छंटनी के बीच TCS ने दी खुशखबरी, 80 फीसदी कर्मचारियों का बढ़ेगी सैलरी; जानें किसे मिलेगा फायदा
जहां एक तरफ टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज बड़े स्तर पर कर्मचारियों की छंटनी कर रही है, वहीं दूसरी तरफ अपने 80 फीसदी कर्मचारियों की सैलरी भी बढ़ा रही है. इसकी जानकारी टीसीएस के चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर मिलिंद लक्कड़ और सीएचआरओ नामित के. सुदीप ने दी. हालांकि कंपनी ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि सैलरी कितने प्रतिशत बढ़ाई जाएगी.

Tata Consultancy Services: देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी TCS ने अपने कर्मचारियों के लिए एक बड़ा ऐलान किया है. कंपनी ने बताया है कि जूनियर से लेकर मिड लेवल तक के करीब 80 फीसदी कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाई जाएगी. यह जानकारी टीसीएस के सीएचआरओ मिलिंद लक्कड़ और सीएचआरओ नामित के. सुदीप ने ईमेल के जरिए दी है.
कंपनी की तरफ से ईमेल में लिखा गया है कि C3A ग्रेड और उसके बराबर ग्रेड वाले सभी कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाई जाएगी. हालांकि कंपनी ने यह नहीं बताया कि सैलरी कितने प्रतिशत बढ़ेगी.
कब से बढ़ेगी सैलरी ?
सैलरी में यह बढ़ोतरी 1 सितंबर 2025 से लागू होगी. यह बढ़ोतरी उन कर्मचारियों के लिए है जो C3A या उससे नीचे के ग्रेड में आते हैं. यह संख्या कुल कर्मचारियों की करीब 80 फीसदी है.
सैलरी बढ़ी, लेकिन 12,000 वर्करों की जाएगी नौकरी
जहां एक तरफ कंपनी ने सैलरी बढ़ाने का ऐलान किया है, वहीं दूसरी ओर इस साल करीब 12,000 कर्मचारियों की छंटनी भी कर रही है. छंटनी मुख्य रूप से मिड और सीनियर लेवल के कर्मचारियों की होगी. छंटनी को लेकर कंपनी का कहना है कि वह नए जमाने की टेक्नॉलाजी, एआई, पर फोकस कर रही है.
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क्यों हो रही छंटनी?
छंटनी को लेकर कंपनी का कहना है कि वह खुद को फ्यूचर-रेडी बना रही है. इसके तहत नई टेक्नोलॉजी में निवेश, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बड़े लेवल पर इस्तेमाल और वर्कफोर्स की रीअलाइनमेंट शामिल है. ऐसे में जिन कर्मचारियों की दोबारा तैनाती संभव नहीं है, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा. इसका असर करीब 2 फीसदी वर्कफोर्स पर पड़ेगा, खासतौर पर मिड और सीनियर लेवल पर.
आईटी सेक्टर में बढ़ी चिंता
TCS की छंटनी और सैलरी हाइक की खबरों ने पूरे आईटी सेक्टर में हलचल मचा दी है. ग्लोबल मार्केट में अनिश्चितता, अमेरिका के सख्त टैरिफ और एआई-ड्रिवन बदलावों के बीच भारतीय आईटी कंपनियों की ग्रोथ दबाव में है. इसी वजह से जून तिमाही (Q1 FY26) में टॉप कंपनियों ने सिर्फ सिंगल डिजिट ग्रोथ दर्ज की है और नए प्रोजेक्ट्स के फैसले भी स्लो हुए हैं.
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