माई-बहिन मान से लेकर लाड़ली बहना योजना तक, महिलाओं के लिए कौन सी सरकारी स्कीम है ज्यादा फायदेमंद
देशभर में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कई राज्य सरकारें सीधी नकद सहायता और स्वरोजगार योजनाएं चला रही हैं. बिहार की ‘माई-बहिन मान योजना’ में महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये मिलेंगे, जबकि ‘महिला रोजगार योजना’ स्वरोजगार शुरू करने के लिए 2 लाख रुपये तक की मदद देती है. इसी तरह दो और योजनाएं हैं. आइए विस्तार से जानते हैं कि कौन सी योजना ज्याद फायदेमंद है.
Women Government Schemes: देश के कई राज्यों में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सरकार लगातार नई योजनाएं शुरू कर रही हैं. बिहार, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में महिलाओं को सीधे वित्तीय सहायता देने वाली योजनाएं हाल के महीनों में चर्चा में रही हैं. आइए जानते हैं कि बिहार की ‘माई-बहिन मान योजना’, ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’, मध्य प्रदेश की ‘लाड़ली बहना योजना’ और महाराष्ट्र की ‘माझी लाडकी बहीण योजना’ में क्या है. इन चारों सरकारी योजनाओं में महिलाओं को क्या-क्या फायदे मिलते हैं.
माई-बहिन मान योजना (बिहार – प्रस्तावित)
- राज्य: बिहार
- लाभ: 2,500 रुपये प्रति माह
- वार्षिक सहायता: 30,000 रुपये प्रति वर्ष
- अवधि: 5 साल तक
- कब से लागू: अगर इंडी गठबंधन की सरकार बनती है, तो 1 दिसंबर से लागू करने का प्रस्ताव
इस योजना के तहत बिहार की महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. इसका उद्देश्य राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाना और परिवार की आमदनी बढ़ाना है. यह सहायता सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जाएगी.
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना (बिहार – लागू)
- राज्य: बिहार
- लाभ: स्वरोजगार और वित्तीय सहयोग
- पहला चरण: 10,000 रुपये की सहायता
- दूसरा चरण: छह महीने बाद 2 लाख रुपये तक अतिरिक्त सहायता (जरूरत के आधार पर)
इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है. सरकार हर परिवार से एक महिला को 10,000 रुपये की शुरुआती राशि देती है ताकि वह रोजगार शुरू कर सके. छह महीने बाद व्यवसाय की समीक्षा के आधार पर 2 लाख रुपये तक अतिरिक्त सहायता मिल सकती है. इसके लिए योग्यता भी तय की गई है. जिसके अंतर्गत, उम्र 18 से 60 वर्ष और परिवार में कोई आयकरदाता या सरकारी कर्मचारी नहीं होना चाहिए.
लाड़ली बहना योजना (मध्य प्रदेश)
- राज्य: मध्य प्रदेश
- लाभ: 1,250 रुपये प्रति माह
- वार्षिक सहायता: 15,000 रुपये प्रति वर्ष
- लाभार्थी: विवाहित, विधवा, तलाकशुदा या परित्यक्त महिलाएं
- उम्र सीमा: 21 से 60 वर्ष
यह योजना महिलाओं को हर महीने 1,250 रुपये की सीधी नकद सहायता देती है. यह राशि महिला के आधार लिंक्ड बैंक खाते में भेजी जाती है. योजना का उद्देश्य परिवार की वित्तीय स्थिति में सुधार और महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा बढ़ाना है.
माझी लाडकी बहीण योजना (महाराष्ट्र)
- राज्य: महाराष्ट्र
- लाभ: 1,500 रुपये प्रति माह
- वार्षिक सहायता: 18,000 रुपये प्रति वर्ष
- लाभार्थी: विवाहित, विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्त महिलाएं और एक अविवाहित महिला प्रति परिवार
- उम्र सीमा: 21 से 65 वर्ष
- परिवार की अधिकतम आय: 2.5 लाख रुपये प्रति वर्ष
महाराष्ट्र सरकार की यह योजना महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए शुरू की गई है. योजना के तहत पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये प्रतिमाह दिए जाते हैं, जिससे वे अपने खर्चों को स्वतंत्र रूप से पूरा कर सकें.
किस योजना में सबसे ज्यादा फायदा?
नियमित मासिक आय के हिसाब से बिहार की माई-बहिन मान योजना सबसे अधिक राशि, 2,500 रुपये हर महीने देती है. वहीं, रोजगार के अवसरों के लिहाज से महिला रोजगार योजना सबसे उपयोगी है क्योंकि इसमें स्वरोजगार और व्यवसाय शुरू करने के लिए 2 लाख रुपये तक की सहायता मिल सकती है. सामाजिक सुरक्षा और नियमित आय के लिहाज से लाड़ली बहना योजना और माझी लाडकी बहीण योजना महिलाओं को हर महीने स्थायी आर्थिक सहायता देती हैं, जिससे उनकी आत्मनिर्भरता बढ़ती है.
ये भी पढ़ें- 8वें वेतन आयोग में इस फॉर्मूले से कैलकुलेट होगी सैलरी, अपने Basic Pay से जानें कितना बढ़ सकता है पैसा
Latest Stories
ITR Filing Deadline Extended: इनकम टैक्स रिटर्न और ऑडिट रिपोर्ट फाइल करने की बढ़ी तारीख, जानें नई डेट
8वें वेतन आयोग में इस फॉर्मूले से कैलकुलेट होगी सैलरी, अपने Basic Pay से जानें कितना बढ़ सकता है पैसा
EPFO वेज सीलिंग में होगा बदलाव, ₹25000 तक बढ़ सकती है लिमिट,1 करोड़ लोगों को मिलेगा फायदा: रिपोर्ट
