शापूरजी पल्लोनजी मिस्त्री ने Tata Sons की लिस्टिंग की मांग दोहराई, NBFC नियमों का दिया हवाला; कहा गंभीरता से लें RBI की डेडलाइन

शापूरजी पल्लोनजी मिस्त्री ने टाटा संस की पब्लिक लिस्टिंग की मांग दोहराई है. उन्होंने RBI के Upper Layer NBFC नियमों और 30 सितंबर 2025 की डेडलाइन का हवाला देते हुए इसे नैतिक जिम्मेदारी बताया. एसपी ग्रुप के पास टाटा संस में 18.37 फीसदी हिस्सेदारी है. वहीं, टाटा ट्रस्ट्स के भीतर आंतरिक मतभेदों से यह बहस और तेज हो गई है.

शापूरजी पालोनजी Image Credit: Vikas Khot/IndiaPictures/Universal Images Group via Getty Images

Shapoorji Pallonji Mistry: टाटा ग्रुप की प्रमोटर कंपनी टाटा संस की पब्लिक लिस्टिंग का लंबे समय से चला आ रहा मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है. शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप के अध्यक्ष शापूरजी पल्लोनजी मिस्त्री ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर टाटा संस की पब्लिक लिस्टिंग की मांग को दोहराया है. यह मांग ऐसे समय में सामने आई है जब टाटा ग्रुप के नियंत्रण वाले टाटा ट्रस्ट्स के भीतर मतभेदों की खबरें आ रही हैं. मिस्त्री ने RBI द्वारा निर्धारित 30 सितंबर 2025 की समयसीमा का पालन सुनिश्चित करने पर जोर दिया है और इसे नैतिक एवं सामाजिक जिम्मेदारी बताया है.

अपर लेयर NBFC की लिस्टिंग अनिवार्य

शापूरजी पल्लोनजी मिस्त्री ने अपने बयान में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ‘Scale-Based Regulatory Framework’ का हवाला दिया है. इस फ्रेमवर्क के तहत टाटा संस को एक ‘अपर लेयर’ नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिसके लिए पब्लिक लिस्टिंग अनिवार्य है. RBI ने इसके लिए 30 सितंबर 2025 की अंतिम तारीख तय की है.

मिस्त्री ने इस समयसीमा का पालन “गंभीरता और पवित्रता” के साथ करने का आह्वान किया है. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह केवल एक नियम का सवाल नहीं है, बल्कि संस्थापक जमशेदजी टाटा द्वारा स्थापित पारदर्शिता की भावना को कायम रखने का विषय है, जो सभी हितधारकों, कर्मचारियों, निवेशकों और देश के नागरिकों के प्रति विश्वास को मजबूत करेगा.

शापूरजी पल्लोनजी (SP) ग्रुप की हिस्सेदारी

इस मांग के पीछे शापूरजी पल्लोनजी (SP) ग्रुप की वित्तीय मजबूरियां एक प्रमुख कारण मानी जा रही हैं. एसपी ग्रुप टाटा संस में लगभग 18.37 फीसदी हिस्सेदारी का मालिक है. रिपोर्ट्स के अनुसार, एसपी ग्रुप अपने कर्ज को कम करने और पैसा जुटाने के लिए इस हिस्सेदारी का लाभ उठाना चाहता है.

फिलहाल टाटा संस एक निजी कंपनी है, इसलिए एसपी ग्रुप के लिए अपनी हिस्सेदारी का सही बाजार मूल्यांकन कराना या उसे आसानी से बेचना मुश्किल है. यदि टाटा संस लिस्ट हो जाती है, तो एसपी ग्रुप के लिए अपनी हिस्सेदारी बेचकर या उसे गिरवी रखकर पूंजी जुटाना काफी आसान हो जाएगा.

टाटा ट्रस्टी में आंतरिक मतभेद

यह मांग ऐसे समय में आई है जब टाटा संस पर नियंत्रण रखने वाले टाटा ट्रस्ट्स (जो 66 फीसदी हिस्सेदारी रखते हैं) के ट्रस्टी के बीच आंतरिक मतभेदों की खबरें सामने आ रही हैं. माना जा रहा है कि ट्रस्टी के भीतर टाटा संस की पब्लिक लिस्टिंग को लेकर अलग-अलग राय हो सकती हैं. यह आंतरिक असहमति इस पूरे मुद्दे को और अधिक जटिल बना देती है. मिस्त्री का बयान इन्हीं मतभेदों के बीच एक रणनीतिक दबाव के रूप में देखा जा रहा है.

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