भारत की बड़ी जीत, साझा घोषणापत्र में पहलगाम हमले की निंदा, आयोजकों, हमलावरों को मिले सजा, PAK को झटका

SCO declaration: शंघाई सहयोग संगठन के नेताओं ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले की 'कड़ी निंदा' की, लेकिन संयुक्त घोषणापत्र में पाकिस्तान का नाम नहीं लिया गया. पीएम मोदी भारत लौटने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एक द्विपक्षीय बैठक में भाग लेंगे.

SCO के लीडर्स ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की. Image Credit: PTI

SCO declaration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी चीन यात्रा के तीसरे दिन सोमवार (1 सितंबर 2025) को तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के नेताओं की बैठक में शामिल हुए. उन्होंने शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने पहलगाम हमले पर बात करते हुए कहा कि ‘आतंकवाद मानवता के लिए एक सामूहिक चुनौती है.’

पाकिस्तान का नहीं लिया गया नाम

शंघाई सहयोग संगठन के नेताओं ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले की ‘कड़ी निंदा’ की, लेकिन संयुक्त घोषणापत्र में पाकिस्तान का नाम नहीं लिया गया, जबकि भारत लंबे समय से यह आरोप लगाता रहा है कि इस्लामाबाद आतंकवादी संगठनों को सुरक्षित पनाहगाह प्रदान करता है.

चीन के तियानजिन में शिखर सम्मेलन के समापन के बाद जारी एक संयुक्त घोषणापत्र में, चीन और तुर्किये सहित सदस्य देशों ने हमले में मारे गए और घायल हुए लोगों के परिवारों के प्रति ‘गहरी सहानुभूति और संवेदना’ व्यक्त की और इस बात पर जोर दिया कि ऐसे कृत्यों के दोषियों, ऑर्गेनाइजर और स्पॉन्सर को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए.

आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त लड़ाई का संकल्प

आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ संयुक्त लड़ाई जारी रखने का संकल्प लेते हुए, सदस्य देशों ने इस बात की पुष्टि की कि संप्रभु सरकारें और उनकी एजेंसियां ​​ऐसे खतरों का मुकाबला करने की प्राथमिक जिम्मेदारी रखती हैं.

संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है, ‘सदस्य देशों ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की. उन्होंने मृतकों और घायलों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी सहानुभूति और संवेदना व्यक्त की. उन्होंने आगे कहा कि ऐसे हमलों के अपराधियों, आयोजकों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए’

घोषणापत्र में आगे कहा गया है, ‘सदस्य देश आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के विरुद्ध लड़ाई के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराते हुए, आतंकवादी, अलगाववादी और उग्रवादी समूहों का भाड़े के उद्देश्यों के लिए उपयोग करने के प्रयासों की अस्वीकार्यता पर बल देते हैं. वे आतंकवादी और उग्रवादी खतरों का मुकाबला करने में संप्रभु देशों और उनके सक्षम प्राधिकारियों की अग्रणी भूमिका को मान्यता देते हैं.’

पाकिस्तान में हुए आतंकवादी हमलों की भी निंदा

घोषणापत्र में पाकिस्तान के अंदर हुए आतंकवादी हमलों की भी निंदा की गई, जिनमें जाफर एक्सप्रेस बम विस्फोट और 21 मई को खुजदार हमला शामिल है. इसमें कहा गया, ‘सदस्य देशों ने 11 मार्च को जाफर एक्सप्रेस और 21 मई 2025 को खुजदार में हुए आतंकवादी हमलों की भी कड़ी निंदा की.’

पीएम मोदी और जिनपिंग

प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बैठक के साथ अपनी दो दिवसीय चीन यात्रा शुरू की, जिसमें पूर्वी लद्दाख में चार साल से चल रहे सीमा गतिरोध के दौरान बिगड़े द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के उद्देश्य से व्यापक चर्चा की गई. यह गतिरोध पिछले साल अक्टूबर में औपचारिक रूप से समाप्त हो गया था.

पीएम मोदी उठाया सावाल

सोमवार को प्रधानमंत्री ने एससीओ नेताओं की बैठक को संबोधित किया और सवाल किया कि क्या ‘कुछ देशों’ द्वारा आतंकवादी संगठनों को दिए जा रहे खुले समर्थन को अब और बर्दाश्त किया जा सकता है. प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि ‘आतंकवाद केवल किसी एक देश की सुरक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए खतरा है.’

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, हमें स्पष्ट रूप से और एकमत से कहना होगा कि आतंकवाद पर कोई दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं है. यह हमला (पहलगाम) मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश और व्यक्ति के लिए एक खुली चुनौती थी. ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद का खुला समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है. हमें हर रूप और रंग के आतंकवाद का सर्वसम्मति से विरोध करना होगा. मानवता के प्रति यह हमारा कर्तव्य है.’

पीएम मोदी भारत लौटने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एक द्विपक्षीय बैठक में भाग लेंगे.