TDS से लेकर टैक्स बचत तक, Form 16 की पूरी गाइड; ऐसे आसानी से फाइल हो जाएगा इनकम टैक्स रिटर्न
Form 16 एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो नियोक्ता यानी आपकी कंपनी द्वारा कर्मचारियों को दिया जाता है, जिसमें उनकी सैलरी और TDS (टैक्स) की जानकारी होती है. यह फॉर्म इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने में बहुत महत्वपूर्ण है. यहां जानें कैसे डाउनोड होता है और कैसे भरना है ITR.

Form 16 ITR: अगर आप नौकरी करते हैं, तो आपके पास आपका Form 16 आ चुका होगा नहीं आया है तो जल्दी ले लें. यह वही डॉक्युमेंट है जो हर साल इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने में सबसे जरूरी होता है. इस बार ये फॉर्म वित्त वर्ष 2024–25 के लिए मिलेगा और असेसमेंट ईयर होगा 2025–26. अब चाहे पेपर फॉर्म हो या डिजिटल वर्जन दोनों ही मान्य हैं. डिजिटल फॉर्म भी काफी आसान और सुविधाजनक होता है.
क्या है Form 16 है और क्यों है इतना जरूरी
यह एक तरह का सर्टिफिकेट होता है जो आपका एम्प्लॉयर यानी कंपनी आपको देती है. इसमें साफ-साफ लिखा होता है कि आपने कितनी सैलरी पाई और उस पर कितना टैक्स काटा गया (TDS). यह सर्टिफिकेट इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 203 के तहत दिया जाता है. CBDT यानी सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज ने ये नियम बनाया है कि हर कंपनी को यह फॉर्म 15 जून तक कर्मचारियों को देना जरूरी है.
दो हिस्सों में होता है Form 16
- पार्ट A- इसमें कंपनी और कर्मचारी का नाम, नौकरी की अवधि और TDS की जानकारी होती है
- पार्ट B- इसमें सैलरी का पूरा ब्रेकअप मिलता है, कौन-कौन सी छूट ली गई, कौन-कौन से टैक्स डिडक्शन (जैसे सेक्शन 80C, 80D) का फायदा लिया और आखिर में टैक्सेबल इनकम कितनी बची है, ये सब होता है.
कैसे डाउनलोड होगा डिजिटल फॉर्म 16
अधिकतर कंपनियां यह फॉर्म ईमेल से या अपने इंटरनल पोर्टल पर देती हैं. इसके अलावा आप इसे tdscpc.gov.in से ले सकते हैं. यहां अपना PAN नंबर डाल कर लॉगिन करें फिर View Form 26AS सेक्शन पर जाएं, यहां आप देख सकते हैं कि आपकी सैलरी पर कितना TDS कटा है. हालांकि पूरा Form 16 यहां नहीं मिलेगा पर आप अपने एम्प्लॉयर की एंट्री जरूर चेक कर सकते हैं.
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Form 16 से ITR भरने का तरीक
- Form 16 मिलने पर पहले उसे Form 26AS और AIS (Annual Information Statement) से मिलाकर देख लें कि सब कुछ मेल खा रहा है या नहीं.
- फिर पार्ट B में दी गई सैलरी और डिडक्शन की जानकारी अपने ITR फॉर्म में भरें.
- अगर आप इनकम टैक्स की वेबसाइट से रिटर्न भर रहे हैं, तो या तो मैन्युअली जानकारी डालें या फिर जो प्री-फिल्ड डेटा आता है, उसे Form 16 से मिलान करके चेक करें.
- CBDT का सुझाव है कि रिटर्न फाइल करते समय TDS अमाउंट और PAN डिटेल्स जरूर मिलाएं, ताकि बाद में कोई नोटिस या प्रोसेसिंग में देरी न हो.
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