HDB Financial Services पर किसका है मालिकाना हक, 12500 करोड़ का क्‍या करेगी कंपनी, जानें किसे मिलेगा फायदा

hdfc बैंक की सहायक कंपनी HDB Financial Services का IPO 25 जून से सब्‍सक्रिप्‍शन के लिए खुल चुका है. इसके जरिए कंपनी 12500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है. तो आखिर कंपनी इन पैसों का क्‍या करेगी और कंपनी के प्‍लान क्‍या है, इसका फायदा किन्‍हें होगा, जानें पूरी डिटेल.

HDB Financial Services IPO opens for subscription Image Credit: money9

HDB Financial Services IPO: देश के सबसे बड़े निजी बैंक HDFC की सहायक कंपनी HDB Financial Services रिजर्व बैंक का IPO 25 जून यानी आज सब्‍सक्रिप्‍शन के लिए खुल चुका है. इसे निवेशकों से अच्छा रिस्‍पांस मिल रहा है. चित्‍तौड़गढ़ वेबसाइट के मुताबिक सुबह 10:26 बजे तक 0.05 गुना तक सब्सक्राइब हो चुका है. रिटेल कैटेगरी में इस इश्यू को 0.06 गुना, NII श्रेणी में 0.08 गुना सब्सक्राइब हो चुका है, हालांकि QIB में अभी तक इसका खाता नहीं खुला है. इस आईपीओ को लोगों को लंबे समय से इंतजार था, ऐसे में निवेशकों की नजर कंपनी के फ्यूचर प्‍लान पर टिकी है. आखिरकार HDB Financial Services आईपीओ से जुटाए जाने वाले 12,500 करोड़ का क्‍या करेगी और इस कंपनी पर मालिकाना हक किसका है, जानें पूरी डिटेल.

12,500 करोड़ का क्‍या करेगी HDB फाइनेंशियल सर्विसेज?

HDFC बैंक की सहायक कंपनी HDB फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड अपने बिजनेस का विस्‍तार करना चाहती है. आईपीओ में फ्रेश इश्यू से मिलने वाली राशि का उपयोग कंपनी अपने टियर-I कैपिटल बेस को मजबूत करने, भविष्य की लेंडिंग यानी उधार से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने और डिजिटल अपग्रेड में निवेश के लिए करेगी. यह कंपनी के तीन प्रमुख वर्टिकल्स—एंटरप्राइज लेंडिंग (39.30%), असेट फाइनेंस (38.03%), और कंज्यूमर फाइनेंस (22.66%) को मजबूती देने पर खर्च किए जाएंगे.

छोटे शहरों में बड़े दांव का प्‍लान

HDB फाइनेंशियल सर्विसेज की स्‍थापना 2007 में हुई थी. CRISIL की रिपोर्ट के अनुसार, ₹90,220 करोड़ के ग्रॉस लोन बुक के साथ यह भारत की सातवीं सबसे बड़ी रिटेल-फोकस्ड NBFC है. कंपनी का फोकस अंडरबैंक्ड और न्यू-टू-क्रेडिट ग्राहकों पर है, जिनमें से 12.02% ग्राहक नए क्रेडिट लेने वाले हैं. कंपनी का ‘फिजिटल’ (फिजिकल+डिजिटल) मॉडल इसे टियर-2, टियर-3 और टियर-4 शहरों में मजबूत पकड़ देता है, जहां यह MSME, वाहन लोन और पर्सनल लोन जैसे उत्पादों के साथ 1.75 करोड़ ग्राहकों को सेवा दे रही है. इस आईपीओ से जुटाई रकम से कंपनी ऐसे इलाकों में विस्‍तार करेगी, जिसका फायदा टियर2, टियर 3 और टियर 4 के लोगों को मिलेगा. 31 मार्च 2025 तक, HDB के 1,771 ब्रांच 1,170 शहरों और कस्बों में फैले हैं, जिनमें 80% से ज्यादा ब्रांच टॉप-20 शहरों से बाहर हैं.

कंपनी पर किसका है मालिकाना हक?

HDB फाइनेंशियल सर्विसेज, HDFC बैंक की सहायक कंपनी है. बैंक की इसमें 94.04% हिस्सेदारी है. IPO के बाद यह 74.19% हिस्सेदारी बनाए रखेगी. IPO में HDFC बैंक के शेयरहोल्डर्स के लिए ₹1,250 करोड़ (10% इश्यू साइज) का शेयरहोल्डर कोटा और कर्मचारियों के लिए ₹20 करोड़ का कोटा शामिल है.

कितने शेयरों की है पेशकश?

HDB फाइनेंशियल का IPO ₹2,500 करोड़ के फ्रेश इश्यू और ₹10,000 करोड़ के ऑफर फॉर सेल (OFS) का मिश्रण है, जिसमें शेयरों का प्राइस बैंड ₹700 से ₹740 प्रति शेयर तय किया गया है. इसमें न्यूनतम लॉट साइज 20 शेयर है, यानी रिटेल निवेशकों को कम से कम ₹14,800 का निवेश करना होगा. वहीं HDFC बैंक के शेयरहोल्डर्स के लिए स्‍पेशल कोटा रखा गया है. IPO 25 जून से 27 जून तक खुला रहेगा, और शेयर आवंटन 30 जून को फाइनल होगा. लिस्टिंग 2 जुलाई को BSE और NSE पर होने की उम्‍मीद है.

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GMP में कितना दम?

इंवेस्‍टरगेन के अनुसार 25 जून को एचडीबी फाइने‍ंशियल सर्विसेज आईपीओ का GMP 71 रुपये दर्ज किया गया. इसमें 9.59% का लिस्टिंग गेन मिल रहा है. लिहाजा इसके शेयर अपने प्राइस बैंड 740 रुपये के मुकाबले 811 रुपये पर होने की उम्‍मीद है.

कंपनी की वित्‍तीय स्थिति?

  • कंपनी की कुल संपत्ति FY25 के अंत में ₹1,08,663.29 करोड़ थी.
  • टैक्‍स के बाद लाभ (PAT) FY23 में ₹1,959.35 करोड़ था, जो FY24 में बढ़कर ₹2,460.84 करोड़ हो गया.
  • FY25 में कंपनी का PAT ₹2,175.92 करोड़ रहा.
  • ऑपरेशनल रेवेन्‍यू FY23 में ₹12,402.88 करोड़ था, जो FY24 में ₹14,171.12 करोड़ और FY25 में ₹16,300.28 करोड़ हो गया.