IC-814 और पुलवामा में शामिल आतंकियों का अंत, 40 पाक सैनिक ढेर, सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस में हुए कई बड़े खुलासे
पाकिस्तान और भारत के बीच जारी तनाव के बीच आज DGMO की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने कई अहम खुलासे किए. जानिए क्यों अचानक बढ़ा बॉर्डर पर हलचल, किन आतंकियों पर कार्रवाई हुई और सेना की रणनीति कैसी थी... पूरी खबर में जानिए ऑपरेशन ‘Sindoor’ की अंदर की बात.
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले ने देश को झकझोर दिया था. इस दर्दनाक हमले के बाद भारत की सेना ने जो जवाबी कार्रवाई की, वह अब दुनिया के सामने आ रही है. भारत और पाकिस्तान के बीच जारी संघर्ष विराम की पृष्ठभूमि में, आज तीनों सेनाओं – थलसेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुख अधिकारियों ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऑपरेशन ‘Sindoor’ की जानकारी दी. यह पहली बार है जब DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने आधिकारिक रूप से पुष्टि की कि इस LoC पर हुई कार्रवाई में पाकिस्तान के 35 से 40 सैनिक मारे गए हैं. हालांकि इस कार्रवाई 5 भारतीय जवान भी शहीद हुए हैं.
DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा, “22 अप्रैल को पहलगाम में हुए क्रूर हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया था. जब निर्दोष नागरिकों और हमारे जवानों पर लगातार हमले बढ़ते गए, तब हमें ये स्पष्ट था कि अब चुप रहना हमारे राष्ट्र के संकल्प के खिलाफ होगा.” ऑपरेशन ‘Sindoor’ इसी राष्ट्रीय संकल्प का प्रतीक बनकर सामने आया.
9 आतंकी ठिकानों पर एयर-स्ट्राइक, 100 से अधिक आतंकवादी ढेर
जनरल घई ने बताया कि 7 मई से शुरू हुए ऑपरेशन के तहत भारत ने सीमा पार 9 प्रमुख आतंकी शिविरों पर सटीक हमले किए. इनमें IC-814 हाइजैक और पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड यूसुफ अजहर, अब्दुल मलीक रऊफ और मुदस्सिर अहमद को भी मार गिराया गया. भारतीय वायुसेना ने कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया जबकि नौसेना ने सटीक मिसाइल सिस्टम मुहैया कराई.
पाकिस्तानी सेना की जवाबी कार्रवाई में मची खलबली
भारतीय हमलों के बाद पाकिस्तान की तरफ से जवाबी गोलाबारी और ड्रोन हमले किए गए, जिसमें उन्होंने जानबूझकर नागरिक इलाकों और धार्मिक स्थलों जैसे गुरुद्वारों को निशाना बनाया. जनरल घई ने कहा, “9 और 10 मई की रात में हमारे एयरबेस और सैन्य लॉजिस्टिक प्वाइंट्स पर पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन और विमान भेजे गए. लेकिन हमारी तैयारी ने उनकी हर कोशिश को नाकाम किया.”
हालांकि इसके जवाब में भारत ने कार्रवाई की जिसमें 9 और 10 मई के बीच एलओसी पर हुई गोलीबारी में पाकिस्तान के लगभग 35 से 40 सैनिक मारे गए. हाालंकि भारत के पांच जवान भी इस गोलीबारी में शहीद हुए. रिपोर्टर्स से हुई बातचीत में एयरफोर्स के प्रमुख अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की कि भारतीय सेना के सभी पायलट सुरक्षित हैं.
‘शुरू में हमारा टारगेट आतंकवादी थे, पाकिस्तानी सेना नहीं’
सेना के प्रवक्ता भारती ने कहा, “हमारी लड़ाई आतंकवादियों से थी, पाकिस्तानी सेना से नहीं. लेकिन पाकिस्तान ने इसे एक सैन्य संघर्ष में बदलने की कोशिश की.” उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की ओर से ड्रोन हमलों का सिलसिला 8 और 9 मई को चला, लेकिन कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ.
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