8th Pay Commission: क्या हैं टर्म ऑफ रेफरेंस, जिनके आधार पर तय होगा सैलरी बढ़ने का फॉर्मूला
केंद्र सरकार ने मंगलवार को लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बड़ी खुशखबरी दी है. कैबिनेट ने 8वें वेतन आयोग के पैनल को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही टर्म ऑफ रेफरेंस को भी मंजूर कर दिया है, जिनके आधार पर वेतन आयोग की सिफारिशों को अंतिम मंजूरी मिलेगी.
केंद्र सरकार ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) के Terms of Reference को मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया. आयोग को गठन की तारीख से 18 महीने के भीतर अपनी सिफारिशें केंद्र सरकार को सौंपनी होंगी. इन सिफारिशों के आधार पर केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन-भत्ते और पेंशन में बढ़ोतरी तय करेगी.
क्या होगा आयोग का फोकस
केंद्र ने आयोग को निर्देश दिया है कि सिफारिशें तैयार करते समय देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति, राजकोषीय अनुशासन (Fiscal Prudence) और विकासात्मक खर्च के लिए संसाधनों की उपलब्धता को ध्यान में रखा जाए. इसके साथ ही आयोग को गैर-अंशदायी पेंशन योजनाओं (Non-Contributory Pension Schemes) के बोझ, राज्यों के वित्त पर पड़ने वाले असर और सार्वजनिक व निजी क्षेत्र के वेतन एवं सुविधाओं की तुलना भी करनी होगी.
कैसा होगा आयोग का ढ़ांचा
सरकार के मुताबिक, 8वां वेतन आयोग एक अस्थायी निकाय होगा जिसमें एक चेयरपर्सन, एक पार्ट-टाइम सदस्य और एक मेंबर-सेक्रेटरी शामिल होंगे. इसके अलावा आयोग यदि जरूरी समझेगा, तो किसी भी विषय पर अंतरिम रिपोर्ट भी दे सकता है.
ये हैं टर्म ऑफ रेफरेंस
आयोग जिन बातों को ध्यान में रखकर सिफारिशें देंगा उन्हें स्पष्ट करते हुए मंत्रालय ने पांच बिंदू जारी किए हैं.
- आयोग देश के आर्थिक हालात को ध्यान में रखते हुए वित्तीय समझदारी के आधार पर सिफारिशें करेगा.
- आयोग यह सुनिश्चित करेगा की विकास खर्च और कल्याणकारी उपायों के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध रहें.
- गैर-अंशदायी पेंशन योजनाओं की अनफंडेड कॉस्ट को भी ध्यान में रखा जाएगा.
- राज्य सरकारों पर सिफारिशों का प्रभाव भी ध्यान में रखा जाएगा, जो कुछ संशोधनों के साथ इसे अपनाते हैं.
- सेंट्रल पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को मिलने वाला मौजूदा सैलरी स्ट्रक्चर, फायदे और काम करने की शर्तें भी ध्यान में रखी जाएंगी.
10 साल के अंतराल पर बनता है वेतन आयोग
केंद्रीय वेतन आयोग आमतौर पर हर 10 साल में गठित किया जाता है. पिछली बार यानी 7वां वेतन आयोग 2016 से लागू हुआ था. हालांकि, इस बार वेतन आयोग के गठन में हुई देरी की वजह से सिफारिशें 2026 से लागू होने की संभावनाएं कम हैं. क्योंकि, आयोग को 18 महीने में सिफारिशें देने के लिए कहा गया है.
जनवरी 2025 में हुई थी घोषणा
केंद्र सरकार ने जनवरी 2025 में ही 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की थी. इसका मकसद केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और सेवा शर्तों में आवश्यक बदलाव सुझाना है.
कर्मचारियों की बढ़ी उम्मीदें
सरकारी कर्मचारियों में अब उम्मीदें बढ़ गई हैं कि अगले साल से उनका वेतन और भत्ते बढ़ सकते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि आयोग की सिफारिशें न केवल कर्मचारियों की आय पर असर डालेंगी बल्कि राज्यों की वित्तीय स्थिति पर भी बड़ा प्रभाव छोड़ेंगी.
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