घर खरीदने से पहले प्रॉपर्टी का इंस्पेक्शन है जरूरी, नहीं पता की ये चीजें तो भुगतना पड़ेगा अंजाम
अक्सर घर खरीदते समय लोग लोकेशन, कनेक्टिविटी और सुविधाओं को प्राथमिकता देते हैं. लेकिन घर की क्वॉलिटी और सुरक्षा को कई बार नजरअंदाज कर दिया जाता है. घर खरीदने में जिंदगी भर की कमाई लग जाती है. इसलिए हर खरीदार को अच्छे से जांच जरूर करनी चाहिए, लेकिन इसकी शुरुआत कहां से करें? आइये जानें.

घर खरीदारों के लिए आजकल प्रॉपर्टी का इंस्पेक्शन उतना ही अनिवार्य होता जा रहा है जितना कि होम इंश्योरेंस या लोन लेने की योजना बनाना होता है. इसका मुख्य कारण यह है कि घर खरीदना एक बड़ा निवेश होता है इसलिए कोई भी नहीं चाहता कि घर खरीदने के बाद उसमें छिपी हुई खामियां सामने आएं. प्रॉपर्टी इंस्पेक्शन से घर के डिजाइन, बिजली-पानी की समस्याएं आदि पहले से चेक की जा सकती हैं. वरना बाद में अंजाम भुगतना पड़ सकता है.
क्या होता है प्रॉपर्टी इंस्पेक्शन
प्रॉपर्टी इंस्पेक्शन किसी संपत्ति को खरीदने से पहले वहां जाकर उसे देखने को कहते हैं. इसमें पेशेवरों की मदद ली जा सकती है. इसमें संरचनात्मक स्थिरता, प्लंबिंग सिस्टम, इलेक्ट्रिकल सेफ्टी, नमी और सीलन, वेंटिलेशन और जल निकासी, सामानों की फिटिंग और फिनिशिंग की गुणवत्ता जैसी चीजों की जांच शामिल होती हैं.
प्रॉपर्टी का इंस्पेक्शन करने से पता चल जाती हैं ये चीजें
नए अपार्टमेंट व घर में अक्सर ऐसी समस्याएं मिलती हैं. इनमें फटी हुई टाइलें या बेमेल फ़र्श, दीवारों या छतों के पीछे पानी का रिसाव, ढीले बिजली के कनेक्शन या गलत अर्थिंग, खराब पाइपलाइन, बाथरूम में हिडन लीकेज और बालकनी में अपर्याप्त वॉटरप्रूफिंग जैसी चीजें शामिल हैं. ये समस्याएं सामान्य साइट विज़िट के दौरान दिखाई नहीं दे सकती हैं लेकिन बाद में इनकी मरम्मत में भारी खर्चा आ सकता है.
प्रॉपर्टी इंस्पेक्शन क्यों है जरुरी
भारत में, ज़्यादातर लोग अपने जीवनकाल में सिर्फ एक या दो बार ही संपत्ति खरीदते हैं. अचल संपत्ति की बढ़ती कीमतों के साथ, खर्च किया गया हर रुपया मायने रखता है. प्रॉपर्टी इंस्पेक्शन से कब्जे से पहले मन की शांति और निर्माण की गुणवत्ता में पारदर्शिता रहती है. डेवलपर्स को जवाबदेह ठहराने की क्षमता और इस बात पर स्पष्टता मिलती है कि घर रहने के लिए तैयार है या उसे मरम्मत की जरूरत है.
कब करें इंस्पेक्शन
नए फ्लैट के कब्जे से पहले
रीसेल प्रॉपर्टी की रजिस्ट्ररी से पहले
बिल्डर को अंतिम भुगतान करने से पहले
वारंटी या डिफेक्ट की लायबिलिटी की अवधि के दौरान
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