Allcargo Logistics के री-स्ट्रक्चरिंग प्लान को NCLT की हरी झंडी, शेयरधारकों को मिलेगा मुफ्त शेयर, जानें कंपनी का प्लान

लॉजिस्टिक्स सेक्टर की दिग्गज कंपनी ऑलकार्गो ने अपने कारोबार ढांचे में बड़ा बदलाव करने का ऐलान किया है. कंपनी के इस कदम से उसके निवेशकों और शेयरधारकों पर बड़ा असर पड़ सकता है. जानिए, इस नई रणनीति के पीछे क्या है कंपनी का बड़ा मकसद.

कंपनी का डीमर्जर Image Credit: FreePik

लॉजिस्टिक क्षेत्र की बड़ी कंपनी ऑलकार्गो लॉजिस्टिक्स लिमिटेड को अपने पुनर्गठन (Restructuring) प्लान के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) से मंजूरी मिल गई है. इस मंजूरी के बाद कंपनी अब अपने अंतरराष्ट्रीय सप्लाई चेन बिजनेस को एक नई लिस्टेड कंपनी, ऑलकार्गो ग्लोबल लिमिटेड में अलग करेगी. कंपनी का कहना है कि इस कदम से उसके कारोबार को स्पष्ट दिशा और ज्यादा कैपेसिटी मिलेगी.

अंतरराष्ट्रीय और घरेलू कारोबार होंगे अलग

कंपनी ने बताया कि ऑलकार्गो लॉजिस्टिक्स लिमिटेड के तहत फिलहाल जो अंतरराष्ट्रीय सप्लाई चेन कारोबार है, उसे अब ऑलकार्गो ग्लोबल लिमिटेड में ट्रांसफर किया जाएगा. वहीं घरेलू एक्सप्रेस और कॉन्ट्रैक्ट लॉजिस्टिक्स बिजनेस, जो फिलहाल ऑलकार्गो गती, गती एक्सप्रेस एंड सप्लाई चेन और ऑलकार्गो सप्लाई चेन में हैं, उन्हें मिलाकर लिस्टेड कंपनी ऑलकार्गो लॉजिस्टिक्स लिमिटेड में कंसॉलिडेट किया जाएगा.

इस पुनर्गठन के बाद ऑलकार्गो ग्रुप के तहत कुल चार लिस्टेड यूनिट होंगी:

  • ऑलकार्गो ग्लोबल लिमिटेड (अंतरराष्ट्रीय सप्लाई चेन)
  • ऑलकार्गो लॉजिस्टिक्स लिमिटेड (घरेलू लॉजिस्टिक्स)
  • ऑलकार्गो टर्मिनल्स लिमिटेड (CFS/ICD कारोबार)
  • ट्रांसइंडिया रियल एस्टेट लिमिटेड (रियल एस्टेट कारोबार)

शेयरधारकों को मिलेगा फायदा

कंपनी ने बताया कि इस पुनर्गठन के तहत ऑलकार्गो लॉजिस्टिक्स लिमिटेड के शेयरधारकों को ऑलकार्गो ग्लोबल लिमिटेड में 1:1 के अनुपात में शेयर मिलेंगे. यानी, जिन निवेशकों के पास ऑलकार्गो लॉजिस्टिक्स का एक शेयर होगा, उन्हें नई कंपनी में भी एक शेयर मिलेगा. वहीं, ऑलकार्गो गती लिमिटेड के शेयरधारकों को हर 10 शेयरों पर ऑलकार्गो लॉजिस्टिक्स लिमिटेड के 63 शेयर मिलेंगे.

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कंपनी के ग्रुप CFO और डायरेक्टर (स्ट्रैटेजी) रवि जाखर ने कहा कि यह पुनर्गठन कंपनी के प्रमुख कारोबारों को रणनीतिक स्वतंत्रता देगा और बेहतर वित्तीय जवाबदेही स्थापित करेगा. इससे ग्राहकों को युनिफाइड सर्विस का लाभ मिलेगा और हर एक बिजनेस ब्लॉक में अलग मैनेजमेंट टीम की निगरानी से विकास की गति तेज होगी.

कंपनी अब NCLT के आदेश को रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (ROC) के पास दाखिल कर आगे की प्रक्रियाएं पूरी करेगी. इसके बाद रिकॉर्ड डेट तय कर शेयर आवंटन और नई कंपनी की लिस्टिंग प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

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