8वें वेतन आयोग पर बड़ा फैसला, टर्म ऑफ रेफरेंसेज को कैबिनेट की मंजूरी, 18 महीने में पता चलेगा कितनी बढ़ेगी सैलरी

केंद्र सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बड़ी राहत देते हुए 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) के Terms of Reference (ToR) को मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिए गए इस फैसले से लाखों कर्मचारियों को वेतन और पेंशन में सुधार की उम्मीद जगी है.

8वें वेतन आयोग पर बड़ा अपडेट Image Credit: @Canva/Money9live

8th Pay Commission: केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आज यानी 28 अक्टूबर को 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) के Terms of Reference (ToR) को मंजूरी दे दी गई है. लंबे समय से इस घोषणा का इंतजार कर रहे कर्मचारियों के लिए यह फैसला नई उम्मीद लेकर आया है. अब आयोग औपचारिक रूप से अपना काम शुरू करेगा और केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और पेंशन के स्ट्रक्चर की समीक्षा करेगा.

18 महीने के भीतर सौंपनी होगी सिफारिशें

सरकार ने स्पष्ट किया है कि 8वां वेतन आयोग एक टेंपरेरी बॉडी के रूप में काम करेगा. इस आयोग में एक चेयरपर्सन, एक पार्ट-टाइम सदस्य और एक मेंबर-सचिव शामिल होंगे. आयोग को अपने गठन की तारीख से 18 महीनों के भीतर अपनी सिफारिशें केंद्र सरकार को सौंपनी होंगी. इतना ही नहीं, जरूरत पड़ने पर आयोग अंतरिम रिपोर्ट भी पेश कर सकता है ताकि कुछ सिफारिशों को पहले ही लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो सके.

कैसे तैयारी होगी वेतन आयोग की सिफारिश?

वेतन आयोग अपनी सिफारिशें तैयार करते समय कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान देगा. इनमें देश की आर्थिक स्थिति, राजकोषीय अनुशासन, विकास कार्यों और कल्याणकारी योजनाओं के लिए वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता और बिना योगदान वाली पेंशन योजनाओं का बोझ शामिल है. इसके साथ ही आयोग यह भी देखेगा कि उसकी सिफारिशों का असर राज्य सरकारों के वित्तीय ढांचे पर क्या पड़ेगा, क्योंकि ज्यादातर राज्य सरकारें केंद्र की सिफारिशों को थोड़े बहुत बदलाव के साथ अपनाती हैं. इसके अलावा आयोग केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र (CPSUs) और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के वेतन और सुविधाओं की भी तुलना करेगा, ताकि संतुलित और व्यावहारिक सिफारिशें दी जा सकें.

वेतन आयोग का गठन

दरअसल, केंद्रीय वेतन आयोग समय-समय पर गठित किए जाते हैं ताकि सरकार के कर्मचारियों के वेतन ढांचे, भत्तों, सेवा शर्तों और सेवानिवृत्ति लाभों की समीक्षा की जा सके. अब तक सात वेतन आयोग अपनी रिपोर्ट दे चुके हैं, जिनकी सिफारिशें हर दस साल के अंतराल पर लागू की जाती रही हैं. इसी परंपरा के तहत, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना जताई जा रही है.

कौन करेगा 8वें वेतन आयोग की अध्यक्षता?

इसके लिए केंद्र ने न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई को 8वें वेतन आयोग का अध्यक्ष नामित किया है. कैबिनेट की ओर से जारी प्रेस नोट के मुताबिक, वेतन पैनल में एक सदस्य (अंशकालिक) और एक सदस्य-सचिव भी शामिल होंगे. केंद्र ने IIM बैंगलोर के प्रोफेसर पुलक घोष को सदस्य और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव पंकज जैन को सदस्य-सचिव के तौर पर नामित किया है.

फोटो क्रेडिट- @PTI

दिखेंगे बड़े बदलाव!

सरकार ने इस साल जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की थी, ताकि कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए मौजूदा वेतन और पेंशन प्रणाली में आवश्यक सुधार किए जा सकें. माना जा रहा है कि आयोग की सिफारिशों के बाद कर्मचारियों के बेसिक पे, महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA) और पेंशन में अहम बदलाव देखने को मिल सकते हैं.

लाखों कर्मचारी और पेंशनभोगियों को सीधा फायदा

यह फैसला केंद्र सरकार के लगभग 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों के जीवन पर सीधा प्रभाव डालेगा. साथ ही, राज्य सरकारों के करोड़ों कर्मचारियों पर भी इसका असर पड़ सकता है, क्योंकि वे भी केंद्र की सिफारिशों को अपने स्तर पर लागू करते हैं. 

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