इन 4 सरकारी बैंकों का खत्म होगा नामोनिशान! मेगा मर्जर में लाखों कस्मटर के बदलेंगे बैंक, देखें किसका कितना बिजनेस

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) के मेगा मर्जर 2.0 के तहत सरकार दोबारा इनकी रीस्‍ट्रक्‍चरिंग करेगी. जिसके तहत कुछ प्रमुख छोटे सरकारी बैंकों को बड़े बैंकों में मर्ज किया जाएगा. इससे छोटे बैंकों का वजूद खत्‍म हो जाएगा. तो क्‍या है सरकार का प्‍लान, मर्जर की क्‍या है वजह और कौन से बैंक होंगे इसमें शामिल जानिए पूरी डिटेल.

सरकार इन छोटे सरकारी बैंकों को करेगी मर्ज Image Credit: money9 live

PSU banks merger: बैंकिंग सिस्टम को मजबूत बनाने और ग्लोबल लेवल पर बैंकों को प्रतिस्पर्धा लायक बनाने के मकसद से सरकार ने दोबारा बैकों की रीस्‍ट्रक्‍चरिंग पर जोर दे रही है. नीति आयोग की सिफारिश को ध्‍यान में रखते हुए सरकार एक बार फिर छोटे सरकारी बैंकों को बड़े बैंकों में मिलाने की योजना तैयार कर रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) के मेगा मर्जर 2.0 के तहत सरकार इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (CBI), बैंक ऑफ इंडिया (BOI) और बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BoM) को बड़े बैंकों में मर्ज कर सकती है. हालांकि इससे इन छोटे सरकारी बैंकों (PSU Banks) का वजूद खतरे में पड़ गया है. उनका नामो निशान भविष्‍य में मिट सकता है. साथ ही इन बैंकों के मौजूदा कस्‍टमर्स को भी नए बैंकों के नियम फॉलो करने पड़ेंगे.

किन बैंकों का वजूद होगा खत्‍म?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (CBI), बैंक ऑफ इंडिया (BOI) और बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BoM) को बड़े बैंकों स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) में मिलाने पर विचार कर रही है. इससे इन छोटे सरकारी बैंकों का वजूद खत्‍म हो जाएगा. इस प्रस्ताव का ड्राफ्ट ‘रिकॉर्ड ऑफ डिस्कशन’ के रूप में तैयार हो चुका है, जिसे पहले कैबिनेट स्तर पर और फिर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में समीक्षा के लिए भेजा जाएगा. सरकार का लक्ष्य इस मेगा मर्जर का प्‍लान FY27 (वित्त वर्ष 2026-27) तक फाइनल करने का है.

छोट बैंकों में सरकार की कितनी हिस्‍सेदारी?

  • इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) – 94.6%
  • सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (CBI) – 89.3%
  • बैंक ऑफ इंडिया (BOI) – 73.4%
  • बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BoM) – 79.6%

Source: यह डेटा ट्रेंडलाइन के मुताबिक सितंबर 2025 तक का है.

बैंकों की वित्‍तीय स्थिति

सितंबर तिमाही (Q2 FY26) में कई बैंकों ने अपने नतीजे जारी किए, इनमें ये सरकारी छोटे बैंक भी शामिल हैं, तो कैसी रही इनकी परफॉर्मेंस यहां देखें.

इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB): बैंक का शुद्ध मुनाफा 58% बढ़कर ₹1,226 करोड़ हो गया, जो पिछले साल इसी तिमाही में ₹777 करोड़ था. ब्याज आय बढ़कर ₹5,856 करोड़ रही. बैंक का ग्रॉस NPA 2.72% से घटकर 1.83% पर आ गया.

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया: बैंक का नेट प्रॉफिट 33% बढ़कर ₹1,213 करोड़ रहा, जबकि पिछले साल यह ₹913 करोड़ था. बैंक का कुल कारोबार 14.43% बढ़कर ₹7.38 लाख करोड़ और कुल डिपॉज़िट 13.4% बढ़कर ₹4.44 लाख करोड़ पर पहुंच गया.

बैंक ऑफ इंडिया (BOI): बैंक का शुद्ध लाभ 7.62% बढ़कर ₹2,555 करोड़ रहा. हालांकि शेयर 1.67% गिरकर ₹123.30 पर बंद हुए.

बैंक ऑफ महाराष्ट्र: बैंक का नेट प्रॉफिट 23.09% बढ़कर ₹1,633 करोड़ रहा, जबकि नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) 15.71% बढ़कर ₹3,248 करोड़ पर पहुंची.

यह भी पढ़ें: इन 3 स्‍मॉलकैप पॉवर स्‍टॉक में है ग्रोथ का करंट, बिजली की रफ्तार से भाग सकते हैं शेयर, वॉचलिस्‍ट में करें शामिल

किस बैंक के कितने कस्‍टमर?

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक इंडियन ओवरसीज बैंक का कस्‍टमर बेस 31 दिसंबर, 2024 तक 4 करोड़ का था, जबकि इसके कर्मचारी 21,147 थे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 31 दिसंबर, 2024 तक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के ग्राहकों की संख्या 8.21 करोड़ दर्ज की गई. बैंक ऑफ इंडिया के करीब 7 करोड़ कस्‍टमर्स हैं, वहीं बैंक ऑफ महाराष्ट्र के कस्‍टमरों की संख्‍या जून 2025 तक 3.5 करोड़ दर्ज की गई.