अब गांव-मोहल्ले के मौसम की होगी भविष्यवाणी, भारत ऐसा करने वाला पहला देश; 6 KM वाला सिस्टम रेडी
भारत ने दुनिया का पहला ऐसा मौसम पूर्वानुमान सिस्टम बनाया है. यह 6 किलोमीटर के दायरे में मौसम की सटीक भविष्यवाणी कर सकता है. इसका नाम भारत फोरकास्टिंग सिस्टम (BFS) है. इसे पुणे के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेटिओरॉलॉजी (IITM) ने बनाया है.

India Forecasting System: भारत ने दुनिया का पहला ऐसा मौसम पूर्वानुमान सिस्टम बनाया है. यह 6 किलोमीटर के दायरे में मौसम की सटीक भविष्यवाणी कर सकता है. इसका नाम भारत फोरकास्टिंग सिस्टम (BFS) है. इसे पुणे के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेटिओरॉलॉजी (IITM) ने बनाया है. इसे सोमवार को भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) को सौंपा गया. इस सिस्टम ने मौसम की भविष्यवाणी को 30 से 67 प्रतिशत तक बेहतर किया है. खासकर मानसून, तूफान, भारी बारिश और चक्रवात जैसी घटनाओं में.
क्या है खास?
अगर कोई पंचायत 6 किलोमीटर के दायरे में है तो उसका मौसम अलग से बताया जा सकता है. यह सिस्टम न सिर्फ भारत के लिए, बल्कि Tropical Region के सभी देशों के लिए उपयोगी है. भारत इस तरह का 6 किलोमीटर रिजॉल्यूशन वाला सिस्टम बनाने वाला पहला देश है. यह बता देगा कि 6 किमी के दायरे में कैसा मौसम रहने वाला है.
6 किमी रेजोल्यूशन का पूर्वानुमान सिस्टम विकसित करने वाला भारत पहला देश है. अमेरिकी, ब्रिटेन और यूरोपीय देश भी अभी तक 9-14 किमी का ही रेजोल्यूशन सिस्टम बना पाए हैं. अभी आईएमडी की पूर्वानुमान क्षमता 12X12 किमी के ग्रिड में भविष्यवाणी करने की थी, जो अब 6X6 किमी के ग्रिड के पूर्वानुमान देने की हो जाएगी. यानी पहले एक भविष्यवाणी 12 किमी के इलाके में चार गांवों के लिए होती थी लेकिन अब 6 किमी के इलाके में अलग पूर्वानुमान मिल सकेगा.
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कैसे काम करता है?
BFS एक खास तकनीक TCO (Triangular Cubic Octahedral) का इस्तेमाल करता है. यह पृथ्वी को छोटे-छोटे ग्रिड में बांटकर मौसम का अनुमान करता है. इससे भविष्यवाणी की सटीकता बढ़ती है. यह सिस्टम किसानों को सटीक मौसम की जानकारी देगा. इससे वे अपनी फसलों की बेहतर देखभाल कर सकेंगे.
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भारी बारिश या चक्रवात जैसी घटनाओं की भविष्यवाणी में 30% और मानसून क्षेत्रों में 67% तक सुधार हुआ है. Ministry of Earth Sciences के सचिव एम. रविचंद्रन ने कहा कि यह सिस्टम दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है. IMD के महानिदेशक एम. मोहपात्रा ने कहा कि यह सिस्टम भारत को 6 किलोमीटर रिजॉल्यूशन के लिए दुनिया में पहचान दिलाएगा.
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