म्यूचुअल फंड की SIP से मिलेगा बंपर रिटर्न, जानें ऑल टाइम हिट फॉर्मूला, नहीं खाएंगे गच्चा; रिपोर्ट में खुलासा
व्हाइटओक कैपिटल म्यूचुअल फंड की ताजा रिपोर्ट बताती है कि Systematic Investment Plan (SIP) निवेशकों के लिए लॉन्ग टर्म में बेहतर विकल्प है. अध्ययन में पाया गया कि चाहे SIP बाजार के ऊंचे स्तर पर शुरू हो या निचले स्तर पर, लंबे समय में पॉजिटिव रिटर्न मिलते हैं. रिपोर्ट बताती है कि मिड कैप फंड्स में SIP करने वालों को औसतन सबसे अच्छे नतीजे मिले हैं. सही समय की प्रतीक्षा करने के बजाय जल्दी शुरुआत और अनुशासित निवेश करना ही सफलता की कुंजी है.

WhiteOak Capital म्यूचुअल फंड के एक ताजा अध्ययन में निवेशकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही Systematic Investment Plan (SIP) पर विश्लेषण किया गया है. यह रिपोर्ट लंबे समय के बाजार आंकड़ों का अध्ययन करके निवेशकों के मन में उठने वाले सवालों के जवाब देती है और उन्हें बेहतर निर्णय लेने में मदद करने का प्रयास करती है. रिपोर्ट की मुख्य सीख यह है कि जल्दी शुरुआत करना और लंबी अवधि तक निवेश में बने रहना कॉर्पस बनाने के लिए सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है.
लॉन्ग टर्म का निवेश, सफलता की कुंजी
रिपोर्ट के अनुसार, कम समय में इक्विटी बाजार में उतार-चढ़ाव आम है, लेकिन निवेश की अवधि जितनी लंबी (3 से 15 साल) होगी, उतनी ही अस्थिरता कम होगी और अच्छे रिटर्न की संभावना बढ़ जाएगी. खास बात यह है कि 15 साल की किसी भी SIP अवधि में 100 फीसदी पॉजिटिव रिटर्न मिला है.
सेंसेक्स और निफ्टी जैसे प्रमुख इंडेक्स ने 10 साल की अवधि में लगभग 12.5 फीसदी का औसत रोलिंग रिटर्न दिया है. हालांकि, रिपोर्ट यह भी चेतावनी देती है कि अतीत का प्रदर्शन भविष्य के परिणामों का संकेत नहीं है और निवेशकों को निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना चाहिए.
शुरुआत चाहे ऊपर हो या नीचे, SIP है फायदेमंद
अक्सर निवेशक मानते हैं कि बाजार के निचले स्तर पर SIP शुरू करना अधिक फायदेमंद है. लेकिन अध्ययन से पता चलता है कि बाजार के ऊंचे स्तर पर शुरू की गई SIP भी मजबूत लॉन्ग टर्म रिटर्न दे सकती है. निचले स्तर पर शुरू करने से प्रतिशत रिटर्न थोड़ा अधिक हो सकता है, लेकिन यह अंतर लंबी अवधि में कम हो जाता है.
इसलिए सही समय का इंतजार करने की बजाय जल्दी शुरुआत करना और निवेश जारी रखना अधिक महत्वपूर्ण है. रिपोर्ट के मुताबिक, SIP में सबसे बड़ा जोखिम निवेश को टालना है, क्योंकि समय बीतने पर कंपाउंडिंग का लाभ खोना आपके रिटर्न को काफी प्रभावित कर सकता है.
मासिक खरीदारी में टाइमिंग कारगर नहीं
कई निवेशक महीने के सबसे अच्छे दिन की प्रतीक्षा करते हैं ताकि उस दिन SIP कर सकें. लेकिन रिपोर्ट बताती है कि मासिक SIP की टाइमिंग करने का प्रयास लगभग बेकार है. निवेश का सबसे अच्छा दिन केवल बाद में देखने पर ही स्पष्ट होता है. सही समय की प्रतीक्षा करते रहने से अवसर निकल जाते हैं. ऐतिहासिक रूप से, गलत समय पर शुरू की गई SIP ने भी लंबे समय में कार्पस बनाया है. यानी time in the market हमेशा timing the market से अधिक महत्वपूर्ण है.
लार्ज कैप, मिड कैप या स्मॉल कैप – कहां करें SIP?
अपने जोखिम प्रोफाइल के अनुसार फंड चुनना जरूरी है. रिपोर्ट बताती है कि जहां लार्ज कैप पोर्टफोलियो को स्थिरता देते हैं, वहीं मिड कैप कंपनियों ने ऐतिहासिक रूप से सबसे अच्छे रिटर्न दिए हैं. अगर किसी ने 10 साल तक मिड कैप फंड में SIP की है, तो औसतन बहुत अच्छा मुनाफा हुआ है. 98 फीसदी मौकों पर निवेशकों को 10 फीसदी सालाना से अधिक का रिटर्न मिला और 86 फीसदी मौकों पर यह रिटर्न 12 फीसदी सालाना से भी ऊपर रहा.
मासिक SIP के लिए कौन सी तारीख सबसे अच्छी?
रिपोर्ट के अनुसार, F&O एक्सपायरी के आस-पास की तारीख चुनना या SIP राशि को कई दिनों में बांटना लॉन्ग टर्म रिटर्न बढ़ाने में कारगर नहीं है. SIP के लिए सबसे अच्छी तारीख वही है जो निवेशक के कैश फ्लो (जैसे वेतन मिलने की तारीख) से मेल खाती हो.
दैनिक, साप्ताहिक या मासिक?
अध्ययन से पता चलता है कि दैनिक, साप्ताहिक और मासिक SIP के दीर्घकालिक रिटर्न लगभग समान हैं. BSE Sensex TRI में समान निवेश अवधि के दौरान प्रत्येक ने लगभग 14.2 फीसदी XIRR दिया. SIP की फ्रीक्वेंसी की तुलना में नियमितता और अनुशासन कहीं अधिक महत्वपूर्ण है. जल्दी शुरुआत करना और लगातार निवेश करते रहना ही धन निर्माण की असली कुंजी है.
SIP टॉप-अप किसके लिए है?
SIP टॉप-अप उन निवेशकों के लिए बेहतर है जिनकी आय समय के साथ बढ़ती है. वे छोटी शुरुआत करके धीरे-धीरे अपना योगदान बढ़ा सकते हैं और अपने वित्तीय लक्ष्यों को तेजी से हासिल कर सकते हैं. यह अनुशासन बनाए रखता है और लंबे समय में सामान्य SIP से अधिक कार्पस प्रदान करता है.
क्या बेहतर प्रदर्शन वाले इंडेक्स में बदलाव फायदेमंद है?
रिपोर्ट साफ कहती है कि पिछले साल के बेहतर प्रदर्शन वाले इंडेक्स का पीछा करना लगातार बेहतर नतीजे नहीं देता. जो निवेशक लगातार स्विच करते रहे, उन्होंने उतना या उससे कम रिटर्न पाया जितना उन निवेशकों ने पाया, जो एक ही इंडेक्स में टिके रहे.
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