एक इंटेल और फिर दो महीने की तलाशी… सुरक्षा बलों ने कुछ इस तरह लिया पहलगाम हमले का बदला, मार गिराए तीनों आतंकी

Parliament Monsoon Session: मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर संबोधन शुरू किया, लेकिन सबसे पहले उन्होंने 'ऑपरेशन महादेव' के बारे में सदन को बताया. संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में भाग लेते हुए शाह ने कहा कि बैसरन घाटी में निर्दोष नागरिकों को उनके परिवारों के सामने उनका धर्म पूछकर मारा गया था.

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह Image Credit: Sansad TV

Operation Mahadev: ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में मंगलवार को भी बहस जारी है. बीते दिन केंद्रीय रक्षामंत्री के संबोधन से शुरू हुई बहस देर रात 1 बजे तक चली. मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर संबोधन शुरू किया, लेकिन सबसे पहले उन्होंने ‘ऑपरेशन महादेव’ के बारे में सदन को बताया. अमित शाह ने पुष्टि की कि पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले सभी तीन लश्कर आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन महादेव में मार गिराया.

तीनों आतंकी मारे गए

गृह मंत्री ने सदन को बताया कि जिन आतंकियों ने पहलगाम में पर्यटकों को मारा था. उन तीनों आतंकियों को सुरक्षाबलो ने मार गिराया है. उन्होंने कहा कि जिन्होंने बैसरन घाटी में हमारे 26 लोगों को मारा था, वो तीनों आतंकी मारे गए.

संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में भाग लेते हुए शाह ने कहा कि बैसरन घाटी में निर्दोष नागरिकों को उनके परिवारों के सामने उनका धर्म पूछकर मारा गया था. एक संयुक्त अभियान में सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हमले में शामिल तीन आतंकवादियों को मार गिराया है.

कैसे हुई तीनों की पहचान?

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तीनों आतंकवादियों- टॉप लश्कर कमांडर सुलेमान शाह, अफगान और जिब्रान – की पहचान पहलगाम हमलावरों के रूप में उन लोगों द्वारा की गई है, जिन्होंने 22 अप्रैल के नरसंहार के बाद उन्हें आश्रय दिया था. पिछले महीने दो स्थानीय लोगों – परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद, को हमलावरों को कथित तौर पर पनाह देने के आरोप में NIA ने गिरफ्तार किया था.

उन्होंने कहा कि जो लोग उन्हें (आतंकवादियों को) खाना पहुंचाते थे, उन्हें पहले ही हिरासत में ले लिया गया था. जब इन आतंकवादियों के शव श्रीनगर लाए गए, तो हमारी एजेंसियों द्वारा हिरासत में रखे गए लोगों ने उनकी पहचान की.

ऑपरेशन का ब्यौरा देते हुए शाह ने कहा कि सुरक्षा बलों को स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि वे आतंकवादियों को देश छोड़कर न जाने दें. उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने मारे गए आतंकवादियों की पहचान पहलगाम हमले के जिम्मेदार लोगों से मिलाने के लिए काफी प्रयास किया. इसके बाद ही धीरे-धीरे मीडिया के सामने विवरण आए.

ह्युमन इंटेल के बाद शुरू हुआ ऑपरेशन

अमित शाह ने कहा कि ऑपरेशन महादेव की शुरुआत 22 मई 2025 से ही हो गई थी. उन्होंने बताया कि 22 मई को आईबी के पास आई ह्युमन इंटेल से जानकारी मिली कि दाछीगाम क्षेत्र के अंदर आतंकियों की मौजूदगी है. इस जनकारी को पुख्ता करने के लिए 22 जुलाई तक लगातार कोशिशें की गईं, ऊंचाई पर सिग्नल हासिल करने के लिए हमारे जवान घूमते रहे. फिर 22 जुलाई को सेंसर के जरिए आतंकियों की मौजूदगी की पुष्टि हुई और फिर सुरक्षा बलों ने उन्हें घेर लिया.

ऑपरेशन को दिया गया अंजाम

जम्मू कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और सेना ने ऑपरेशन को अंजाम दिया. आतंकवादियों की के पास से तीन राइफलें बरामद की गईं. आतंकी सुलेमान, जिबरान और अफगान को मार गिराया गया. अमति शाह ने बताया कि आतंकियों के पास से M9 अमेरिकन राइफल्स और दो एके-47 बरामद किया गया. उन्होंने बताया कि आतंकियों के पास से जो कारतूस बरामद किए गए, उनकी वैज्ञानिकों से पुष्टि कराई गई.

गृह मंत्री ने संसद को बताया कि चंडीगढ़ स्थित एफएसएल लैब द्वारा किए गए बैलिस्टिक परीक्षणों से पुष्टि हुई है कि इन तीनों मारे गए आतंकवादियों ने पहलगाम आतंकी हमले के दौरान उन्हीं हथियारों का इस्तेमाल किया था जो उनके पास थे.

उन्होंने कहा कि आतंकवादी हमले के कारतूसों की एफएसएल रिपोर्ट पहले से ही तैयार थी. कल तीनों आतंकवादियों की राइफलें जब्त कर ली गईं और उनका एफएसएल रिपोर्ट से मिलान किया गया. जिसके बाद पुष्टि हुई कि इन तीनों ने ही आतंकवादी हमला किया था.

ऑपरेशन महादेव क्या है?

भारतीय सेना ने सोमवार को बताया कि जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान के पास हरवान इलाके में सुरक्षा बलों के साथ भीषण मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए.