देखें कि आपके पैसे का क्या स्टेटस है.
  • कस्टमर सपोर्ट से संपर्क करें
  • अगर विदड्रॉ में कोई एरर आया है या गेम तकनीकी वजह से बंद हो गया, तो MPL ऐप के हेल्पडेस्क से मदद लें. जरूरत पड़ने पर आपको गेम टेबल का Hand ID देना पड़ सकता है.
  • सर्वर के रीस्टार्ट का इंतजार करें
  • कभी-कभी सर्वर की दिक्कत की वजह से पैसे अटक सकते हैं. ऐसे में MPL सर्वर रीस्टार्ट होने पर आपका पैसा रिलीज कर देता है.

क्या है नया बिल और इसका असर?

इस बिल के बारे में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इसमें ऑनलाइन गेमिंग को तीन हिस्सों में बांटा गया है. पहला है ई-स्पोर्ट्स, दूसरा है ऑनलाइन सोशल गेमिंग और तीसरा है ऑनलाइन मनी गेमिंग. इनमें से पहले दो यानी ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को बढ़ावा दिया जाएगा, जबकि पैसे वाले गेम्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा बताया गया है. उन्होंने कहा, यह समाज में, खासकर मध्यम वर्ग के युवाओं के बीच, एक बहुत बड़ी समस्या बन गया है. अश्वनी वैष्णव ने कहा इसकी लत लग जाती है और परिवार की पूरी बचत खत्म हो जाती है. अनुमान है कि 45 करोड़ लोग इससे प्रभावित हुए हैं और इसमें 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम डूब चुकी है. वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे एक गेमिंग डिसऑर्डर घोषित किया है.

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