जमीन कागजात में नाम, खाता-खसरा में गलती? बिहार में घर-घर पहुंचेगी टीम और तुरंत होगा सुधार; जानें आप कैसे उठाएं लाभ

बिहार के लाखों जमीन मालिकों के लिए एक खास पहल शुरू की गई है. इस पहल के तहत अब लोगों को जमीन से जुड़ी परेशानियों से छुटकारा मिलने की संभावना है. लंबे समय से चली आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार ने एक तरीका अपनाया है.

बिहार में शुरू हुआ ‘राजस्व महा अभियान’ Image Credit: FreePik

Bihar Rajaswa Maha Abhiyan: अगर आपकी जमीन के कागजात (जमाबंदी) में कोई गलती है, तो अब चिंता की ज़रूरत नहीं. बिहार सरकार ने ‘राजस्व महा अभियान’ की शुरुआत की है, जिसके तहत राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग घर-घर जाकर नागरिकों की जमीन से जुड़ी गलतियों को ठीक करेगा. यह अभियान 16 अगस्त से 20 सितंबर 2025 तक चलेगा.

क्या है ‘राजस्व महा अभियान’?

अक्सर लोगों की जमीन की जमाबंदी में नाम, पिता का नाम, खाता-खसरा, क्षेत्रफल या किराया जैसी जानकारी गलत दर्ज हो जाती है. कई बार जमाबंदी संयुक्त नाम में रहती है या पूर्वजों के नाम से ही चलती है. ऐसे मामलों को सुधारने के लिए यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है.

राजस्व विभाग के अनुसार, इस अभियान के चार मुख्य लक्ष्य हैं:

  • डिजिटाइज्ड जमाबंदी में त्रुटियों का सुधार (परिमार्गन)
  • उत्तराधिकार नामांतरण (जमाबंदीदर की मृत्यु के बाद वारिसों के नाम दर्ज करना)
  • विभाजन नामांतरण (साझेदारों में आपसी सहमति, पंजीकृत डीड या कोर्ट आदेश के आधार पर बंटवारा)
  • गैर-डिजिटाइज्ड जमाबंदी का डिजिटलीकरण

कहां और कब होगा काम?

इस अभियान के तहत 19 अगस्त से 20 सितंबर 2025 तक पंचायत स्तर पर विशेष कैंप लगाए जाएंगे. ये कैंप पंचायत सरकार भवन या किसी अन्य सरकारी इमारत में होंगे. लोग कैंप की जानकारी महा-अभियान पोर्टल या अपने राजस्व अधिकारी और पंचायत प्रतिनिधियों से ले सकते हैं.

कैंप में क्या होगा?

  • हर कैंप में 10 विशेष सर्वे अमीन लैपटॉप और इंटरनेट के साथ मौजूद रहेंगे.
  • वहीं राजस्व कर्मचारी कैंप इंचार्ज की भूमिका में होंगे और रोजाना प्राप्त आवेदनों की रिपोर्ट पोर्टल पर दर्ज करेंगे.
  • एडिशनल कलेक्टर हर शाम 6 बजे तक विभाग को ऑनलाइन रिपोर्ट भेजेंगे.

घर-घर पहुंचेगी टीम

  • 16 अगस्त से 15 सितंबर तक राजस्व विभाग की टीम आवेदकों के घर जाएगी.
  • लोगों को उनकी डिजिटाइज्ड जमाबंदी की कॉपी और आवेदन पत्र दिया जाएगा.
  • आवेदन पत्र ऑनलाइन पोर्टल (https://biharbhumiplus.bihar.gov.in/mah/) से भी डाउनलोड किया जा सकता है.

आवेदन के बाद क्या होगा?

कैंप में आवेदन जमा करने पर आवेदक का नाम और मोबाइल नंबर OTP के जरिए पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा. बाद में आवेदन को ऑनलाइन अपलोड कर दिया जाएगा. इसके बाद आवेदक को उनके मोबाइल पर आवेदन की स्थिति की जानकारी मिलती रहेगी.

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इस अभियान से बिहार के लाखों जमीन मालिकों को राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि अब उन्हें अपने जमीन के कागजात सुधारने के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.