ये 10 चीजें चेक किए बिना न खरीदें अपना आशियाना, वरना बुरे सपने में बदल सकता है घर खरीदने का ड्रीम
घर या फ्लैट खरीदने के समय कुछ चीजों को चेक करना बेहद ही जरूरी होता है. क्योंकि देश में कई घर खरीदारों ने अपने सपनों के घर के लिए पैसे और भरोसा लगाया, लेकिन बाद में उन्हें देरी, गुणवत्ता की कमियां, कानूनी अड़चनें और अप्रत्याशित झटके झेलने पड़े जिससे उनका पैसा भी फंसा और मानसिक रूप से परेशान भी होना पड़ा. आइये जानते हैं.

भारत में अपना घर खरीदने को एक महत्वपूर्ण पड़ाव माना जाता रहा है. इसे सुरक्षा, सफलता और स्थिरता का प्रतीक भी माना जाता है. लोग अपनी सुख-सुविधाओं की चीजों में कटौती करते हैं, सालों तक बचत करते हैं और घर खरीदने के सपने को साकार करने के लिए अपनी जीवन भर की जमा-पूंजी लगा देते हैं. लेकिन फिर भी, कई बार घर खरीदने का सपना एक बुरे सपने में बदल जाता है. इससे घर खरीदने वाले न केवल पैसा गंवाते हैं, बल्कि सालों का सुकून भी गंवा देते हैं. वे अक्सर मुकदमेबाजी में फंस जाते हैं और उनके पास कोई चारा नहीं बचता है. 2016 में लागू रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम (RERA) ने पारदर्शिता और सुरक्षा का वादा किया था लेकिन लगभग एक दशक बाद भी, नियामक खामियों के कारण खरीदार असुरक्षित बने हुए हैं. आइये जानते हैं कि घर (फ्लैट) खरीदने समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकी आप ऐसी परेशानी में न पड़े.
घर (फ्लैट) खरीदते समय ये चीजे जरुर चेक करें
- घर या फ्लैटखरीदने से पहले आपको RERA पंजीकरण की जांच जरूर करना चाहिए. इससे यह सुनिश्चित हो जाएगा कि प्रोजेक्ट वैध और रजिस्टर्ड है या नहीं. एक्सपर्ट्स हमेशा रेरा में रजिस्टर्ड फ्लैट ही लेने की सलाह देते हैं.
- घर खरीदने से पहले साइट का निरीक्षण करना भी अहम है. इससे साइट प्लान, ड्रेनेज सिस्टम, बिजली-पानी की व्यवस्था आदि की जांच की का सकती है. आप वहां जाकर इसकी पुष्टि कर सकते हैं कि बिल्डर ने जो चीजे बताई हैं वो वहां मौजूद हैं, इससे आपको घर खरीदने के बाद परेशान नहीं होना पड़ेगा.
- घर या फ्लैट लेते समय बिल्डर या डेवलपर का रिकॉर्ड भी देखना जरूरी है. इससे पिछले प्रोजेक्ट्स के समय पर पजेशन देने जैसी जानकारी मिलती है. अगर उसके खिलाफ कोई शिकायत है तो आप उसके प्रोजेक्ट में निवेश न करें.
- टाइटल या लैंड टाइटल भी चेक करें. इससे जमीन के विवाद, मालिकाना हक के विवाद की जानकारी मिल सकेगी.
- बिल्डर का फाइनेंशियल स्टेटस भी देखें. अगर बिल्डर की वित्तीय स्थिति कमजोर है तो उस प्रोजेक्ट में पैसे न लगाएं.
- बिल्डर ने जो एमेनिटीज देने का वादा किया हो उसे भी चेक करना चाहिए. उसमें कोई नहीं होनी चाहिए
- ड्राफ्ट एग्रीमेंट को पढ़ें.समझौते की शर्तें और जिम्मेदारियां स्पष्ट होनी चाहिए.
- सबवेंशन स्कीम से सावधानी बरतनी चाहिए. ऐसी योजना जोखिम भरी हो सकती हैं.
- पेशेवर से मदद लें. प्रॉपर्टी की जांच के लिए इंजीनियर, वकील या किसी निरीक्षक की मदद लें.
- OC (Occupancy Certificate) न मिलने पर न फ्लैट की चाभी ने लें . बिना OC के कब्जा लेना जोखिम भरा हो सकता है.
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