Mutual Funds बेचकर खरीद रहे हैं घर? लाखों बचाने के लिए इस ‘सीक्रेट वेपन’ का रखें ध्यान, LTCG टैक्स पर मिलेगी बंपर राहत
अगर आप भी म्यूचुअल फंड का निवेश बेचकर पहला घर खरीद रहे हैं, तो Section 54F आपके लिए बड़ा टैक्स फायदा ला सकता है. यह नियम खास तौर पर उन लोगों के लिए बनाया गया है जो अपना पूंजीगत पैसा घर खरीदने में लगाना चाहते हैं. आज हम विस्तार में समझाएंगे कि Section 54F कैसे काम करता है और इससे आपको कितना लाभ मिल सकता है.
Selling mutual funds to buy a home: अगर आप अपना पहला घर खरीदने का सपना सच करने के लिए म्यूचुअल फंड बेच रहे हैं, तो यह फैसला आपके लिए सिर्फ भावनात्मक नहीं, बल्कि वित्तीय तौर पर भी फायदेमंद साबित हो सकता है. क्योंकि ऐसे मामलों में लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) पर मिलने वाली धारा 54F की टैक्स छूट आपकी जेब में बड़ा अंतर ला सकती है. यह नियम खास तौर पर उन लोगों के लिए बनाया गया है जो अपना पूंजीगत पैसा घर खरीदने में लगाना चाहते हैं. आज हम विस्तार में समझाएंगे कि Section 54F कैसे काम करता है और इससे आपको कितना लाभ मिल सकता है.
क्या है पूरा मामला?
आइए एक उदाहरण से समझते है. मान लिजिए एक निवेशक ने इस साल अपने सभी इक्विटी म्यूचुअल फंड बेच दिए और बिहार में एक फ्लैट खरीदा. यह उनकी जिंदगी का पहला घर है. म्यूचुअल फंड बेचने पर ₹25 लाख का LTCG (Long-Term Capital Gain) हुआ. खरीदे गए फ्लैट की कीमत करीब ₹2 करोड़ है. अब सवाल यह है कि टैक्स में छूट Section 54 से मिलेगी या Section 54F से?
कौन-सी धारा लागू होगी?
ऐसे मामलों में Income Tax Act दो सेक्शन देता है-
| 1. Section 54 अगर आप घर बेचकर दूसरा घर खरीदते हैं, तो LTCG टैक्स से छूट मिलती है. यानी यह नियम तभी लागू होता है जब बेचा गया एसेट भी घर हो. |
| 2. Section 54F यह नियम तब लागू होता है जब आप घर के अलावा कोई दूसरा एसेट बेचते हैं, जैसे म्यूचुअल फंड, शेयर, प्लॉट, गोल्ड और उस पैसे से नया घर खरीदते हैं. साथ ही, शर्त है कि आपके पास पहले से एक से ज्यादा घर नहीं होना चाहिए. |
इस केस में कौन-सा नियम लागू होगा?
क्योंकि निवेशक ने म्यूचुअल फंड बेचे हैं, यानी घर नहीं बेचा, इसलिए Section 54 नहीं, बल्कि Section 54F लागू होगा. यह उनकी पहली residential property भी है, इसलिए वह 54F के सभी नियमों को पूरा करते हैं. Section 54F के तहत अगर आप म्यूचुअल फंड बेचकर मिले पूरे पैसे से घर खरीदते हैं, तो पूरा LTCG टैक्स माफ हो सकता है. अगर आपने कुछ पैसा कहीं और खर्च कर दिया और पूरा निवेश घर में नहीं किया, तो छूट रेशियो के हिसाब से मिलेगी.
48 महीने से कम अवधि वाले फंड पर क्या होगा?
अगर किसी इक्विटी म्यूचुअल फंड ने 12 महीने पूरे नहीं किए हैं, तो वे लॉन्ग-टर्म एसेट नहीं माने जाते. ऐसे फंड के गेन पर:
- नए टैक्स रेजीम में: आपकी बाकी इनकम ₹4 लाख से ज्यादा हो तो 20 फीसदी टैक्स लगेगा.
- पुराने टैक्स रेजीम में: अगर आपकी कुल टैक्सेबल इनकम (LTCG को छोड़कर) 5 लाख रुपये से कम है, तो Section 87A के तहत पूरा टैक्स माफ हो सकता है.
ध्यान रखें ये 3 बातें, नहीं तो ले ली जाएगी छूट वापस
Section 54F की टैक्स छूट रिवर्स हो जाती है अगर आपने जो घर खरीदा है, उसे 3 साल के भीतर बेच दिया. आप एक साल के भीतर दूसरा घर खरीद लेते हैं या 3 साल के भीतर नया घर बनवाने लगते हैं. ऐसा होने पर आपको पहले मिली टैक्स छूट वापस जोड़कर टैक्स देना पड़ेगा.
सोर्स: मनी कंट्रोल, बजाज फिनसर्व
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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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