खाने-पीने की चीजें हुई सस्ती तो महंगाई से मिली राहत, नवंबर में WPI दर -0.32% पर पहुंची
नवंबर में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई सालाना आधार पर नवंबर में अक्टूबर के मुकाबले थोड़ी घटी है. महंगाई कम होने के पीछे खाने-पीने समेत कुछ और चीजों के सस्ते होने से फर्क पड़ा है. तो क्या चीजें हुई सस्ती और किन में दिखी महंगाई की झलक, देखें डिटेल.
WPI November: देश में थोक महंगाई दर ने नवंबर महीने में आम लोगों को थोड़ी राहत दी है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक नवंबर में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई सालाना आधार पर -0.32% पर पहुंच गई है. जबकि अक्टूबर में महंगाई दर -1.21% थी. ये गिरावट के साथ नेगेटिव मार्क पर था.
नवंबर महीने में महंगाई दर के काम होने की सबसे बड़ी वजह खाद्य पदार्थों यानी खाने-पीने की चीजें, खनिज तेल और कच्चे पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस की कीमतों में आई नरमी रही. WPI फूड इंडेक्स के आधार पर सालाना खाद्य महंगाई दर अक्टूबर में -5.04% थी, जो नवंबर में सुधरकर -2.60% पर पहुंच गई.
क्या सस्ता, क्या महंगा?
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार नवंबर में खनिजों की कीमतों में 4.50%, खाद्य वस्तुओं में 2.50% और गैर-खाद्य वस्तुओं में 1.28% की बढ़ोतरी दर्ज की गई. वहीं कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की कीमतों में 1.62% की गिरावट आई है. खनिज तेलों के दाम भी अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में 0.67% घटे, जबकि कोयले की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ.
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मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मिला-जुला असर
फैब्रिकेटेड मेटल प्रोडक्ट्स (मशीनरी को छोड़कर), खाद्य उत्पाद, अन्य नॉन मेटैलिक मिनरल प्रोडक्ट्सस, कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक और ऑप्टिकल प्रोडक्ट और केमिकल एवं केमिकल प्रोडक्टों की कीमतों में गिरावट देखी गई. वहीं दूसरी ओर अन्य मैन्युफैक्चरिंग, मशीनरी और उपकरण, टेक्सटाइल्स, इलेक्ट्रिकल उपकरण और रेडीमेड कपड़ों जैसी कैटेगरी में कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई.
अक्टूबर में भी मिली थी राहत
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर में WPI आधारित महंगाई दर -1.21% पर दर्ज की गई थी, जबकि सितंबर में यह 0.13% थी. अक्टूबर में फूड इंफ्लेशन –5.04% था, जबकि सितंबर में यह –1.99% था. इसका साफ मतलब है कि खाने-पीने की कई चीजें और भी सस्ती हुई हैं. इसके अलावा जरूरी सामानों में भी हल्की गिरावट देखने को मिली.
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