Uflex 317 करोड़ की लागत से नोएडा में बनाएगी दो रीसाइक्लिंग प्लांट, 39600 टन कचरे की होगी प्रोसेसिंग
UFlex Ltd. नोएडा में दो नए रीसाइक्लिंग प्लांट बनाने के लिए 317 करोड़ रुपये निवेश करेगी. ये प्लांट हर साल 39,600 मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरा प्रोसेस करेंगे और फूड पैकेजिंग में इस्तेमाल होने वाले rPET व rPE मटेरियल के उत्पादन को बढ़ाएंगे. UFlex को USFDA से रीसाइकिल्ड पॉलीइथाइलीन उपयोग की मंजूरी मिली है.

Uflex Ltd. नोएडा में दो नए रीसाइक्लिंग प्लांट बनाएगी. इसके लिए वह 317 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. Uflex Ltd.के दोनों रीसाइक्लिंग प्लांट लेटेस्ट तकनीकों से लैस होंगे और हर साल 39,600 मीट्रिक टन तक प्लास्टिक कचरे को प्रोसेस करेंगे. कंपनी ने बुधवार को अपने बयान में कहा कि ये रीसाइक्लिंग प्लांट्स फूड पैकेजिंग में इस्तेमाल होने वाले आरपीईटी और आरपीई मटेरियल के उत्पादन को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगे.
कंपनी को अपनी रीसाइक्लिंग प्रोसेस के लिए यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से मंजूरी मिलने के बाद यह कदम उठाया गया है. यह मंजूरी यूफ्लेक्स को खाद्य पैकेजिंग में रीसाइकिल्ड पॉलीइथाइलीन का उपयोग करने की अनुमति देती है, जो प्लास्टिक कचरे को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
ये भी पढ़ें- शेयर मार्केट की गिरावट और आत्महत्या का क्या है कनेक्शन, चौंका देंगे 117 साल तक के ये आंकड़े
इन देशों में है रीसाइक्लिंग प्लांट
फिलहाल, UFlex के भारत, पोलैंड, मिस्र और मैक्सिको में रीसाइक्लिंग प्लांट हैं, जहां इस्तेमाल के बाद बचने वाले मल्टी-लेयर्ड मिक्स्ड प्लास्टिक, मल्टी-लेयर्ड एसेप्टिक पैकेजिंग और पॉलीइथाइलीन टेरेफ्थेलेट (PET) कचरे की प्रोसेसिंग की जाती है. खास बात यह है कि UFlex का हेडक्वार्टर नोएडा में है और इसकी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स भारत सहित यूएई, अमेरिका, सीआईएस, नाइजीरिया और हंगरी सहित कई देशों में है.
इन्फ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करेगा
UFlex का रीसाइक्लिंग प्रोसेस सुपर-क्लीन रीसाइक्लिंग की कैटेगरी में आता है, जो उपभोक्ता के बाद के रिसाइकल्ड मटेरियल से 95 फीसदी से ज्यादा स्याही हटाने में सक्षम है. यह निवेश कंपनी के रीसाइक्लिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करेगा.
UFlex के पूर्णकालिक निदेशक जीवराज गोपाल पिल्लै ने कहा कि हमने पॉलीप्रोपाइलीन (PP) के रीसाइक्लिंग के लिए USFDA सर्टिफिकेशन के लिए आवेदन किया है. यह UFlex को फ्लेक्सिबल पैकेजिंग उद्योग में पहली ऐसी कंपनी बनाएगा, जिसके पास फूड पैकेजिंग के लिए PET, PE और PP तीनों सामग्रियों को रीसाइकिल करने की तकनीक और क्षमता होगी.
आसान भाषा में समझें क्या है रीसाइक्लिंग
रीसाइक्लिंगएक ऐसा प्रोसेस है, जिसमें पुराने और इस्तेमाल किए गए प्लास्टिक, कांच, मेटल और कागज के सामानों को फिर से नए प्रोडक्ट में बदला जाता है. खास कर प्लास्टिक, कांच, मेटल और कागज की रीसाइक्लिंग के बाद उसे किसी भी आकार में ढाला जा सकता है. उदाहरण के लिए पुरानी प्लास्टिक की बोतलों की रीसाइक्लिंग कर आप गेंद या खिलौने भी बना सकते हैं.
ये भी पढ़ें- IndusInd Bank के शेयर बने रॉकेट, 14% उछले, जानें 27 फीसदी गिरावट के बाद क्यों भागा स्टॉक
पर्यावरण को भी होता है फायदा
इसी तरह पुराने कागज को इकट्ठा कर और रीसाइक्लिंग के बाद उन्हें फिर से नए कागज के प्रोडक्ट में बदला जाता है. इस तरह, रीसाइक्लिंग से हम पुराने सामानों को फिर से उपयोग में ला सकते हैं और नए सामानों को बनाने के लिए कम संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं. इससे पर्यावरण को फायदा होता है.
Latest Stories

भारत-अमेरिका के बीच पॉजिटिव रही ट्रेड डील पर बातचीत, दोनों देशों ने समझौते को जल्द पूरा करने पर दिया जोर

JSW Paints को CCI से मिली मंजूरी, Akzo Nobel India में खरीदेगी मेजॉरिटी हिस्सेदारी; ₹12,915 करोड़ में होगी डील

IPO की तैयारी में जुटी Simple Energy ने बनाया भारत का पहला Rare Earth-Free EV मोटर
